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Shikha Mishra
ओ मधुर बंसी बजैया, गोकुल में धेनु चरैया। हे कृष्ण कन्हैया, भव पार करो मोर नइया।। मस्तक तिलक आछे, श्रवण कुंडल छाजे। अरूण अधर पर मृदुल मुस्कान साजे।। गोल कपोल, हरि कमल नयन विशाला। अलक घुंघराला, मोर मुकुट वैजयंती माला।। कंस को मारयो, गोवर्धन नख पर धारयो। हे सुदामा के मीत! दीनन के कष्ट निवारयो।। राधा के प्राण प्यारे, मीरा के हृदय को तारे। शरण लियो हमहुं, हे प्रभु यशोदा सुत नंद दुलारे।। जय माधव, जय नटनागर जय जगवंदन, जय जय यदुनंदन सुफल मनोरथ कीजे हे देवकीनंदन।। #yqbaba #yqhindi #janmashtami #कृष्णमेरे #radheshyam #smkrishna #bestyqhindiquotes Best of YourQuote Poetry Best YQ Hindi Quotes ओ मधुर बं
Insprational Qoute
कृष्ण सौंदर्य वर्णन ************ मोर-मुकुट सिर पर पगड़ी तेरे धानी है, मधुर सुरों की बांसुरी मधुर तेरी वाणी है। पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़ें। मोर -मुकुट सिर पर पगड़ी तेरी धानी है, मधुर सुरों की बांसुरी मधुर तेरी वाणी है, कानन कुंडल गल वैजयंती माला है, चाँद सा मुखड़ा ऐसा बृज
Anil Siwach
Anil Siwach
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the same for me to get the ©KP NEWS HD घर-घर कान्हा की बधाइयां बज रही है. श्रीकृष्ण भक्त श्रद्धा भाव से अपने आराध्य के बाल स्वरूप की पूजा-उपासना कर रहे हैं. धार्मिक मान्यता है कि
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
#वैजयंती_का_फूल ********************** तपती दुपहरी, हवा वेगवती और ज़मीन हैं पाथर शूल फ़िर भी देखों लहलहा रहीं खिली खिली वैजयंती फूल उसके साथ नही कोई तरुवर जमी उष्ण, हो गईं मरुवर फ़िज़ा तपेड़ी पवन के सँग में आसमान में रहीं है झूल फ़िर भी देखों लहलहा रहीं खिली खिली वैजयंती फूल तपती धरती, तपता अंबर है सूरज का भी आँख गरम हैं लू झुलसाए बदन मनुज का पकड़ रही हैं पीड़ा की तूल फ़िर भी देखों लहलहा रहीं खिली खिली वैजयंती फूल उसको कोई गीला न शिकवा दुःख उसको लगता हैं मितवा खारा जल शीतल विहीन में वह रंग बिखेरता पिला गुल देखों कैसे लहलहा रहीं हैं खिली खिली वैजयंती फूल झंझावतों से लड़ना सिखों विपदाओं से भिड़ना सिखों सुख दुःख में समवत रहना यहीं जीवन का सबके मूल विषम समय में लहलहा कर यहीं बता रही वैजयंती फूल ।। ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” देवरिया उत्तर प्रदेश ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #वैजयंती #Journey
CK JOHNY
तुमने फेरी मेरे नाम की माला। मैंने किस्मत ही तेरी फेर दी। तुमने कर में माला थामी मैंने हाथ तुम्हारा थाम लिया। उस उस को उबारा भवसागर से जिसने भी हृदय से मेरा नाम लिया। सुबह शाम भजन सुमिरन का नेक नियति से पूरा जिसने काम किया। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ माला
Bodhy
माला पियोदी है ,प्रेम की.. गुलाब की ख़ुश्बू ईत्र सी, रुहू की है.. उन्हें तो पहेना दी, मुझे पेहेनाना बाकी है -Bodhy #माला
Vrishali G
एक माला तुझ्या आठवांची मनात चमकून जाते आणि आयुष्यच माझे जणु क्षणार्धात उजळून जाते माला
CK JOHNY
तुमने फेरी मेरे नाम की माला। मैंने किस्मत ही तेरी फेर दी। तुमने कर में माला थामी मैंने हाथ तुम्हारा थाम लिया। उस उस को उबारा भवसागर से जिसने भी हृदय से मेरा नाम लिया। सुबह शाम भजन सुमिरन का नेक नियति से पूरा जिसने काम किया। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ माला