Nojoto: Largest Storytelling Platform

New चमकना का भाववाचक संज्ञा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about चमकना का भाववाचक संज्ञा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चमकना का भाववाचक संज्ञा.

    PopularLatestVideo

Bishnu kumar Jha

भाववाचक संज्ञा #Hindi #जानकारी

read more
mute video

Juhi Jha Parasar

भाववाचक मुहब्बत भाववाचक संज्ञा मात्र तो नहीं,,,,,

read more
 भाववाचक
मुहब्बत भाववाचक संज्ञा मात्र तो नहीं,,,,,

||स्वयं लेखन||

सूरज रोज चमकता है रोज दमकता है, सूरज जैसे बनाना चाहता हूं। रोज चमकना रोज दमकना चाहता हूं। #विचार #Motivation # #कविता

read more
सूरज रोज चमकता है रोज दमकता है,
सूरज जैसे बनाना चाहता हूं।

रोज चमकना रोज दमकना
चाहता हूं। सूरज रोज चमकता है रोज दमकता है,
सूरज जैसे बनाना चाहता हूं।

रोज चमकना रोज दमकना
चाहता हूं।
#विचार #motivation #

Jyotshna 24

चमकना है तो घिसना पड़ेगा,
जो घिसेगा, वो चमकेगा । #चमकना#नोजोटो

M.K.Arya...वज़ा

ये मेरा दिल जला कर के 
बहौत खुश हो रहे हो तुम 
मग़र याद रखना
जो जलता है वही चमकता है। #दिल#चमकना

pramod malakar

#बंजर धरती का चमकता सितारा 3 #प्रेरक

read more
बंजर धरती का चमकता सितारा ...3
********************************
सुबह के  लगभग दस बज चुके थे , बारिश छुटने का नाम  नहीं ले रही थी ।
मूसलाधार  बारिश होने के  कारण डॉ रणवीर की  नौकरानी  काम करने के
लिए नहीं आ  सकी । डॉ रणवीर  और डॉक्टर  सुनीता दोनों को  अस्पताल
जाना था लेकिन तीन वर्ष का बेटा अनुप को किसके भरोसे छोड़कर जाती।
सुनिता बार - बार नौकरानी  कमला को फोन कर रही थी लेकिन फोन नाट
रिचेवल बता रहा था । नौकरानी  नहीं आने के कारण अभी  तक नाश्ता भी
नहीं बना था । इधर  बारिश  और हवा दोनों तूफान  मचा  रही थी । डाक्टर 
पति - पत्नी सोफा पर बैठे  हुए  थें और  बेटा  अनुप पलंग के  मोटे  गद्दे पर
उछल  रहा था । डाक्टर  सुनीता  कभी बेटे को खेलते हुए  देखती तो  कभी
नास्ता और दोपर के भोजन के बारे में सोचने  लगती । फिर सुनीता  उठकर
रसोईघर कि ओर चली गई , थोड़ी देर बाद बेटे को खाने के लिए बिस्कुट दी
और  अपने दोनों के लिए चाय के  साथ  टोस लेकर  आई । बंगले  के बाहर
ऐसा लग रहा था जैसे हफ्तों  बारिश नहीं छुटने वाली । चारों ओर आसमान
में अंधेरा घनघोर  छाया हुआ था । इधर रणबीर अपने  बेटे को खेलता देख
देख कर मन ही मन उसके भविष्य के बारे में सोच हीं रहा था , कि अचानक 
सुनिता अपने पति से बोली बेटा बड़ा हो गया है , इसका किसी अच्छे स्कूल
में नाम लिखा दो । रणवीर ....नाम तो लिखा दुंगा लेकिन लाना और लेजाना
घर में होमवर्क  बनवाना  यह सब  कौन करेगा । तुम भी सुबह से  शाम तक
अस्पताल में  छुट्टी  के बाद  प्राईवेट  प्रेक्टिस , मेरा भी यही  हाल , हम दोनों
को समय हीं कहां मिलता है जो बेटे का ख्याल रख सकें । रणवीर .............
सुनीता...... मेरा एक सुझाव है....... तुम अपना नौकरी छोड़ दो और अपने
बेटे का भविष्य पर ध्यान दो । सुनीता ....नहीं मैं नौकरी नहीं छोड़ सकती हूं।
रणवीर ... क्यों ...? सुनीता.....डेढ़ से दो लाख रुपए महिना मैं छोड़ दूं ......मैं
नहीं छोड़ सकती । रणबीर .... इतना पैसा क्या करोगी.....करोड़ों रुपए बैंक
बैलेंस , करोड़ों  कि सम्पत्ती  सब कुछ तो है  हमारे पास , गांव पर  भी बाप
दादा का सम्पत्ती भरा पड़ा है , खाने वाला कोई नहीं है।
-------------------------------
प्रमोद मालाकार की कलम से
___________________
कहानी आगे पेज ...4

©pramod malakar #बंजर धरती का चमकता सितारा 3
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile