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Hindi Jokes
छोरी - इंग्लिश स्पीकिंग क्लास में लेट पंहुची। टीचर: लेट कैसे? छोरी: सर एक्चुअली सिस्टर की मैरिज है बाजार गई थी मार्केटिंग करने। वहां एक ओल्ड फ्रैंड फेट गई। एक बार तो मैं नहीं रूक रही थी बट फिर वो रोंदू सी हो गई तो टू मिनट रूक गई। मैंने उसे कहा भी था कि सर बिरच जायेंगे लेट हुई तो। बट उसने पैंडा ही नहीं छोडा 😂😂 hindi jokes #छोरी #इंग्लिश #स्पीकिंग #क्लास #टीचर #एक्चुअली #सिस्टर #मैरिज #मार्केटिंग #hindijokes #jokes
Parasram Arora
जिस दिन दिखाई पड जांता है कि पूरी दुनिया मिल जाने से भी कुछ मिलता नहीं है... ऎसी प्रतिति होने पर एक क्रांति घटित हो जती है. तब कंकड़ पत्थर से नज़र हटती है और आत्मा की क्लास शुरू होती है धन मूल्यांहीन हो जाता है और इसके बाद जीवन मे ध्यान आध्यात्म और दर्शन का मूल्य प्रतिष्ठित होता है ©Parasram Arora आत्मा की क्लास
RjSunitkumar
क्रिकेट के सरताज हो आप खराब समय से लडने में बाजी कैसे रमे उसके बाप हो आप माना कि हर डिसीजन आप का लाजवाब सा होता है जब आप के सर पर हर वक़्त भारत माता का हाथ होता है सरताज।
Rahul Meena
चांदनी भी फिकी है, मेरे हुस्न के आगे फलक के सितारे भी मेरे आशिक है पर तू डूबा है, किसी और के ख्यालों मे ना जाने वो सरताज ए माशूक कैसा है। ©Rahul Meena #सरताज
Raone
तुम मेरी धुन, मेरी गीत, मेरी राग, मेरी जज़्बात हो । क्यूँ कि तुम मेरे जूनून-ए-इश्क़ की सरताज हो ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी सरताज
अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
तख्त दो या "ताज" ऐ मेरे "हमराज" होगी एक गुज़ारिश मेरी; तुम बनें रहो "सरताज"..!! #सरताज
Neer Star
ऐ तुच्छ हरकते करने वाले तू शैतान है इंसान नही, तू तोड़ेगा मेरा आत्मबल पर मेरा ईमान नही, मेने पहना है सरताज मेरी कलायी हुनर का, मैं तेरी तानाशाही का बनने वाला गुलाम नही..! ©Neer Star सरताज
पीके पारस
Attract तो मैं तभी हो गया था जब टीचर के पूछने पर कार्नर सीट से पाई की वैल्यू 3.142 होती है कि आवाज आई थी ! हम साला अभी तक यही समझते थे कि पाई की वैल्यू बाइस बटे सात होती है लेकिन उसने बताया की उसका एक सिंपल फॉर्म ये भी होता है...बात तो सही थी बाइस बटे सात को सॉल्व करने पर यही आ रहा था, लेकिन हमारी सोच कभी यहाँ तक पहुँची ही नही जबकि बुक में कहीं कहीं 3.142 लिखा हुआ था लेकिन कौन ध्यान दे एक बार सुन लिया कि बाइस बटे सात होता है तो बस हो गया ! खैर अब जब पाई की वैल्यू उसने बताई ही दी तो सोचा थोड़ी और वैल्यू पता कि जाए i mean दोस्ती की जाये...फिलहाल दोस्ती तो हमारी जैसे तैसे हो गयी लेकिन ये ज्यादा दिन चली नही, क्योंकि हममे कोई सिमिलरटीज नही थी | मैं ठहरा गाँव का घुम्मकड़ वो शहर की शहजादी, वो पापा की परी थी, मैं मम्मी का चमगादड़, वो पैदा होते ही प्लेग्रुप में पहुंच गई , हम साला 8 साल की उम्र में सीधे कक्षा तीन में एडमिशन लिए , पढ़ाई में तो हममे थोड़ी बहुत समानतायें थी पर वो भी नाम मात्र क्योंकि मैं मान बताता था वो वैल्यू निकालती थी, मैं घात लगाता था वो पावर चढ़ाती थी, वो पेरपेंडिकुलर अपॉन बेस पढ़ती थी मैं लंब बटे आधार, वो रेशियो और परपोशन पढ़ती थी मैं अनुपात और समानुपात ! देखने मे तो ये केवल लैंग्वेज का फर्क था लेकिन हमारी कहानी कुछ इस कदर थी जैसे इंटररिलीजन लव...देखने में तो केवल मजहब का फर्क होता है लेकिन इसी मजहब के चक्कर मे कितनी तलवारें खिंच जाती है, कितनी दूरियां पैदा हो जाती है पता नही चलता पर हमारे बीच हिंसात्मक जैसा कुछ नही था सब कुछ अहिंसात्मक था | उसने कोशिश तो बहुत की मुझे समझने की और समझाने की पर क्या करें Maths और Love दो ऐसी चीजें है जो इंसान को जल्दी समझ नही आती | वो मुझे Lcm समझाती रही मैं Hcf समझता रहा और जाने कब Lcm ,Hcf के चक्कर मे हमारे प्यार का फ़ैक्टोरियल निकल गया हम जान ही नही पाये, आज जब ट्रिग्नोमेट्री लगाता हूँ तो उस क्लास रूम की याद आती है टीचर फिर से पाई की वैल्यू पूछता है, मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ कि 3.142 फिर से जवाब आएगा लेकिन अब जवाब नही आता है फिर आँख खोलकर देखता हूँ तो सिर्फ दीवार दिखाई देती है क्योंकि अब वो क्लासरूम नही है अब सिर्फ एक कमरा है जहाँ बैठकर मैं सेल्फ स्टडी करता हूँ ! अब वैल्यू कोई आकर नही बताता अब खुद ढूढ़नी पड़ती है, अब कोई ये नही कहता कि इसका सिंपल फॉर्म ये होता है अब खुद हर चीज को सिंपल बनाना पड़ता है | पाई की वैल्यू तो जान गया हूँ, लाइफ की वैल्यू क्या है इसे समझने का प्रयास कर रहा हूँ ! देखते है कितना टाइम लगेगा... __पीके पारस क्लास की की कुछ यादें..!!!
sartaj mansoori
चांद से कह दो कि अब वो सज कर तैयार हो जाए बरसों किया है मैंने जो इंतजार अब वह मेरे नाम हो जाए शहनाइयां बजाय अब उसकी और शरेबाजार वो नीलाम हो जाए लेखक सरताज मंसुरी सरताज मंसुरी