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~Bhavi
NR production (Nisha Ritesh)
हवा भी चल रही है मगर तू ही नहीं है फिज़ा रंगीन वही है कहानी केह रही है मुझे जितना भुलाओ मैं उतना याद आऊं कभी यादों में आऊं कभी ख़्वाबों में आऊं ©NR production (Nisha Ritesh) हवा भी चल रही है मगर तू ही नहीं है फिज़ा रंगीन वही है कहानी केह रही है मुझे जितना भुलाओ मैं उतना याद आऊं कभी यादों में आऊं कभी ख़्वाबों में आऊ
Rakeysh Sarwa
कभी ख्वाबो में आऊ,,, कभी यादों में आऊ,,
Sunita Shanoo
मोहब्बत के अवशेष सब कुछ खत्म होने के बाद भी कुछ अवशेष बचे रह जाते हैं जो बताते हैं कि खत्म कुछ नहीं होता रबर से मिटाने पर भी काग़ज़ पर अक्षर अपना निशान छोड़ जाते हैं वैसे ही तुम्हारा आना और मेरी प्रोफाइल में झांकना दर्ज होगा एक सदी में कि यह तुम्हारे सकुशल होने का संदेश भर है जब कभी सोशल मीडिया की फाइलें खंगाली जाएंगी न जाने कितने प्रेम पत्र मिलेंगे कुछ सेव कुछ डिलीट किए कुछ छूट गए होंगे तुम्हें जवाब देने की प्रतिक्षा में ये अवशेष मोहब्बत की नई दास्तान सुनाएंगे इन्हें कम मत आंकिए यह किसी की अंतिम सांसों का हिसाब होंगे इनमें जी रही होगी एक सभ्यता जो खामोशी से दफ़न हो गई होगी यह हरगिज़ कम नहीं होंगे मोहन-जोदड़ो या हड़प्पा की खुदाई से मिले अवशेषों से भी। यादों में कभी
Ravi Raj Rathore
इन यादों से बस तुम निकल मत जाना, नही तो हमें खोजना मुस्किल हो जायेगा तुम्हारा। ©Ravi Raj Rathore #यादें यादों में तुम,,,
Rabindra Kumar Ram
" एक काफिला हूं गुजर जाऊंगा , फिर तेरे दर पे कभी आऊं ना आऊं , तमाम फासलों के पैमाने बनेगें , फिर तुझे कभी याद आऊ ना आऊं ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " एक काफिला हूं गुजर जाऊंगा , फिर तेरे दर पे कभी आऊं ना आऊं , तमाम फासलों के पैमाने बनेगें , फिर तुझे कभी याद आऊ ना आऊं ."
mohanti
यादों में मुझे कभी,यूं ही ढूंढ लेना तुम!! ना मिलूं तो, धड़कनों से मेरा पता पूछ लेना तुम, रहूंगा मौजूद ,इन हवाओं में हमेशा फिर भी? ना देखूं तो?अपनी सांसों से पूछ लेना तुम!! ©mohanti यादों में मुझे कभी यूहीं#* #standAlone
Rabindra Kumar Ram
" एक काफिला हूं गुजर जाऊंगा , फिर तेरे दर पे कभी आऊं ना आऊं , तमाम फासलों के पैमाने बनेगें , फिर तुझे कभी याद आऊ ना आऊं ." --- रबिन्द्र राम " एक काफिला हूं गुजर जाऊंगा , फिर तेरे दर पे कभी आऊं ना आऊं , तमाम फासलों के पैमाने बनेगें , फिर तुझे कभी याद आऊ ना आऊं ."