Find the Latest Status about फरोगे हस्ती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फरोगे हस्ती.
M R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी सम्भल कर चल ऐ दिल नादान यह इंसानो की बस्ती है यहा राम को भी आजमा लिया जाता है सोच तेरी क्या हस्ती है ©M R Mehata हस्ती
Vivek Chandraker
उन्हें हमसे अगर प्यार ही नही तो जबर्दस्ती कैसी।। अगर जबर्दस्ती है तो हमारी हस्ती कैसी।। #हस्ती
Saba Singh
क्यों फिक्र करनी है किसी के साथ की यह सफर है तेरा तन्हा ही तुझे काटना है बुरा वक्त जो काट लिया तो अब फर्क क्या पड़ता है आएगा जो अच्छा वह भी तुझे ही काटना है क्यों परवाह करनी है किसी की तेरी हस्ती है तेरे दम से यह लोगों का कारवां है गुजर जाएगा।। ©Saba Singh हस्ती
arvind bhanwra
कहकहो की है दुनिया, कहकहो से चलती है, अपनी तो शुरत ही नामुराद है, फिर अपनी यन्हा....क्या हस्ती है । arvind bhanwra हस्ती
Skc
Skc... तेरे अल्फ़ाज से ज्यादा मेरी खामोशी मुझे बया करती हैं तू मुझे समझ सके तेरी ऐसी हस्ती कहाँ... हस्ती
dilip khan anpadh
हस्ती ***** महज इल्जाम गढ़ने से समंदर छोटा नही होता कई सिक्के जमाने मे सभी खोटा नही होता।। तुम मुट्ठी भींच तो लोगे आसमां को झुकाने को तेरी औकात है कितनी? धुआं भी हाथ न होगा। कभी जो शोर करते हो बगावत की लकीरों पर महज बदनामियों से क्या खुदा का खेद जता लोगे? जमीं पर पांव रखते हो बड़प्पन खूब गाते हो जब सांसे छोड़ आओगे यही सीने लगा लेगा। जिसे अदना जताते हो सगा इंसान है कोई फकत चिंगारियों से क्या तुम दुनियां जला दोगे? कभी हुंकार सुनना हो धरा के छोर पर जाओ तेरी बुलंद आवाज़ों का अनुत्तर शोर पाओगे। अमिट ये छाप होता है इंसाँ जो संजोता है फकत तुम नाम गढ़कर क्या खुदाई को मिटा दोगे?? लिखावट मौन है मेरा ऊंचाई व्योम में पसरा तेरे चीखने से क्या तुम धरती हिला लोगे? ये दुनियां मंच है ऐसा कई आए,चल दिये महज रुतवा दिखाकर क्या इसे अपना बना लोगे?? कफन से वास्ता तेरा कफन से वास्ता मेरा तुम ऊंचे घर मे रहकर क्या मेरी हस्ती मिटा दोगे?? दिलीप कुमार खां""""अनपढ़"" #हस्ती
Vijay Sharma
अंदाजे से ना नापिये किसी की हस्ती को__ठहरे हुए दरिया गहरे होते हैं... ©Vijay Sharma #हस्ती
S. Bhaskar
मासूम है नादान है वो सर्द गर्म से अनजान है, खुशियों की पकड़ते परछाई वो परेशान है, हमें हर मौसम कुदरत से खतरा रहता है, देखो इं मासूमों में खुद कुदरत अंदर रहता है, इनको गर्मी और बरसात की परवाह नहीं रहती, यू ये कौन है और क्या है कोई थाह नहीं रहती, ये वो दुखियारे है जो सब हसीं खुशी झेल लेते है, ये गरीब के बच्चे है ये काटों में खेल लेते है तीन पहर का अन्न कहां नसीब इनको होता है, ये वो है जो हर रात भूखे पेट सोता है, इनकी ख्वाहिशें सब मज़बूरी में तब्दील होती है, तंग हालातों में भी माएं कभी धीर नहीं खोती है, इन को भी सब खबर है कि परिस्थिति कैसी है, ये खुश है हर हाल में चाहे मंजिलें इनकी कुछ अलग ही हस्ती है। हस्ती
Manmohan Dheer
अपनी हस्ती मिटा के सिकंदर ने क्या पाया था आधी दुनिया जीत फिर खाली हाथ गवांया था जो तुम सरहद सरहद खेल रहे हो इस टुकड़े पर बस एक छोटे से ज़लज़ले में ऊपर आया था डूब भी जाएगा इक दिन बदन की गर्मी जो बढ़ी बहुत ठंडे दिमाग से किसी ने इसे बसाया था आँखें न खुलती हो तो दिमाग तो खोलो जरा रोटी कपड़ा मकान से जरूरी क्या बोलो ज़रा कोई रुक कर नही रहा शहर में जाना सबको है जाएगा इक इक बंदी जो हसीं जेल में आया था धीर..... हस्ती