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Vishal chaubey Agyat
"कभी चाँद ही थे हम भी उनके लिए थोड़ी दूरी क्या हुई अब तारे हो गए थकती थी न आंख उन्हें देख देख कर किस्मत ने सितम ऐसा किया एक अर्सा उन्हें अब निहारे हो गए " - विशाल अज्ञात जौनपुर एक अर्सा उन्हें निहारे हो गए
Anand Mohan Kumar Pandit
HINDI SAHITYA SAGAR
वह सुंदरता भी अद्भुत थी, अद्भुत थे वे नज़ारे। परम् अलौकिक छटा थी छिटकी, प्रतिपल रूप निहारे।। मधुमय-मंदित चितवन तेरी, अपलक नयन निहारे। जाये कहाँ वह सदन छोड़कर, जो आये द्वारे तुम्हारे।। ©HINDI SAHITYA SAGAR वह सुंदरता भी अद्भुत थी, अद्भुत थे वे नज़ारे। परम् अलौकिक छटा थी छिटकी, प्रतिपल रूप निहारे।। मधुमय-मंदित चितवन तेरी, अपलक नयन निहारे। जाये क
(तरूण तरंग)तरूण.कोली.विष्ट
तेरी सुरतिया में ऐसा खोये कोई नही भाता किसके होये हम जाग - जाग तुझे निहारे है सारा जग है देखो जब सोये ©®तरूण "सांवरा" कान्हा तुझे निहारे #Krishna #Radheradhe #Radhe Priya negi Priya dubey Priya Rawat priya saini Priya Pandey
संगीत कुमार
(नेह) नेह निहारे स्वप्न सजाये। सखी कब तुम आओगी।। अपनी बाते तुझे बताऊ। प्रेम रस कब लाओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। आँखों की पलको पे सजाऊ। मिलने अब कब आओगी।। बीती बाते फिर,कब हमे बताओगी। साथ फिर कब तू आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। प्रेम रस उर में संजोये। गले कब लग जाओगी।। हाथ में हाथ रखे। प्रेम पथ पर कब आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। नेह का दीप जलाये। तिमिर कब मिटाओगी।। प्रेम रस का अलख जगाने। फिर मिलने कब आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। प्यार की ज्योति जलाये। तुझे हम दिल से पुकारे।। स्पर्श कब हो पाओगी। आओ फिर प्रेम का दीपक जलाये।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। जीवन मे सूर्य की प्रभा बिखरे। पूनम की चमक सजाये।। अंधेरे में तू दीप जलाने। प्रेम जगाने जो आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। ©संगीत कुमार /जबलपुर ✒️स्व-रचित कविता 🙏🙏 (नेह) नेह निहारे स्वप्न सजाये। सखी कब तुम आओगी।। अपनी बाते तुझे बताऊ। प्रेम रस कब लाओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। आँखों की पलको पे सजा
Kajalife....
हे मोहन ! तेरे जीवन की धरा में बह रही एक धारा है जो बहते - बहते अपना वजूद खो तेरी ' राधा ' कहलायी .... # प्रेम प्रेम : राधे - राधे Happy janmashthmi ..... # श्री - कृष्ण प्रिय प्यारे तिहारे निहारे बिना अंखियॉ दुखियां नही मानती हैं ।