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भारद्वाज
सब प्रेम के वश में है ,पर प्रेम सब के वश में नहीं।। ©@Bhardwaj #सब प्रेम के वश में है ,पर प्रेम सब के वश में नहीं।। #RAMADAAN
HP
जिस प्रकार सारथी अपने रथ के घोड़ों को वश में रखता है, वैसे ही विद्वान विषयों में दौड़ने वाली इन्द्रियों को यत्नपूर्वक वश में रखे। वश
Anjali Jain
कितना भला लगा वह प्रसंग आज, जब अंगद के नेतृत्व में सभी वानर माता सीता को ढूँढने जाते हैं और समुद्र किनारे थक - हार कर बैठ जाते हैं! क्या भगवान के लिए कुछ मुश्किल था, कुछ भी नहीं! किन्तु बहुत ही साधारण मानव रूप में कष्ट उठाकर उन्होने हमें भी जीवन के कष्टों को शांति व धीरज से सहने की शिक्षा दी है और शांति पूर्वक समाधान खोजने की प्रेरणा भी! समस्या समाधान की कितनी संभावनाएँ और आशाएँ इस प्रसंग में निहित है! रामायण की पावन गाथा कितने धैर्य व समता के साथ, सकारात्मक जीवन जीने का विशुद्ध संदेश देती है! यहाँ विपत्तियाँ, मनुष्य द्वारा, बहुत ज्यादा योजनाबद्ध तरीके से पैदा नहीं की गई है वे प्राकृतिक ज्यादा है इसीलिए हृदय पल - पल द्रवित होता रहता है भाग्य के खेल के सामने क्या राम, क्या सीता, क्या हम सभी कितने विवश हैं? ये आज और कल सभी ने गहराई से महसूस किया होगा! कोई किसी का बुरा नहीं चाह रहा, कह रहा, कर रहा किन्तु समय व भाग्य का खेल सभी को खिलौना बनाए हुए है और सभी अपने- अपने दुख से विगलित और विचलित हैं, यही हमारे हृदयों को भी विचलित करता है! अरुण गोविल जी का भाव प्रवण अभिनय, रामायण का गीत संगीत सभी हृदय - स्पर्शी और मार्मिक है!! #प्रसंग वश #08. 04.20
Jyoti choudhary
सच कहते है बुजुर्ग हमारे "पहले तोलो फिर मुंह खोलो" बोलने से पहले शब्द मनुष्य के अपने वश में होते है, परन्तु बोलने के बाद मनुष्य शब्दों के वश में हो जाता है !! #YourQuoteAndMine Collaborati
Manish Gaur
जिंदगी की आस बड़ी सुंदर दिखती है। करीब जाने पर हर मुश्किल खड़ी दिखती है। #NojotoQuote जिंदगी को जीना हर किसी के वश की बात नहीं #jindgi
विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
एक उसके वश मे ज़ब मै था, तब उसकी ही एक तस्वीर बनाता था। # # # अब उसके वश सें बाहर हूँ मै..., अब सबकी तस्वीर बनाता हूँ। ©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) ज़ब उसके वश मै था.....
स्मृति.... Monika
वात के वश की नहीं थी बात #patriotic poem by #स्मृति..... Monika