Nojoto: Largest Storytelling Platform

New एकात्म मानववाद Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about एकात्म मानववाद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, एकात्म मानववाद.

    PopularLatestVideo
3c71c6a6682e866804590843ffd40beb

Vibhor VashishthaVs

Meri Diary #Vs❤❤ 
महान विचारक, एकात्म मानववाद व अंत्योदय के प्रणेता एवं भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर सादर 
नमन....। 
🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏
आपका सम्पूर्ण जीवन भारत की संस्कृति, एकता व उत्थान को समर्पित रहा.....। आपके विचार व सिद्धांत राजनीतिक शुचिता के लिए आज भी प्रासंगिक हैं....।
जीवन में विषमपरिस्थितियों का सामना करते हुए भी दीनदयाल जी हर क्षेत्र में चाहे वो शिक्षा हो या समाज के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन, अग्रणी ही रहे |
✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ 
महान विचारक, एकात्म मानववाद व अंत्योदय के प्रणेता एवं भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर सादर

Meri Diary Vs❤❤ महान विचारक, एकात्म मानववाद व अंत्योदय के प्रणेता एवं भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर सादर #yqbaba #yqdidi #YourQuotes #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #DeenDayalUpadhyay #vs❤❤

0 Love

fa57e0d9643d594dfb622111bfa3cc26

Sushil Kharat

 #माणुसकी #मानवता #एकात्मता #HUmanity #Insaniyat
fa57e0d9643d594dfb622111bfa3cc26

Sushil Kharat

 #माणुसकी #मानवता #एकात्मता #HUmanity #Insaniyat
5edf5cd1752fe1981ead870f078735cb

अमित नैथानी 'मिट्ठू'

दुनिया को उतना ही खूबसूरत होना चाहिए था , जितनी वो मेरे हिस्से की खिड़कियों से दिखती थी। एकान्त

एकान्त

3 Love

d8b47b9487993118dc0993ac0493e712

ganesh suryavanshi

एकान्त ही सही...
ना वाद -विवाद....
जिंदगी खुबसूरत हैं
जऩाब....
उलझने के बजाऐं
मूश्किलें सूलझाने के लिऐ..
अकेला ही रहेना बेहतर हैं...

©ganesh suryavanshi एकान्त

एकान्त

7 Love

f7761df22815fb62f9caf8b826142120

Harshada_Dhumal

मनात होणाऱ्या गप्पा नेहमी एकटेपणातच रमतात
कारण , 
आपल्या मनीचे भाव इतरांना थोडीच कळतात...

©Harshada_Dhumal #एकान्त
1fbd46a59c6168141f9d483859f56520

Sp"रूपचन्द्र"✍

आसमां,वो फरिश्ता,मैं और मेरा जमीर,
सब उसी के तो जागीर‌ हैं....

मैनें सोचा यह सब तो मेरे बाप का है,
बात भी तो कुछ राज का है,

 सपना टूटा....नींद खुली,और मैने देखा,
यह मेरे बाप का नही,यह‌ तो किसी और के बाप का है !!
                                        -Sp"रूपचन्द्र" #एकसत्य
8a3d586502da33ce0de5b33a133915a2

Monica Srivastava

एकान्त

एकान्त #कविता

27 Views

d1889dc7fc547755ee9a06c9178ea43a

Rajendrakumar Jagannath Bhosale

#एकसत्य
bb76cbd2c7a58f2e1e463942aa93a646

Vijendra Singh Rathore

एकांत में रहकर तुझे याद करता हूँ...
भीड़ में भी एकांत हर तरफ हैं अब... #एकान्त।।

एकान्त।।

2 Love

eac91c8ea190a7bb3b19d786761fa6bb

Rohit Kahar

इस मोल भाव के जगत में मानवता कहा खो जाती हैं 

कैसे कोई अग्बा कर लेता है किसी की बेटी को
सोचो कैसे खाते होंगे उसके घर वाले रोटी को

वहीं बेटी अग्बा हुई जब हुई तार तार थी
वहीं बेटी समाज की खातिर मानवता का अवतार थी

अक्सर बो बेटियां ही अग्बा होती है
 जिन्हे समाज ने पहनाई बेड़ियां होती है

क्यों न कुछ बेड़ियां समाज के लिए बना दे
और बेटियों को उन बेड़ियों से आजाद कर दे।
और बता दे समाज को (x2)
वो कल भी लछंमी बाई थी और आज भी लछंमी बाई है

©Rohit Kahar मानवता और मानवता

मानवता और मानवता #समाज

13 Love

fa2fab10e87beae0d5ab2037b9193eb7

sandeep awasthi

 एकाग्र विचार

एकाग्र विचार #शायरी #nojotophoto

5 Love

d8b47b9487993118dc0993ac0493e712

ganesh suryavanshi

ऐकटं राहण्याची सवय होती
विनाकारण समजूतदार चा
गर्दीत येऊन ही मी ऐकटा पडलो..
खोट खोट मन लाऊन...
लोकांनी साथ सोडली...
बर होतं..
मी आयूष्याचा वाटेवर ऐकटाच चालत होतो

©ganesh suryavanshi एकान्त

#Nofear

एकान्त #Nofear

11 Love

065527e9295b335c11f9ed1272da93ab

Rizwan Ansari ( Shafwan)

#Pehlealfaaz 
नज़र हटा भी तो सकती है कम-नज़र दुनिया 
वहीं है भीड़ जहाँ तख़लिया ज़रूरी है 

शफ़वान तख्लिया ( एकान्त)

तख्लिया ( एकान्त) #Quote #Pehlealfaaz

5 Love

d8b47b9487993118dc0993ac0493e712

ganesh suryavanshi

रोने की क्या जरूरत थी
         
तूम्हारे दर्द का हिस्सेदार मैं बन जाता हूॅ..

पर मेरी आसूओं की खबर किसी को

न लगे इसलिऐ एकान्त मे'

मैं चला जाता हूॅ.

©ganesh suryavanshi एकान्त

#lonely

एकान्त #lonely

7 Love

a74c5e0ea6603d984dd8eb6e8603af44

Anjali minz

शोर हमेशा हमे नही अच्छा लग सकता लेकिन
खमोशी हमे ज्यादातर अच्छी लगती है।
इसलिए शायद दिन और रात भी बने ताकि हम दिन भर की थकान और शोरगुल से आराम ले सकें रात के एकांत में।

©Anjali minz #sadquotes #एकान्त
b32e891e41638da9a4ab98bbdcd91e1f

Anjana Gupta Astrologer

ऋग्वेद.1 देवी

मैं रुद्रों के साथ विचरती हूँ ,
वसुओं के साथ भी ।
पीठ पर आरूढ होते हैं आदित्य ,
कभी विश्वदेवता भी ।
मित्रावरुण को साथ लेकर चलती हूँ ,
कभी अश्विनीकुमारों को ।
कभी इन्द्र और अग्नि मेरे साथ चलते हैं।।1।।सोम की तरंगों पर बैठी हुईआक्रमण करती हूँ शत्रु पर ,नवसृजन का कौशलसमझती हूँ ,उन पोषण क्षमताओं से भरी हूँ
जिनमें भगवत्ता विराजित है ।
समर्पण की स्रोतस्विनी हूँ ,यज्ञ को बनाती हूँ और यजमान का हृदय खोल देती हूँ।।2।।
मैं सम्पूर्ण भुवन की अधीश्वरी हूँ ,
सब वसुओं की संगमनी हूँ ।
मैं ही प्रथम यज्ञ की प्रथम ज्वाला ,सब देवता मुझमें ही रमे हुए ।सबका जीवन मेरे भीतर
और मैं सबके भीतर उतरी हुई हूँ ।।3।।मुझसे ही यह अन्नमयलोक ,
मुझसे ही यह दृश्य जगत् ,मुझसे ही यह प्राणमयलोक ,मुझसे ही श्रुति-परम्परा ।मेरी शरण में जो नहीं आते ,वे भी मेरे ही आश्रय में सुनो , श्रद्धावान् !यह रहस्य मैं बताती हूँ ।।4।।
मैं उस ज्ञान की उद्घोषिका हूँ
जो देवों में , मानुषों मेंचिरकाल   से स्थापित ।मैं जिसे चाहती हूँ ,
उसे तेज से भर देती हूँ ।मैं ही बनाती हूँ ब्रह्मवेत्ता ,मैं ही बनाती हूँ ऋषि ,मैं ही बनाती हूँ मेधावियों को ।।5।।
मैं उठाती हूँ धनुष रुद्र के लिये ,
ब्रह्म के द्रोहियों का नाश मैं ही करती हूँ ।शरणागतों की रक्षा के लियेयुद्ध करती हूँ ,इस द्यावा -पृथ्वी में मैं सर्वत्र व्याप्त हूँ ।।6।।
इस विश्व की मूर्धा में मैंने सूर्य को स्थापित किया ।मेरा घर जल में , अंत:समुद्र में ।सब भुवनों में मैं खड़ी एकाकीछू सकती हूँ सुदूर लोकों के शिखर ।।7।।
सकल भुवनों को रचती हुईमैं वायु की तरह प्रवाहित हूँ पृथ्वी पर भी
हूँ ,द्युलोक से ऊपर भी हूँ ।मैअपनी ही महिमा से यहाँ भी हूँ , वहाँ भी हूँ ।।8 देवी महात्म

देवी महात्म

9 Love

5e54e5bb38880c62cc6d54211da60a73

Shital Yadav

 गोशा - एकान्त

गोशा - एकान्त #शायरी #nojotophoto

9 Love

765388948ce08678b70e3629570cdefa

Rakesh Kumar Dogra

खलवत -एकान्त,

खलवत -एकान्त,

77 Views

c34414307d3f20c8a8ea5f6713ae8795

Arun Kumar Banjar

तन-धन का गुमान, छोड़ते दे वो इंसान,
              आज तेरा है कल , किसी और का कहाएगा ।
भूल से भी जुड़ नहीं, मोह-माया छोड़ यहीं,
               वरना ये सारे पाप , तुमसे  करवाएगा ।।
 लोभ द्वेष छल झूठ ,धन-दौलत की लूट,
               आपस में भाई -भाई को लड़वाएगा ।
 मानवता ही धर्म एक ,बाकी  धर्म को तू फेंक ,
               एक ही में तुम्हें सारे ,धर्म मिल जाएगा ।।
       
                                    Arun Kumar 'Banjar'
                                                (Poet)

©Arun Kumar Banjar मानवता

मानवता #Shayari

3 Love

52efba19b81eda758761d2ed16285f5b

usFAUJI

MOTIVATIONAL
मानवता के लिए एक सीख
जब एक वृक्ष को आधे तने से अलग कर दिया गया है फिर भी पड़ोसी वृक्ष के सहयोग से है जिंदा है इसी तरह हमारे जीवन में भी हम हमारे पड़ोसियों के लिए के बेहतर सहयोगी बनकर मानवता के लिए काम कर सकते हैं 
जय हिंद

©U S FAUJI #मानवता
77b64933ee14ee826ed7296d5dd592af

Swati

जिस इंसान में मानवता जिंदा नहीं,
वो इंसान भी मृत्यु के समान है।

©Swati #मानवता
ace2314abdc8f2cbd6f1e5b20bc5d25b

Shiv Narayan Saxena

जीवन की व्यस्तताओं में हम अकसर इतने उलझ जाते हैं कि छोटी-छोटी किन्तु महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान ही नहीं देते. हमारा ऐसा बरताव जीवन मूल्यों को भारी पहुंचाने वाला होता है. हमारे जीवन से सुख  छिन न जाये अत: इन्हें समझना तथा इनके प्रति सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है.

©Shiv Narayan Saxena मानवता.

मानवता.

11 Love

d453e3689b7a9839cda81b8b5b68d8d1

Vishal Kumar yadav

इतर से कपड़ों का महकाना कोई बड़ी बात नहीं है, मज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबू आये!! #मानवता
c44c5e9c5eed80d430a7b4530baa942f

KPL MTL

 मानवता.......

मानवता.......

9 Love

fe2750f78a92ffdfc6f5214f84729132

HP

“मनुर्भव जनया दैव्यं जनम्।”

‘ओ मनुष्य! तू सच्चे अर्थों में मानव बन।’ तेरा लक्ष्य आत्म-विकास ही न हो, तुम केवल मनुष्य बनकर सन्तोष न करना, वरन् अपने जीवन द्वारा दिव्यता का,मानवता का विकास करना। अपने आदर्शों के लिए उत्सर्ग होने के लिए सदैव तत्पर रहना ताकि मानवता का प्रवाह रुकने न पावे, सूखने न पावे। मानवता

मानवता

7 Love

0d57891c3cee3426b101efbed50db596

jitendra karnawat

मानवता

मानवता

481 Views

15c1d7a49847e2e273ba2b60bfdb4e7d

Sunil Singh

एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी जूते पॉलिश करने वाला एक लड़का आकर बोला~ ‘‘साहब! बूट पॉलिश ?’’

उसकी दयनीय सूरत देखकर उन्होंने अपने जूते आगे बढ़ा दिये, बोले- ‘‘लो, पर ठीक से चमकाना।’’

लड़के ने काम तो शुरू किया परंतु अन्य पॉलिशवालों की तरह उसमें स्फूर्ति नहीं थी।

वे बोले~ ‘‘कैसे ढीले-ढीले काम करते हो? जल्दी-जल्दी हाथ चलाओ !’’

वह लड़का मौन रहा।

इतने में दूसरा लड़का आया। उसने इस लड़के को तुरंत अलग कर दिया और स्वयं फटाफट काम में जुट गया। पहले वाला गूँगे की तरह एक ओर खड़ा रहा। दूसरे ने जूते चमका दिये।

‘पैसे किसे देने हैं?’ इस पर विचार करते हुए उन्होंने जेब में हाथ डाला। उन्हें लगा कि ‘अब इन दोनों में पैसों के लिए झगड़ा या मारपीट होगी।’ फिर उन्होंने सोचा, ‘जिसने काम किया, उसे ही दाम मिलना चाहिए।’ इसलिए उन्होंने बाद में आनेवाले लड़के को पैसे दे दिये।

उसने पैसे ले तो लिये परंतु पहले वाले लड़के की हथेली पर रख दिये। प्रेम से उसकी पीठ थपथपायी और चल दिया।

वह आदमी विस्मित नेत्रों से देखता रहा। उसने लड़के को तुरंत वापस बुलाया और पूछा~ ‘‘यह क्या चक्कर है?’’

लड़का बोला~ ‘‘साहब! यह तीन महीने पहले चलती ट्रेन से गिर गया था। हाथ-पैर में बहुत चोटें आयी थीं। ईश्वर की कृपा से बेचारा बच गया नहीं तो इसकी वृद्धा माँ और बहनों का क्या होता,बहुत स्वाभिमानी है... भीख नहीं मांग सकता....!’’

फिर थोड़ा रुककर वह बोला ~ ‘‘साहब! यहाँ जूते पॉलिश करनेवालों का हमारा समूह है और उसमें एक देवता जैसे हम सबके प्यारे चाचाजी हैं जिन्हें सब ‘सत्संगी चाचाजी’ कहकर पुकारते हैं। वे सत्संग में जाते हैं और हमें भी सत्संग की बातें बताते रहते हैं। उन्होंने ही ये सुझाव रखा कि ‘साथियो! अब यह पहले की तरह स्फूर्ति से काम नहीं कर सकता तो क्या हुआ???

ईश्वर ने हम सबको अपने साथी के प्रति सक्रिय हित, त्याग-भावना, स्नेह, सहानुभूति और एकत्व का भाव प्रकट करने का एक अवसर दिया है।जैसे पीठ, पेट, चेहरा, हाथ, पैर भिन्न-भिन्न दिखते हुए भी हैं एक ही शरीर के अंग, ऐसे ही हम सभी शरीर से भिन्न-भिन्न दिखाई देते हुए भी हैं एक ही आत्मा! हम सब एक हैं।

स्टेशन पर रहने वाले हम सब साथियों ने मिलकर तय किया कि हम अपनी एक जोड़ी जूते पॉलिश करने की आय प्रतिदिन इसे दिया करेंगे और जरूरत पड़ने पर इसके काम में सहायता भी करेंगे।’’

जूते पॉलिश करनेवालों के दल में आपसी प्रेम, सहयोग, एकता तथा मानवता की ऐसी ऊँचाई देखकर वे सज्जन चकित रह गये औऱ खुशी से उसकी पीठ थपथपाई...औऱ सोंचने लगे शायद इंसानियत अभी तक जिंदा है.....!!

©Sunil Singh
  # मानवता

# मानवता #समाज

37 Views

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile