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Rajeev Gupta

२०२०-२०२१ #coldnights

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क्यों उम्मीद करते हो नये साल से
कि कुछ अच्छा होगा,

इससे भी तो बहुत उम्मीदें थीं
इसने क्या दिया...?

©Rajeev Gupta २०२०-२०२१
#coldnights

Devanand Shere

स्त्री महिमा (जागतिक महिला दिन-8मार्च ) #Quote

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विषय - स्त्री महिमा 

स्वराज्याचे स्वप्न बघून तु शिवशंभूद्वारे पुर्ण केले।
दीनदुबळ्या रयतेवर जिजाऊंनी मोठे उपकार केले।। 
झांसी ची राणी लक्ष्मीबाई इंग्रजांवर तुटून पडली। 
तुझ्या शुरपणामुळेच स्वातंत्र्याची मुहुर्तमेढ रोवली।। 

कर्मठांना न दुमानता शेण, दगड सोसले। 
मॉं सावित्री तुझ्यामुळे स्त्रीशक्तीचे रत्न गवसले।। 
तुच नारी आदिशक्ति रोखू शकतेस अनर्थ। 
न घाबरता लढ आता तुम्ही तुच समर्थ।। 

चुल आणि मुल संभाळत तु लढली पुरुषांबरोबर। 
सत्य तुझी महती ही आहे जगासमोर खरोखर।। 
अन्याय, अत्याचार सहन करत तु मुळीच जगु नको। 
नराधमांना उत्तर दे तु कदापि घाबरु नको।। 

मॉं जिजाऊ, राणी लक्ष्मी प्रमाणे तुलाही बनावे लागेल। 
तेव्हाच कर्मठ, राक्षसी वृत्तीच्या लोकांना वचख बसेल।। 
बघु नकोस आता कोणाची वाट, तुच कर त्यावर मात। 
पेटव नव्या क्रांतीची वात, तुला मिळेल अनोखी साथ।। 

- Devanand Shere स्त्री महिमा (जागतिक महिला दिन-8मार्च )

Shubh jain

अधिक से आधिक लोगो तक पहुचाये

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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला
31 मार्च 2020 तक राजस्थान प्रदेश में 
धारा 144 लागू हो गई है 
अतः सभी प्रदेश वासियों से अनुरोध है की 
किसी भी स्थान पर 5 से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित
न होए ओर इस कोरोना वायरस से जल्दी 
सभी मुक्त हो ऐसी  भगवान से कामना करें।
जय हिंद जय भारत अधिक से आधिक लोगो तक पहुचाये

miss seemai

#२०२०

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ये साल ऐसा रहा की बता नहीं सकते 
अपनी मर्जी से कहीं जा नहीं सकते  
आशा है अब लोटे ना ये क्योंकि
हम इसको और ज्यादा अब सह नहीं सकते,,,😂

©miss seemai #२०२०

Er Prince Kumar

अलविदा 2020
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यूं   कह तो  2020   विष    ही   बन   गया
जो   पाया  था  वह   सब  तो  लुट ही  गया
हमने   अपना    कारोबार  ,  नौकरी  खोया
इसी    बहाने   परिवार    का   स्नेह   पाया

मार्च  से   कोरोना   का  आतंक   है  छाया
इस    दहशत     की    अजीब    है   माया
सारे  इंसान   को   कहां  से कहां पहुंचाया
हमने  स्वच्छ  प्राकृतिक  वातावरण  पाया

ऐसा महामारी  कोरोना  दहशत का साया
हमने खुद को ही  अपने घरों में कैद पाया
हमने दिखावे की जिंदगी जो थी वो खोया
कम साधनों में  जिंदगी गुजारना सिखाया

सबके   काम   धंधे   तो  बंद   पड़ा  पाया
किसानों  पर  तानाशाही का बुलंदी  छाया
जितना   पढ़ा - लिखा  सब  तो  हार  गया
पर हां हमने बेरोजगारी का दर्द जरूर पाया

रेल ,तेल ,खेल  सब तो करीब बिक ही गया
हमने  अपने  संविधान को  टूटते  हुए पाया
लोकतंत्र   के   चौथे  स्तंभ  को  सोते  पाया
हां मैं स्वस्थ लोकतंत्र का नागरिक कहलाया

  ✍ अभियंता प्रिंस कुमार
 सोनदीपी, बेगूसराय(बिहार)

©prince Kumar #२०२०

JOURNALIST VIPUL PARMAR

२०२० #विचार

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