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vinni.शायर
जैसे जैसे उम्र बढ़ती जा रही है.. जिम्मेदारी उतनी ही बढ़ती जा रही है.. ©vinni.shayr जैसे जैसे उम्र.. #Nature
Rajkumar Bairwa
कोहरा जैसे जैसे रात डल रही हैं तेरी सांसो की गरमाहट बढ़ रही हैं तू बेखबर हैं अपनी साँसो से, पर तेरी साँस मेरी रूह में जान भर रही हैं जैसे जैसे रात डल रही हैं
vinni.शायर
जैसे जैसे तुम दिल के करीब आती जा रही हो.. बेकरारी उतनी ही बढ़ती जा रही है... ©vinni.shayr जैसे जैसे तुम दिल के करीब.... #alone
Saurabh Gupta
जैसे-जैसे बड़े होते गए, एक-एक कर सारे अपने खोते गए... धीरे-धीरे सारे रिश्ते छूटते गए, तिल-तिल हम भी अंदर से टूटते गए... जैसे-जैसे बड़े होते गए... #growingold #loneliness #relations #lifelessons #brokensoul #yqbaba #yqdidi #yqmythoughts
r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla
माँ जैसे -जैसे ये ट्रेन बढ़ती जा रही है... मेरी चेहरे की रंग फ़ीकी पड़ती जा रही है, तुम कहती हो, अरे तुम तो बड़ी हो गई हो, लेकिन माँ, मै तुम्हारे बिना एक दिन भी रहना ना सीख पाई हूँ । मै जब भी घबराती हूँ, सोचती हूँ अगर तुम मेरे पास होती तो समझा देती,, बोलती अरे सब अच्छा होगा.... जो डर जाती हूँ, मै अँधेरे से तुम रौशनी ला देती.. रातों मे तुम लोरी सुना देती....... बड़ा डरपोक हूँ मै माँ, परीक्षा देने से डरती हूँ .. तुमको तो पता है न, तुम्हारी डाटें सुनने को तरसते हैं हम यहाँ तुम पास होती तो मुझे जगा देती, गले लगा मेरा हौसला बढ़ा देती....... ये सारी बाते तुम फोन पे कहाँ समझा पाती हो,, तुम पूछती हो,कैसी हो? ठीक हूँ.. बस यही जवाब पाती हो । तुम्हारी अँगुली पकड़े बिना चलना ना सीख पा रही हूँ..... ये लिखते -लिखते मेरी आँखे भरती जा रही है,, कल की मेरी सुबह तुम्हारे हाथों के चाय से ना होगी.. कौन उठाएगा मुझे? क्या करूँगी जब मन उदास हो जाएगा मेरा..... अगर रूठूँगीं तो कौन मनायेगा, मेरा चेहरे को तेरे अलावा कौन ही पढ़ पाएगा? ट्रेन की रफ्तार है...... और आँखें भरी हुई,, सभी बैठे हैं सामने जो हैं यात्रा मे,, मै अपने आँसु को पलके तले छिपाए जा रहीं हूँ.... कोई जान ना ले मेरा हाल,,, इसलिए मुस्कुराए जा रही हूँ.. माँ जैस -जैसे ये ट्रेन बढ़ती जा रही है, मेरे चेहरे की रंग फ़ीकी पड़ती जा रही है ।। ©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla जैसे जैसे ये ट्रेन बढ़ती जा रही है ...... #FindingOneself
Vivek shakya ( Kushwaha ji )
वो बचपन के बच्चे को खोते गए जैसे जैसे हम बड़े होते गए मम्मी का दुलार और बड़ों का प्यार धीर-धीरे बन गए कही सारे यार फिर दोस्ती प्यार और दुलार भी खोते गए जैसे जैसे हम बड़े होते गए। जैसे जैसे हम बड़े होते गए... #बड़ेहोतेगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi