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मोहित पंडित
Alone 1.हमने ये सोचकर तब ये खाई कसम एक दूजे के दिल में रहें उम्रभर वो जो रहते थे दिल में अदा बनके तब -२ वो नशा हो गए देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे क्या से क्या हो गए देखते देखते 2. कोई ऐसी कहानी भी हम पर बने जिसके नायक भी दिलवाले से हो कोई ऐसा भी लेख लिखे अश्क पर दिल मुरावी रहे देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे... 3.एक ऐसी लड़ाई भी हमने लडी जिसमे हारे थे हम और जीते हमी वो जो कहते थे देंगे हम साथ सदा वो खाफा हो गए देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे... 4.हमसे पूछो ना कैसी थी वो आशिकी दिल की धड़कन पे तेरी ही तस्वीर थी ऐसा वक्त का चक्कर चला प्यार पर वो जवां हो गए देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे.. #__मोहित__पाराशर सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे पर मेरे शब्द
मोहित पंडित
Alone 1.हमने ये सोचकर तब ये खाई कसम एक दूजे के दिल में रहें उम्रभर वो जो रहते थे दिल में अदा बनके तब -२ वो नशा हो गए देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे क्या से क्या हो गए देखते देखते 2. कोई ऐसी कहानी भी हम पर बने जिसके नायक भी दिलवाले से हो कोई ऐसा भी लेख लिखे अश्क पर दिल मुरावी रहे देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे... 3.एक ऐसी लड़ाई भी हमने लडी जिसमे हारे थे हम और जीते हमी वो जो कहते थे देंगे हम साथ सदा वो खाफा हो गए देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे... 4.हमसे पूछो ना कैसी थी वो आशिकी दिल की धड़कन पे तेरी ही तस्वीर थी ऐसा वक्त का चक्कर चला प्यार पर वो जवां हो गए देखते देखते सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे.. #__मोहित__पाराशर सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे पर मेरे शब्द
Sahil
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं …. जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिए। कितने मासूम थे
ASIF ANWAR
सोंचता हूं के वो कितने हमदर्द थे बेवफा हो गए देखते देखते। ©ASIF ANWAR सोंचता हूं के वो कितने मासूम थे। #Youme #AsifAnwar
Teenu मोड़ा
सोचता हूं कि बो कितने मासूम थे। आज क्या हो गए देखते देखते। मैंने पत्थर से जिनको बनाया सनम। बो खुदा हो गए देखते देखते। बो कितने मासूम थे
Naseeb Poetry
Thakur Ambrish Singh Kaushik
#DearZindagi सोचता हूं वो कितनी मासूम है क्या से क्या हो गई देखते देखते अक्सर तू ख्वाबों में आए तेरे बिन नींद ना आवे सोचू तुझे हर रात हर दिन "Ambrish Singh सोचता हूं वोह कितनी मासूम है