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विष्णुप्रिया
कान्हा के नेयनों में अश्रुजल ऐसे चमके वृक्षो के कर्णो में मानो लटक रहे हो तुहिन के झुमके 😊😊 वालपेपर देख कर लिख गया #yqdidi #hindiquotes #krishna #विष्णुप्रिया
पवन कश्यप
शायद मैं तुम्हारे फ़ोन की गैलरी में भी नही...। मगर तुम मेरा वालपेपर बन गए हो...। शायद मैं तुम्हारे फ़ोन की गैलरी में भी नही...। मगर तुम मेरा वालपेपर बन गए हो...।
Zindagi Aadhuri
सौ दिल भी हमारे पास होते , खुदा कसम सब तुम्हारे होते।। ©RAJA RT शायरी स्टेटस वालपेपर सुपर जिंदगी अधूरी sad moments 😢 आशीष रॉय 🇮🇳 DEVENDRA KUMAR ANAND KIEP Krishna's Devotees Gaurav Kumar Patel
Miss Creation
सुनो! वो लम्हा भी कितना मशहूर होगा,,,, जब मेरी मांग में तेरे नाम का सिन्दूर होगा !!! बस यूँ ही वालपेपर देखकर ये ख़्याल आया 🥰🥰😍😍😇😇🙈🙈❤❤ #merehumsafar , #soulmate #yqdidi , #yqhindi , #lovequote #yqaestheticthoughts , #yqrest
Dalip Kumar Deep
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep 🌿🌿🌷 वालपेपर की भाषा अलग होती है किसी पर लिखना हो तो समझ में आना चाहिये आप क्या उम्मीद करते हैं शब्दों से लफ़्ज़ों से मुझे आज तक सुप्रभात समझ
lalitha sai
सुनो.. इस नये साल में.. मैं..सबकी मन की.. परिशानी दूर करना चाहती हूं😇 Collab open..💝🎶 परन्तु कुछ इस तरह लिखिये कि, Font इस वालपेपर से बाहर न जाने पायें..🤗 #love #aestheticthoughts #oldisgold #मैंऔरतुम #mukult
Dharminder Dhiman
यह तुम्हारी परेशानी है, कि मेरे बताने के बाद भी, कि मैं किसी और की हूं मुझे दिल दिया। यह मेरी मजबूरी है, कि जिससे मैंने पहले वादा किया, उसकी वादा खिलाफी नहीं कर सकती! yQस्वाभिमानी कोलाब आमंत्रित है 🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए। 🎀 कोलाब करने
Dharminder Dhiman
ऐसा नहीं कि हम अपने अच्छे वक्त में साथ रहने को ही आए हैं। खुदा करे, ना आएं, मगर हम मुसीबत में भी एक दूजे के साथ रहेंगे! yQस्वाभिमानी कोलाब आमंत्रित है 🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए। 🎀 कोलाब करने के
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
हिंदी हमारी मातृभाषा, हिंदी हमारी शान है, हिंदी हिन्दुस्तानियों की, एक मात्र पहचान है। हिंदी शब्दों से रिश्ता, कुछ इस कदर हो गया, मैं हिंदी शब्दों में और हिंदी मुझमें खो गया। हिंदी मेरे दिल में बसी, मेरा आत्मज्ञान है, हिंदी एकमात्र, मर्यादित भाषा की पहचान है। हिंदी से मन में उत्पन्न, विकार पता चलता है, हिंदी से ही हमारा, संस्कार पता चलता है। हिन्दुस्तानियों को अगर हिंदी का ज्ञान है, सुनकर हर हिन्दुस्तानी को, होता अभिमान है। BKJ-01 रचना दिए गए विषय पर 8-10 पंक्तियों में लिखनी है, सिर्फ वालपेपर पर लिखें। font थोड़ा छोटा रखें। विषय का रचना में कम से कम एक बार आना अ