Find the Latest Status about कालूराम डूडी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कालूराम डूडी.
भाग्य श्री बैरागी
उनकी सिर्फ रहमतें ही हैं मेरी किस्मत में, माँ-बाप ने ख़िदमतें ना कभी अता फरमाई। #मेरी_बै_रा_गी_कलम #yqhindi #yqdidi Sandeep Dabral Sendy (पहाड़ी) ji Aनाम ji मनोज केसर डूडी sir Suraj Kothari sir
Anamika Nautiyal
जब तुम गडाए रहते हो नज़र, चमचमाती हुई स्क्रीन पर। तुम्हारी आँखें व्यस्त रहती हैं किसी चर्चा में , तुम्हारे कान मेरी आवाज़ नहीं सुन पाते । जाने कौन सी धुन है जिसमें तुम, मगन रहते हो, हमेशा दिन से रात, रात से दिन तक। मेरी ध्वनि की आवृत्ति बहुत कम हो गई है, मेरी उपस्थिति शून्य के समान है तुम्हारे लिए। जिस पर तुम टकटकी लगाए देखते रहते हो, वो मुझसे अधिक महत्वपूर्ण हो गया है । तुम्हारे बावजूद मैं अकेली हूँ, ये घर अब काटने को दौड़ता है। तुम्हारे और मेरे मध्य ही तो संवादों की अल्पता है , तो क्या हुआ मैंने दीवारों से बातें करना शुरू कर दिया है। अपना कमरा इतना अच्छा लगता है कि दीवारों से बातें करते हैं हम। #दीवारोंसेबातें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuot
Sangeeta Patidar
मैं इतवार ही हूँ मेरे भाई, हिसाब से ही आता-जाता हूँ, तेरी महबूबा नहीं, जिसके लिए तू हर रोज़ ही बदलता। गुस्ताख़ी के लिए Advance में माफ़ी और रिश्वत... 🙏🙏🍨🍨🍱🍰🙈🙈 Repost #yqdidi #yqhindi #lifequotes #sangeetapatidar #thoughtsofheart
Anamika Nautiyal
जीत हूँ, गीत हूँ, हवाओं में बहता संगीत हूँ मस्तमौला सी हूँ, ना किसी की मनमीत हूँ । तिश्नगी हूँ कि जुस्तजू में हूँ मैं किसी की, पूर्ण या अपूर्ण सी, लगती किसी की प्रीत हूँ। कभी उलझी हुई तो कभी सुलझी हुई सी, अपने ही सवालों में कैद, मैं जग की रीत हूँ। मैं रात्रि का गहरा शोर हूँ, मैं ऊर्जा से युक्त भोर हूँ, मैं निश्छल निर्मल बहती हुई गंगा सी पुनीत हूँ। मैं पथिक उन राहों की, जिन पर सृष्टि कभी ना चल पाई, आकांक्षायें काम क्रोध सब हैं मुझमें, कभी मैं विनीत हूँ। मैं विध्वंस, मैं आक्रोश हूँ, मैं जंजीरों में जकड़ा भविष्य हूँ, मैं कानों पर हाथ धरे वीराने घर की टूटती कोई भीत हूँ। मैं विस्तृत तो कभी सीमित हूँ, मैं मृत तो कभी जीवित हूँ, मैं कई उतार-चढ़ाव संग लिए शायद कोई जीस्त हूँ। अनेक ख़याल जन्मते हैं जिसमें वह मन हूँ मैं विलीन होती नदियों के सागर सी प्रतीत हूँ मैं पहाड़ों सी दृढ़ हूँ, मैं "अनाम" हूँ, मैं जेहन में बरसों से बंद अतीत हूँ। सुप्रभात,,,पता नहीं कैसी हूँ मैं 😅 Inspiration by मनोज केसर डूडी Sir pta nhi kya khichdi paka di hai😂 ,kshama kre🙏 #अनाम #अनाम_ख़्याल
Sangeeta Patidar
चाँद तवे पर सेंक के सौंधे अल्फ़ाज़, गढ सुंदर शिल्प, अनगढ़ बने बैठे हैं। जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि की ओट लेकर, कमाल हुनर और अनपढ़ बने बैठे हैं। Shilpa Sony Sorry Dear, डाका डालने के लिए 😜😜🍨🍨🍨🍨🍫🍫🍫🍫 मनोज केसर डूडी जी... आइए चाय हो जाये ☕☕☕☕☕🥜🥜🥜🥜 Beautifulllllllllllllllllll.... Bahuuuuu
भाग्य श्री बैरागी
देश रक्षक रक्षा करने हर समय लड़े। ,, open 4 collaboration,👍👍 आप भी चाहे तो एक हाइकु किसी भी समाजसेवी के लिए लिखकर क्लोब कर सकते हैं,,,, हाइकु में तीन पंक्तियां होती हैं, ती
Krish Vj
हँसी हो या ग़म हो होठों पर मुस्कान हो या आँखें नम हो जो भी हो बस ज़िंदगी तेरे संग हो OPEN FOR COLLAB 😁 #ATpositive4collab • A Multiple Collab Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚 Collab on this beautiful bg with your friends.