Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मना सज्जना भक्तिपंथेची जावे Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मना सज्जना भक्तिपंथेची जावे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मना सज्जना भक्तिपंथेची जावे.

    PopularLatestVideo

प्रकाश साळवी

सहजच लिहित जावे मना मनाला रिझवित जावे

read more
तु कृष्ण मी प्रेयसी तुझीच राधा
जीवनाचा अर्थ समजून घे साधा
**
प्रेम म्हणजेच आहे जीवन वेड्या
दे प्रेमात झोकून नको ऐकू वावड्या
**
मन मोहन तु मोहवी मनाला
मी गौळण राधा तु कान्हा सावळा
**
प्रकाश साळवी सहजच लिहित जावे मना मनाला रिझवित जावे

MAHENDRA SAINI GOLADA

सही जावे ना जुदाई सजना

read more
mute video

inder Dhaliwal

ना जाने जाते- जाते। #शायरी

read more
ना जाने जाते-जाते तू क्या कर गया सारा जमाना रोता है।                                                                                                                                                हर महफिल में आजकल जिक्र तुम्हारा होता है।

©inder Dhaliwal ना जाने जाते- जाते।

Vikas Sharma Shivaaya'

सज्जनता #समाज

read more
संत ना छाडै संतई- जो कोटिक मिले असंत ।
चन्दन भुवंगा बैठिया-तऊ सीतलता न तजंत ।

सज्जन पुरुष किसी भी परिस्थिति में अपनी सज्जनता नहीं छोड़ते चाहे कितने भी दुष्ट पुरुषों से क्यों ना घिरे हों, ठीक वैसे ही जैसे चन्दन के वृक्ष से हजारों सर्प लिपटे रहते हैं लेकिन वह कभी अपनी शीतलता नहीं छोड़ते !

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सज्जनता

Sneh Lata Pandey 'sneh'

#cloud #आ जाते घर साजना #कविता

read more
mute video

Sidhu xyz

आपकी हर एक अदा पे हम हजारों दफा मरते हैं,
यूहीं तो नहीं आपकी क्ला को झुक के सज्दा करते है। #सज्जदा

Inspector Jagbir Kaushik

mute video

@thewriterVDS

mute video

@Sushilkumar_Sushil

सज्जन पुरुष #विचार

read more
mute video

dilip khan anpadh

सर्जना #waterfall&Stars #कविता

read more
(सर्जना)
----------
मुझे कलम दो तलवार नहीं,
कोई और औजार नहीं,
रण घमसान मचा दूंगा,
कइयों को धूल चटा दूंगा।।

मुझे प्रीत दो प्रतिकार नहीं,
और कोई उपहार नहीं,
अहं को मैं मिटा दूंगा,
कइयों का शीश झुका दूंगा।।

मुझे गीत दो चिंघाड़ नहीं,
और कोई संचार नहीं,
नफरत को जड़ से मिटा दूंगा,
कइयों का स्नेह जगा दूंगा।।

मुझे शब्द दो दुत्कार नहीं,
और कोई इजहार नहीं,
मन का द्वन्द मिटा दूंगा,
मानव-मानव को मिला दूंगा।।

मुझे राह दो रथकार नहीं
और कोई उपहार नहीं,
मंजिल तक मैं पहुंचा दूंगा
कइयों का आश जग दूंगा।।

मुझे छंद दो फनकार नहीं
और कोई झंकार नहीं
सुर खुद ही बना दूंगा
कइयों का प्रीत जगा दूंगा।।

मुझे धर्म दो धर्मकार नहीं
और कोई अलंकार नहीं
मूल मंत्र मैं बता दूंगा
मन के भ्रम को मिटा दूंगा।।

मुझे अर्थ दो आकार नहीं
और कोई विचार नहीं
नई दुनियां बना दूंगा
जीवन जीना सीख दूंगा।।

दिलीप कुमार खान "अनपढ़" सर्जना

#Waterfall&Stars
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile