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Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ नाम तॆरा मॆरी जुबान पर खुद ही आ जाता हैं , जब कॊई मुझसॆ पूछता हैं पहली ख्वाइश मॆरी ” #ग़ज़ाली!!. —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ मंज़िलो से अपनी डर ना जाना रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना, जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगी मे किसी अपने की, हम आपके अपने है ये भूल ना जाना ” #•gazali!.. —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
Belief “ मुसलमानों अब उठो उठने का वक्त हैं अब दुनिया को मालूम होना ही चाहिए कि हमारा आंसुओं की कीमत क्या हैं ” #ग़ज़ाली! —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ बनकर तूफान बगावत का सैलाब आयेगा इंशाअल्लाह, हद से ज्यादा बढ़ेगा जुल्म तो इंकलाब आयेगा इंशाअल्लाह ” •Gazali #SaveKashmir —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
बंदूक की नोक पर मुँह बन्द कराकर कहते हो कश्मीर में शांति हैं!.. ^Gazali #SaveKashmir —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ आँखों में आंखे डाल कर तुम्हारा दीदार , यूं कशिश बयां करना मेरे बस की बात नहीं ” #Gazali! —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ हुकूमत पर्दा-पोशी में बहुत मसरूफ़ है लेकिन , कहाँ से आ रहा है ये धुंआ हम सब समझते हैं ” #Gazali —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ कभी सुनेहरी चमक कभी लहू में भीगी शमशीर हूँ , जहाँ जनाज़ों में भी जनाज़े निकले हा मैं वो कश्मीर हूँ ” #Gazali!.. —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को, कोशिशे तो बहुत की मगर भुला ना पाए उस एक नाम को ” #ग़ज़ाली —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”
Muawiya Zafar Ghazali Mustafai
“ उन मासूमों का हाल दिखाते क्यों नही, सब ठीक हैं तो कर्फयू हटाते क्यों नही ” °Gàzàlì!. #Savekashmir —@फ़कीर मुआविया ज़फ़र ग़ज़ाली “रज़वि नूरी क़ादरी अमरोहिवी”