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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी रगो में दौड़ता खून,अन्याय सह नही सकता आँखों से अपनी,अत्याचार गोरो का देख नही सकता सपूत हूँ भारत माँ का,दमन के कानून से घुट नही सकता गुलामी की बिछी हो कितनी भी बिछात ये आजाद,आजादी के बिना झुक नही सकता आजमाले अपने को गोरो,जाल बिछा लेना मेरे शरीर को जिंदा तू, छू भी नही सकता में आजादी का परवाना आजाद ही रहूँगा तेरी गुलामी में बंध नही सकता प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #ChandraShekharAzaad ये आजाद आजादी के बिना झुक नही सकता #ChandraShekharAzaad
parmod bagri
23 तारीख सन 31मै या नीम टेक दी आजादी की अंग्रेजा के भी जच गी थी या आई घड़ी बर्बादी की जब तख्ते पे लावन लागे जय हिन्द जय हिन्द होरी थी देख्या लाल खुसी तै चहरा उनकी गर्दन नीची होरी थी आख़री इच्छा पूछन लागे जब गले मिलन की बारी थी वो जलाद भी लाग्या काम्पन जिसकी ना थी बान मुनादी की तेरी मौत का जीकर सुना जब हिंदुस्तान यों जाग पड़ा लेन न बदला तेरी मौत का बचा बचा त्यार खड़ा इन बईमान अंग्रेजा का भगत सिंह यों काल बनया सबके दिल मै जिंदा सै तू क्यों बात करा बर्बादी की छोटी सी उम्र मै भगत सिंह ने सबके दिल पे राज करा तेरी माता विद्या ने भी तेरे मरण प राज करया जमा पड़ा था खून जो पहले तेरी मौत ने उबाल भरा तेरी बदौलत लेरे सा हम एक एक सांस आजादी की कमला मैडम प्रमोद बागड़ी तेरे गीता के फेन होय तने दोबारा देखन खातर तरस PK के नैन गए सुनले विपदा भारत माँ की भारत माँ की विपदा सुनले या कर रही फेर पुकार तन............ 23तारीख सन 31 या नीम टेक दी आजादी की अंग्रेजा के भी जच गी थी या आई घड़ी बर्बादी की प्रमोद बागड़ी ©parmod bagri आजादी के पर्व पर विशेष
REETA LAKRA
किसी को हमने बताया बापू का भारत की आज़ादी से कोई संबंध नहीं था। सुनते ही वह भड़क उठा। अब उसे कैसे समझाते कि हम तो 'अपने बापू' 🤣 की बात कह रहे थे। १८२/३६६ आजादी की बात। #आज़ादी# yreeta-lakra-9mba
Vipin Arya
मेरे सीने पर जो जख्म है वो सब फूलो के गुच्छे है हा मुझे पागल ही रहने दो हम पागल ही अच्छे है आजादी के दीवाने
Brijendra Kumar
इंतज़ार एक सवारी और दो निवाले का था। मौत ने हर सवाल का मुँह तोड़ जवाब दे दिया ।। #आजादी के तोहफे
Mohan Sardarshahari
स्वतंत्रता के पिचहतर वर्ष हमने मनाये अनेकों हर्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और बुनियादी ढांचा हुआ उत्कर्ष लड़कियों को अवसर मिला तो सम्मान देश का फहुंचाया अर्श करो प्रतिज्ञा इस पिचहतर बची रूढ़ियां और आडम्बर शतक होने पर ला देंगे फर्श।। ©Mohan Sardarshahari आजादी के पिचहतर
Sanjeev gupta
लेकर चलेंगे तिंरगा शान हमारी होगी आवाज गूंजेंगी भारत माता की जय पर पहचान हमारी होगी आजादी के मतवालों के संग काफिले चलते हैं आजादी के मतवाले