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S.Badoni गढ़वाली

कुछ तुम ही कहो , मौन हो स्तब्ध हूं मैं । 
कुछ तो तुम उपकार करो , शब्द दो अशब्द हूं मैं।।

क्या मुझे कुछ अनुभव है ? 
हां, प्रतीत तो कुछ होता सा है ।
कहो , कुछ तुम ही कहो, 
आखिर क्यों, मन से क्षुभित हूं मैं ।।

क्या मुझे कुछ दुःख है ? 
दुःख, वही प्रेम का वियोग सा है ।
शायद हां, लेकिन तुम कुछ कहो, 
क्यों आखिर हृदय से व्यथित हूं मैं ।।

क्या तुम भी समझ ना पायी मुझे ,
तो कौन समझेगा ? तुम्हारे बिन अधूरा सा हूं मैं ।
कहो, कहो ना , तुम कुछ कह ही दो ना ,
आखिर कब तक शब्द बिन निःशब्द रहूं मैं ।।

कुछ तुम ही कहो , ........................... ।।

©S.Badoni गढ़वाली #अंतरात्मा

Vikas Sharma Shivaaya'

अंतरात्मा #समाज

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तेरा संगी कोई नहीं सब स्वारथ बंधी लोइ ।
मन परतीति न उपजै, जीव बेसास न होइ ।

तेरा साथी कोई भी नहीं है,सब मनुष्य स्वार्थ में बंधे हुए हैं, जब तक इस बात की प्रतीति –भरोसा –मन में उत्पन्न नहीं होता तब तक आत्मा के प्रति विशवास जाग्रत नहीं होता।वास्तविकता का ज्ञान न होने से मनुष्य संसार में रमा रहता है जब संसार के सच को जान लेता है –इस स्वार्थमय सृष्टि को समझ लेता है –तब ही अंतरात्मा की ओर उन्मुख होता है –भीतर झांकता है !

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' अंतरात्मा

Hitesh Singh

अंतरात्मा

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Rain कुछ ख्वाब  हैं इन बंद  आँखों में. 
बस इसी चीज से परेशान हूँ.  कि  आँखे  खोलूंगा तो ख्बाब  पूरे होंगे या टूटेंगे.. अंतरात्मा

Sakshi Shankhdhar

अंतरात्मा #Poetry

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. साक्षी शंखधर

©Sakshi Shankhdhar अंतरात्मा

Ankit Nagar

अंतरात्मा

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मैंने कभी लोगों से  मिलने के लिए 
मुखौटा नहीं पहना 
चाहे वक्त कैसा भी हो...
मैंने कभी लोगों के लिए
 अपनी नजर और नजरिये को नहीं बदला
 चाहे इंसान कैसा भी हो..
 अंतरात्मा

नीरज सिंह ठाकुर

कलम उठाई लिखने को पर अल्फाज़ नहीं मिलता,
दिल के दर्द का मर्ज़ जाने ऐसा यार नहीं मिलता...

सूकून का तो हर कोई दीवाना होता है,
हमे तो चाह अब सिर्फ टीस की रहती है..

सब रफू हो जाता है यहां कोई फटे अरमान नहीं सिलता,
दिल के दर्द का मर्ज़ जाने ऐसा यार नहीं मिलता...

दोस्त मेरे हजार भी है दो चार भी है,
दुश्मन मेरे सामने लाचार भी है..

दुश्मनी ही अच्छी, टूटा दिल बार बार नहीं जुड़ता,
दिल के दर्द का मर्ज़ जाने ऐसा यार नहीं मिलता...

चलो भी बढ़ते रहो अब कितना कोसोंगे कायनात को,
सबकी दुआ कबूल होती है सच्ची चाहे दिन हो या रात को..

सिखाया जाता है जिंदगी में जहर बस यूं ही नहीं घुलता,
दिल के दर्द का मर्ज़ जाने ऐसा यार नहीं मिलता...

©नीरज सिंह ठाकुर #अंतरात्मा
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