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Rekha (sahar)

जीवन नोटबुक जैसा #Tha #story #विचार

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Dr. Ayush Bansal (Musafir)

मेरी नोटबुक का दर्द

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Anjali Raj

हर सुबह इक खाली कागज़ सी है आती सामने
रात तक भर जाता जो लम्हों के उलझे जाल से
इक समय ऐसा भी हो सुलझा लूँ सारी उलझनें
ज़िन्दगी की नोटबुक को जाँच लूँ आराम से

 #अंजलिउवाच #YQdidi #सुबह #खालीकाग़ज़ #उलझनें #नोटबुक

trilokibhogta

तुम्हारे नोटबुक का मैं वो पन्ना हूं
जिसमें तुमने
जब चाहा जैसा चाहा
वैसा लिखा है ।

©trilokibhogta नोटबुक

#MereKhayaal #poem #poetryforlife #nojotohindi #trilokibhogta

Abeer Saifi

वलद-उल-हराम - हरामी लड़का, नाजायज़ मीना - आकाश, सफ़ीना - नोटबुक, रफ़ीक़ा - मित्र स्त्री #yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife y #yqtales #yqlove #yqgazal

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बग़ैर  साँसों  के  ज्यों हमें जीना दुश्वार हो
जो  ग़म ही ना रहें मियां  पीना  दुश्वार  हो 

ख़ाहिशें  तो  हैं फ़क़त  वलद -उल- हराम
ये बुलबुल तो कहती है के मीना  दुश्वार हो 

बहोत  हो  गया  अब  तो  हद  ही  हो गई 
क़लम  ये  कह  रही  है  सफ़ीना दुश्वार हो 

सिफ़ारिश  है  क्यों  कि  मैं  छोड़ दूँ शराब 
इसके  बिना  तो माह-ओ-महीना दुश्वार हो 

समझ  गये  मिसाल  के मुश्किल है 'अबीर' 
ज्यों  रफ़ीक़ा  के  लबों को सीना दुश्वार हो 
 वलद-उल-हराम - हरामी लड़का, नाजायज़  मीना - आकाश, सफ़ीना - नोटबुक, रफ़ीक़ा - मित्र स्त्री


#yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife #y

Abeer Saifi

वलद-उल-हराम - हरामी लड़का, नाजायज़ मीना - आकाश, सफ़ीना - नोटबुक, रफ़ीक़ा - मित्र स्त्री #yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife y #yqtales #yqlove #yqgazal

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बग़ैर  साँसों  के  ज्यों हमें जीना दुश्वार हो
जो  ग़म ही ना रहें मियां  पीना  दुश्वार  हो 

ख़ाहिशें  तो  हैं फ़क़त  वलद -उल- हराम
ये बुलबुल तो कहती है के मीना  दुश्वार हो 

बहोत  हो  गया  अब  तो  हद  ही  हो गई 
क़लम  ये  कह  रही  है  सफ़ीना दुश्वार हो 

सिफ़ारिश  है  क्यों  कि  मैं  छोड़ दूँ शराब 
इसके  बिना  तो माह-ओ-महीना दुश्वार हो 

समझ  गये  मिसाल  के मुश्किल है 'अबीर' 
ज्यों  रफ़ीक़ा  के  लबों को सीना दुश्वार हो 
 वलद-उल-हराम - हरामी लड़का, नाजायज़  मीना - आकाश, सफ़ीना - नोटबुक, रफ़ीक़ा - मित्र स्त्री


#yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife #y

Harshita Dawar

#Quote #feelings #MyThoughts #yqhindi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat देखना ये एक दिन ज़रूर होगा। मेरा पूरा होना ।तेरा अधूंरा ह

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा।
मेरा पूरा होना ।तेरा अधूंरा होना।
उस नोटबुक में जो मेरे रकीबं की।
अधूंरी कहानी बाक़ी है। 
रहमत दिल्लगीं पर हैरान बारिशं।
बारिश की संभावना कम सी थी।
आज वो चिनार के पेड़ का पत्ता।
नोटबुक में रखा था।
सूखे पत्ते से जुड़े एहसास ।
मेरे साथ चलते रहे।
तेरे हाथों को थामें चलते रहे।
तुझसे नैंना मिलाते हस्ते रहे।
तेरी खुशियों में अपनी खुशियों।
को दस्तक देते रहे।
तेरा इंतज़ार में ख़ुद को ।
अकेला करते रहे।
तेरे बातों में ख़ुद को सुलझाते रहे।
कभी उलझाते रहे।
तेरे कुसूरं में ख़ुद को कुसूंरवार ट्ठहराते रहे।
तेरे दिल में ख़ुद को गिराते रहे।
तेरे क़िस्मत में ख़ुद को मिटाते रहे।
सलीका तुमको सिखाते रहे।
पर तुम कहां। सुनना चाहते थे।
मेरी नोटबुक में आज भी तेरा ज़िक्र है।
हमारा ज़िक्र है।
तुम नहीं थे।
फिर भी तुम थे।
तुम मेरा भ्रम थे।
तुम मेरी हकीक़त भी।
तुम साथ थे।
तुम पास कहीं नहीं।
तुम्हारा एहसास था।
कमाल ये था।
ये भ्रम था।
किताबों में।
छिपा था।

 #Quote #feelings #mythoughts #yqhindi #yqquotes
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा।
मेरा पूरा होना ।तेरा अधूंरा ह

AB

तुम अपने जीवन में बहुत कुछ बेहतर और श्रेष्ठ प्राप्त कर सकते थे फिर तुमने अपने लिए केवल यही क्यों चुना ? मैं नहीं कह रही कि तुम्हारा चुनाव तु

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©'alps— % & तुम अपने जीवन में बहुत कुछ बेहतर और श्रेष्ठ प्राप्त कर सकते थे फिर तुमने अपने लिए केवल यही क्यों चुना ? मैं नहीं कह रही कि तुम्हारा चुनाव तु

Mayur Garg

प्रेयसी सुबह उठकर सबसे पहले मेरे ज़हन में ख्याल तेरा है, हर सुबह मेरे ज़हन का मेरे दिल से पहला सवाल तेरा है, मेरी खुद की नोटबुक्स में लिखे जान #RDV18

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प्रेयसी
सुबह उठकर सबसे पहले मेरे ज़हन में ख्याल तेरा है,
हर सुबह मेरे ज़हन का मेरे दिल से पहला सवाल तेरा है,
मेरी खुद की नोटबुक्स में लिखे जान

Gautam_Anand

एक नोटबुक है एहसास की जिल्द मढ़ी हुई यादों के धागे से जिसमें नत्थी कर रखे हैं मैंने समय के पन्ने और समय व्याकुल है वो चाहता है बीत जाना लेकि

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एक नोटबुक है
एहसास की जिल्द मढ़ी हुई
यादों के धागे से जिसमें
नत्थी कर रखे हैं मैंने 
समय के पन्ने
और समय व्याकुल है
वो चाहता है बीत जाना
लेकिन बेबस लाचार सा अटका हुआ है
अनंत वर्षो से इसी नोटबुक में
मैंने बंधक बना रखा है समय को 
और टाँगता रहता हूँ
याद की खूँटी पर
बीते वक़्त बीती तारीखें
आँखें जैसे खोज़ी कलम हो कोई
ढूंढ लाती हैं सब यादें
ऊकेर देती हैं सब तारीखें
वैसे ही जैसे गुज़रा था सबकुछ
पन्नों पर बोल पड़ती हैं वो सब तस्वीरें
देखो अभी-अभी सामने से गुजरी है
वो पहली तारीख तेइस नवम्बर निन्यानवे की
जब तुम्हें देखा था पहली बार
तुम्हारे लौट जाने पर यूँ ही मेरी मायूसी के दिन
तुम्हारे पहले फोन कॉल की तारीख
वो तुम्हारे कॉलेज की परीक्षा का पहला दिन
कॉलेज के पास वाली नदी का किनारा
जब मैं पहली बार तुमसे तुम्हारे शहर में मिला था 
चौदह फरवरी दो हज़ार दो 
और वो एक सीढ़ीनुमा लक्ष्मी रेस्टोरेंट
जहाँ खाने को कुछ नहीं होता था
बस साथ बैठने को सीढ़ियाँ मिल जाती थी  एक नोटबुक है
एहसास की जिल्द मढ़ी हुई
यादों के धागे से जिसमें
नत्थी कर रखे हैं मैंने 
समय के पन्ने
और समय व्याकुल है
वो चाहता है बीत जाना
लेकि
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