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YumRaaj ( MB जटाधारी )
वह जो अहंकार, पाप या पुण्य से रहित है। यम के नगर में जाओ जहाँ सभी प्राणी जाते हैं ©YumRaaj YumPuri Wala अहङ्कारं पापं वा निर्गुणं यः । यमपुरं गच्छ यत्र सर्वे भूतानि गच्छन्ति #YumRaaj369 #नोजोटोहिंदी
Deepen Singh
Person's Hands Sun Love || प्रेम इति कश्चन यः भवन्तं अन्यस्य कृते न उपेक्षते || beSanatanii प्रेम वो है जो किसी और के लिये तुम्हें नजर अन्दाज ना करे Love is someone who doesn't ignore you for someone else. ©Deepen Singh || प्रेम इति कश्चन यः.....#sunlove #quaotes #LO√€ #pyaar #mohabbat #Dil #geeta #krishan #Shayar
Soumya Ranjan Mishra
Happy Ganesh Chaturthi #ganeshchaturthi #ganesha #india #writing #yqsong Happy Ganesh Chaturthi ! #GaneshChaturthi2019 #Ganeshotsav2019 #GanpatiBappaMorya नमा
Pujaabhishekam
ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:। Customer Support Number - 𝟴𝟲𝟯𝟵𝟱𝟯𝟭𝟯𝟵𝟭 #pitrapaksha #pitrupaksha #pitripaksha #
Manku Allahabadi
पूजावसानसमये दशवक्रत्रगीतं यः शम्भूपूजनपरम् पठति प्रदोषे। तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥१७॥ अर्थात- प्रात: शिवपुजन के अंत में इस रावणकृत शिव ताण्डव स्तोत्र के गान से लक्ष्मी स्थिर रहती हैं तथा भक्त रथ, गज, घोड़ा आदि संपदा से सर्वदा युक्त रहता है. शिव तांडव स्त्रोत (श्लोक-17) ©Manku Allahabadi शिव तांडव स्त्रोत (भाग - 17) ............................................. पूजावसानसमये दशवक्रत्रगीतं यः शम्भूपूजनपरम् पठति प्रदोषे। तस्य स्
i am Voiceofdehati
धनहीनो न हीनश्च, धनिक: स सुनिश्चयः। विद्यारत्नेन हीनो यः,स हीनः सर्ववस्तुषु।। धनहीन व्यक्ति यदि विद्यारूपी धन से युक्त है तो वह दीन-हीन नही होता अपितु वह निश्चय ही धनवान होता है, किन्तु विद्यारूपी रत्न से जो वंचित है वह निश्चित ही सभी प्रकार से दीन-हीन होता है। धनहीनो न हीनश्च, धनिक: स सुनिश्चयः। विद्यारत्नेन हीनो यः,स हीनः सर्ववस्तुषु।। धनहीन व्यक्ति यदि विद्यारूपी धन से युक्त है तो वह दीन-हीन नह
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। यः सर्वज्ञः सर्वविद् यस्य ज्ञानमयं तपः। तस्मादेतद् ब्रह्म नाम रूपमन्नं च जायाते ॥ जो 'सर्वज्ञ' है, सर्वविद् है, 'वह' जिसका तप ज्ञानमय है, 'उससे' ही यह 'ब्रह्म', यह 'नाम' 'रूप' एवं 'अन्न' उत्पन्न होते हैं। He who is the Omniscient, the allwise, He whose energy is all made of knowledge, from Him is born this that is Brahman here, this Name and Form and Matter. ( मुण्डकोपनिषद् १.१.९ ) #।। ओ३म् ।। यः सर्वज्ञः सर्वविद् यस्य ज्ञानमयं तपः। तस्मादेतद् ब्रह्म नाम रूपमन्नं च जायाते ॥ जो 'सर्वज्ञ' है, सर्वविद् है, 'वह' जिसका तप
Shravan Goud
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥ एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति। कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥:🙏 सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रा
Shravan Goud
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏 आभार,: गुगल कालहस्तेश्वर तिरुपति 🙏🙏 सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च ड
AB
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय । दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै “य” काराय नमः शिवायः॥ 💕🌸 ॐ नमः शिवाय 🌸💕 _________________________________________________ अनुवाद :- जिन्होंने यक्ष स्वरूप धारण किया है,