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Rakhi Yadav

डिग्री का होना

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डिग्री का होना जरूरी है...
 पर 
इसके साथ ही 
 विनम्र व्यवहार की डिग्री का 
होना भी बहुत जरूरी हैंI

©Rakhi Yadav डिग्री का होना

MANJEET SINGH THAKRAL

देश का युवा पढ़ लिखकर भी बेरोज़गार है, जिनकी डिग्री का पता नहीं वो सरकार है।। #5Sep5Baje #Youth4Swaraj #5Sept_5PM_5Minutes #nojotovideo

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Poetry with Avdhesh Kanojia

तुम्हारे पास हर प्रश्न का उत्तर होता है। तो बताओ दृष्टिकोण किंतने डिग्री का होता है। ✍️अवधेश कनौजिया© #कविता #HappyBirthdayGoogle

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#HappyBirthdayGoogle तुम्हारे पास हर प्रश्न का उत्तर होता है
तो बताओ दृष्टिकोण किंतने डिग्री का होता है तुम्हारे पास हर प्रश्न का उत्तर होता है।
तो बताओ दृष्टिकोण किंतने डिग्री का होता है।
✍️अवधेश कनौजिया©

Prashant Maurya

ऐसे पढ़ाई करके डिग्री का क्या मतलब जब बड़े आदमी बन कर अपने मां बाप को ही भूल जाते हैं लोग #true #Life Ayesha Panwar imankita Vandana sikar #GuruTegBahadurJi

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#GuruTegBahadurji  ऐसे पढ़ाई करके डिग्री का क्या मतलब जब बड़े आदमी बन कर अपने मां बाप को ही भूल जाते हैं लोग ऐसे पढ़ाई करके डिग्री का क्या मतलब जब बड़े आदमी बन कर अपने मां बाप को ही भूल जाते हैं लोग #true #life  Ayesha Panwar  imankita Vandana sikar

Motivation p

डिग्री का महत्व ना हो ज्ञान का महत्व हो, परीक्षा का महत्त्व ना हो सिख ने का महत्व हो, ऐसी शिक्षा व्यवस्था लाना चाहते हैं। #Education indai #Motivational #educationsystem #bharat #indain

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Faizan Azhari

किसी डिग्री का ना होना दरअसल फायेदेमंद है, अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं| पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है, तो

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किसी डिग्री का ना होना दरअसल फायेदेमंद है, अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं 
तब आप एक ही काम कर सकते हैं| 
यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं| किसी डिग्री का ना होना दरअसल फायेदेमंद है, अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं| पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है, तो

Jagrati Nagle

गर बेटियों को भ्रूण हत्या और दहेज जैसी कुप्रथा से बचाना है तो थोडा सा सोच में परिवर्तन लाना होगा बेटियों को लक्ष्मी की जगह अब सरस्व #समाज #WritingForYou

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गर बेटियों को भ्रूण हत्या और दहेज जैसी कुप्रथा से बचाना है तो 
        थोडा सा सोच में परिवर्तन लाना होगा
बेटियों को लक्ष्मी की जगह अब सरस्वती बुलाना होगा
ऐसा  करने से हर बेटी की शिक्षा पर जोर दिया जायेगा और शायद ........ शायद.......उनका जीवन थोड़ा सरल हो जाए

©Jagrati Nagle गर बेटियों को भ्रूण हत्या और दहेज जैसी कुप्रथा से बचाना है तो 
        थोडा सा सोच में परिवर्तन लाना होगा
बेटियों को लक्ष्मी की जगह अब सरस्व

नेहा उदय भान गुप्ता

शीर्षक - बेरोजगारी विधा - कविता है आज बड़ा दर्द का पहलू, जिसको उदय दुलारी नेह लिखेगी। अपने दिल का सारा दर्द बयां करेगी, आज बेरोजगारी पर आत

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आप सबको आज मैं अपनी बेरोजगारी की दास्तां सुनाती हूं..........


पढ़ने के लिए आप कैप्शन में जाएं👇👇 शीर्षक - बेरोजगारी
विधा - कविता


है आज बड़ा दर्द का पहलू, जिसको उदय दुलारी नेह लिखेगी।
अपने दिल का सारा दर्द बयां करेगी, आज बेरोजगारी पर आत

नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹

शीर्षक - बेरोजगारी विधा - कविता है आज बड़ा दर्द का पहलू, जिसको उदय दुलारी नेह लिखेगी। अपने दिल का सारा दर्द बयां करेगी, आज बेरोजगारी पर आत

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आप सबको आज मैं अपनी बेरोजगारी की दास्तां सुनाती हूं..........


पढ़ने के लिए आप कैप्शन में जाएं👇👇 शीर्षक - बेरोजगारी
विधा - कविता


है आज बड़ा दर्द का पहलू, जिसको उदय दुलारी नेह लिखेगी।
अपने दिल का सारा दर्द बयां करेगी, आज बेरोजगारी पर आत

Divyanshu Pathak

मानव तो आज भी वही है। केवल बाहरी परिवेश बदलता है। बदलता ही रहा है। इसका प्रभाव भी बाहरी जीवन पर अधिक होता है। चकाचौंध भी हर काल में रही है औ

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एक समय था जब शिक्षा के लिए देश भर में गुरूकुल व्यवस्था थी।
इस व्यवस्था में बच्चों को गुरू के पास ही रहना पड़ता था।
गुरू हर शिष्य का परीक्षण करके उसके ज्ञान का आकलन करता था। उसके भावी जीवन पर दृष्टि डालकर उसे तैयार करता था।
वही धर्म की शिक्षा भी देता था,
वही लोक व्यवहार और प्रकृति के स्वरूप की शिक्षा भी देता था।
जैसे-जैसे शिष्य तैयार होता जाता था
गुरू का गर्व भी बढ़ता जाता था। शिष्य में वह अपना प्रतिबिम्ब देखता रहता था।
अपना सारा ज्ञान शिष्य को समर्पित कर देता था।
एक पूर्ण मानव का निर्माण करके माता-पिता को सौंप देता था। मानव तो आज भी वही है। केवल बाहरी परिवेश बदलता है। बदलता ही रहा है। इसका प्रभाव भी बाहरी जीवन पर अधिक होता है। चकाचौंध भी हर काल में रही है औ
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