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malay_28

विदीर्ण  हृदय की  अब  त्रास  किसको कहूँ
सूखे लबों की अनबुझी प्यास  किसको कहूँ
टूटे सपने चुभते हैं आँखों में ज्यों काँच कोई
हमनवा  रहा नहीं  कोई  पास  किसको कहूँ.

©malay_28 #विदीर्णहृदय

#HeartBreak

Santosh

Aadiwasi video Dharamray #Shorts #aadiwasi आदिवासी विदीये धरमराय 2023 YouTube SK EDITS SANTOSH

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Shikha Mishra

#yqbaba #yqdidi #smquote #जिंदा #इंसानियत #इंसान #पैसा #गुलाम दिल्ली के Max और पारस हॉस्पिटल में हुए हुए घटना ने हृदय विदीर्ण कर दिया उसी

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ज़िंदे को मुर्दा, मुर्दे को जिंदा बताना आजकल आम हो गया है 
इंसानियत को भूल इंसान अब पैसों का गुलाम हो गया है. #yqbaba #yqdidi #smquote #जिंदा #इंसानियत #इंसान #पैसा #गुलाम 

दिल्ली के Max और पारस हॉस्पिटल में हुए हुए घटना ने हृदय विदीर्ण कर दिया उसी

Shiva sarswat Chimana

निरावलम्बस्य ममावलम्बं विपाटिताशेषविपत्कदम्बम्। मदीयपापाचलपातशम्बं प्रवर्ततां वाचि सदैव बम् बम् ।। हे विश्वनाथ (बम् बम्) ! आप ही मुझ निराश्र #विचार

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निरावलम्बस्य ममावलम्बंविपाटिताशेषविपत्कदम्बम्। मदीयपापाचलपातशम्बं प्रवर्ततां वाचि सदैव बम् बम् ।।
 
हे विश्वनाथ (बम् बम्) ! आप ही मुझ निराश्रय के एक मात्र आश्रय हैं, आपने मेरे समस्त विपत्ति समूहों को उखाड़ कर फेंक दिया। मेरे पापरूपी पर्वत को विदीर्ण करने वाले आपकी जयकार् हो।

©Shiva sarswat निरावलम्बस्य ममावलम्बं विपाटिताशेषविपत्कदम्बम्। मदीयपापाचलपातशम्बं प्रवर्ततां वाचि सदैव बम् बम् ।। हे विश्वनाथ (बम् बम्) ! आप ही मुझ निराश्र

शब्दिता

कहीं तांडव है मृत्यु का तो कहीं युद्ध का उद्घोष है। कहीं पीड़ा है प्रबल तो कहीं प्रेम रहा अटल है। ज्वाला सम उज्जवल कोई कोई अग्नि सा प्रज्वलि

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दुविधा है कहीं तो कहीं द्वेष है।
 कहीं तांडव है मृत्यु का
तो कहीं युद्ध का उद्घोष है।
कहीं पीड़ा है प्रबल
तो कहीं प्रेम रहा अटल है।
ज्वाला सम उज्जवल कोई
कोई अग्नि सा प्रज्वलि

Poetry with Avdhesh Kanojia

#विरह #alone #Loneliness #brokenheart love life poetry विरह कवित्त- 3 ........……………… राघव नमामि राम रघुवर मेरी सुनो शांति संग सुख ने भ

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विरह  कवित्त- 3
........………………
राघव नमामि राम रघुवर मेरी सुनो
शांति संग सुख ने भी मुख देखो मोड़ा है।
खण्डित हृदय मम किया पुष्प दल सम
जैसे नीर प्रवाह ने भूमि खण्ड तोड़ा है।
पीड़ा करती है क्रीड़ा मेरा उपहास कर
दुःख रूपी अश्व मेरे रथ संग जोड़ा है।
हृदय विदीर्ण कर स्वप्न सब क्षीण कर 
शोक अस्त्र समय ने दिल पर छोड़ा है।। #विरह #alone #loneliness #brokenheart #love #life #poetry 

विरह  कवित्त- 3
........………………
राघव नमामि राम रघुवर मेरी सुनो
शांति संग सुख ने भ
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