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Parasram Arora

ये सुगंधे  केवल यही  खबर  दे रही है
कि देह तुम्हारी दुर्गन्ध से भर गई है

बर्बरता   दहशते और आये दिन होने वाली वारदाते  ये आभास दे रही है
किजगत मे असभ्यता  का आयतन बड़ा है और प्रेम की प्याली. खो गई है

©Parasram Arora
  दुर्गन्ध

दुर्गन्ध #शायरी

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Arora PR

Vivekananda Jayanti आज मुझे फिर हवाओ मे
नासा पुटो को दुर्गन्ध से भर देने
वाली गंध का अहसास हो रहा हैँ

कदाचित  आज फिर किसी
मासूम को जलती आग के हवाले कर दिया गया  हैँ

©Arora PR
  गंध दुर्गन्ध

गंध दुर्गन्ध #कविता

144 Views

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Deepak Kanoujia

तुझे नहीं पता
एक जलाशय है मेरी आँखों में,
तुझे नहीं पता
ना देखूं तुझे कुछ दिन तो ये सूख जाता है... ज़रा सोचो कैसे पथराई, सूखी, झूठी मुस्कुराती आँखें लिए घूम रहा हूंगा मैं अब...सुनो नयी नयी खुशबुएं बन जो महकते रहते हो मुझमें, कभी कभी नए नए र

ज़रा सोचो कैसे पथराई, सूखी, झूठी मुस्कुराती आँखें लिए घूम रहा हूंगा मैं अब...सुनो नयी नयी खुशबुएं बन जो महकते रहते हो मुझमें, कभी कभी नए नए र #mahadev #eyelover #eyesquotes #shivparvati #gaurishankar #modishtro #deepakkanoujia #pradhunik

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Harshita Dawar

Insta@dawarharshita
गिनती किसकी कितनी रहती हैं
अंतिम स्वाश तक ही नाम की रहती हैं
फिर सिर्फ़ एक दुर्गन्ध शरीर की रहती हैं,
कमी या कमाई जितनी भी हो जीवन में 
मैं भी धरी की धरी रहती हैं,
बराबरी तो सिर्फ़ उस खुदा ने ही की हैं,
खाली भेजते लौटकर भी खाली ही बुलाते हैं,
कर्मों के हिसाब भी बस मिट्टी में पलते मिट्टी में मिल जाते हैं, Insta@dawarharshita
गिनती किसकी कितनी रहती हैं
अंतिम स्वाश तक ही नाम की रहती हैं
फिर सिर्फ़ एक दुर्गन्ध शरीर की रहती हैं,
कमी या कमाई जितनी

Insta@dawarharshita गिनती किसकी कितनी रहती हैं अंतिम स्वाश तक ही नाम की रहती हैं फिर सिर्फ़ एक दुर्गन्ध शरीर की रहती हैं, कमी या कमाई जितनी #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes

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Kulbhushan Arora

1नवंबर 1984
मेरे जीवन का
सबसे काला दिन



असहाय से हम सब
देखते रह गए
लोगों की जीवित जलते
 1 नवंबर, 1984
स्तब्ध शहर के भीतर सेबंद दरवाज़े,
बंद खिड़कियों से झांकती आंखें,
दहशत की गन्ध,फैली दुर्गन्ध सी,
खुले होंटों मेंअटकी खामोश आवाज

1 नवंबर, 1984 स्तब्ध शहर के भीतर सेबंद दरवाज़े, बंद खिड़कियों से झांकती आंखें, दहशत की गन्ध,फैली दुर्गन्ध सी, खुले होंटों मेंअटकी खामोश आवाज #yqquotes #yqdiary #yqकुलभूषण #yqriot

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Darshan Blon

खिड़की बंद पड़ी है कब से
और ताला लगा है दरवाज़े पर!

तोड़ दे उस ताले को,
खोल दे उस बंद खिड़की को
देख! ये किरणे बेताब है कब से
तेरे घर के भीतर आने को!

उफ़! ये दुर्गन्ध, 
ये मकड़ी के जालें,
ये धूल का मोटा परत,
ये चूहों का आतंक... 

ख़तम हो जाएगा इनका दबदबा,
बस!तू खाली एक दफ़ा 
खोल दे ये बंद पड़ी खिड़की
और आने दे स्वच्छ हवा को अंदर,
छूने दे किरणों को हर गोशा और कोना
तभी न जाके बदलेगा तेरे 
एकांत और खिन्न घर का ये मंज़र! खिड़की बंद पड़ी है कब से
और ताला लगा है दरवाज़े पर!

तोड़ दे उस ताले को,
खोल दे उस बंद खिड़की को
देख! ये किरणे बेताब है कब से
तेरे घर के भीतर आने

खिड़की बंद पड़ी है कब से और ताला लगा है दरवाज़े पर! तोड़ दे उस ताले को, खोल दे उस बंद खिड़की को देख! ये किरणे बेताब है कब से तेरे घर के भीतर आने #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine

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01dd7f4b33be4c499170710d8e037264

Pnkj Dixit

🚩 देव - संस्कृति 🚩
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
देव संस्कृति की यह विशेषता रही है कि समय-समय पर मनीषी अवतरित होते रहे हैं एवं युगानुकुल परिस्थितियों को दृष्टि में रखते हुए अपेक्षित सुधार परिवर्तन धर्म-दर्शन में करते रहे हैं । वें यह भली भांति जानते हैं कि मूल तत्व दर्शन एक होते हुए भी समय के अनुसार धर्म सम्प्रदायों के कलेवर में परिवर्तन करना पड़ सकता है। रूका हुआ पानी सड़ता व कीचड़ बनकर दुर्गन्ध फैलाता है । यदि प्रवाह न बनाया जाए तो विकृतियां समाज के वातावरण को दूषित कर सकतीं हैं। समय-समय पर पुनिरीक्षण एवं तर्क तथ्य , प्रमाणों के आधार पर विवेचन कर इसीलिए संस्कृति का परिशोधन किया जाता रहा है। यही एक महत्वपूर्ण कारण है कि अनेकों मत-मतांतर होते हुए भी देव संस्कृति एक बनी हुई है । पूर्वाग्रहों की विडम्बना से वह सर्वथा मुक्त है।
जय वैदिक सनातन धर्म संस्कृति 🚩
हरि ॐ तत् सत् 🚩
जय श्री राम 🚩

३०/०६/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🚩 देव - संस्कृति 🚩
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
देव संस्कृति की यह विशेषता रही है कि समय-समय पर मनीषी अवतरित होते रहे हैं एवं युगानुकुल परिस्थितियों को दृष

🚩 देव - संस्कृति 🚩 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 देव संस्कृति की यह विशेषता रही है कि समय-समय पर मनीषी अवतरित होते रहे हैं एवं युगानुकुल परिस्थितियों को दृष #कहानी #विचार #आजकाज्ञान

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 13 - आशा - उचित-अनुचित 'नम्बर सात ताला-जंगला सब ठीक है।' बड़े ऊंचे स्वर में पुकारा प

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 13 - आशा - उचित-अनुचित 'नम्बर सात ताला-जंगला सब ठीक है।' बड़े ऊंचे स्वर में पुकारा प

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Anil Siwach

 || श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8


।।श्री हरिः।।
13 - आशा - उचित-अनुचित

'नम्बर सात ताला-जंगला सब ठीक है।' बड़े ऊंचे स्वर में पुकारा

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 13 - आशा - उचित-अनुचित 'नम्बर सात ताला-जंगला सब ठीक है।' बड़े ऊंचे स्वर में पुकारा

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काव्याभिषेक

ये जो संत हैं ,
साक्षात् अरिहन्त हैं । ये जो #संत हैं ,
साक्षात् #अरिहंत हैं।
मेरे भगवन्त हैं ,
अनादि अनन्त हैं ।
वीतराग #संत हैं,
स्वयं एक पंथ हैं।
दीप ये ज्वलंत हैं,
चारित्र की

ये जो #संत हैं , साक्षात् #अरिहंत हैं। मेरे भगवन्त हैं , अनादि अनन्त हैं । वीतराग #संत हैं, स्वयं एक पंथ हैं। दीप ये ज्वलंत हैं, चारित्र की #हिंदी #बसंत #प्रतिभा #पूर्णिमा #विद्या #इतिहास #ज्ञान #पाप #णमोकार

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Aprasil mishra

"प्रकृति और समाजिक पीड़ा : पुनर्सृष्टि निर्माण हेतु प्रकृति से आह्वान"

( अनुशीर्षक में देखें) तुम कौन हो...? अज्ञात हो,
पर नेह की...   बरसात हो।
व्यवहार   तेरा   सौम्य   है,
अनभिज्ञ   सा  संवाद   हो।
तृण तुल्य भी परिचय नहीं,
पर  देख

तुम कौन हो...? अज्ञात हो, पर नेह की... बरसात हो। व्यवहार तेरा सौम्य है, अनभिज्ञ सा संवाद हो। तृण तुल्य भी परिचय नहीं, पर देख #Live #naturelover #प्रलय #yqhindi #प्रकृति #climatechange #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 15 - तामस त्याग नियतस्य तु संन्यास: कर्मणो नोपपद्यते। मोहात्तस्य परित्यागस्तामस: पर

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 15 - तामस त्याग नियतस्य तु संन्यास: कर्मणो नोपपद्यते। मोहात्तस्य परित्यागस्तामस: पर

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Aprasil mishra

"वैश्विक समाज की शवाधान प्रणालियों में अन्तर एवं उनकी ऐतिहसिक पृष्ठभूमियाँ : जमींन-जिहाद के आलोक में।" 
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             वैश्विक समाज में जनगत मानसिकता आज जिस तरह साम्प्रदायिक चरमपंथ में वैमनस्य का शिकार हो

**************************************** वैश्विक समाज में जनगत मानसिकता आज जिस तरह साम्प्रदायिक चरमपंथ में वैमनस्य का शिकार हो #India #History #Culture #Politics #yqhindi #communism #geography

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Nisheeth pandey

दुर्गंध को दुर्गंध कहना ख़ता तो नहीं .....

शैतान को शैतान कहना पाप तो नहीं ... 




🤔निशीथ🤔 दुर्गंध को दुर्गंध कहना ख़ता तो नहीं .....
शैतान को शैतान कहना पाप तो नहीं ... 

🤔निशीथ🤔

#MirzapurSeason2  
#merisayari  
#MeriKavita

दुर्गंध को दुर्गंध कहना ख़ता तो नहीं ..... शैतान को शैतान कहना पाप तो नहीं ... 🤔निशीथ🤔 #MirzapurSeason2 #merisayari #MeriKavita #Rap #dad

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Sunil Pande Writer Content Creator

चापलूसी की दुर्गंध आए तो अखबार बदल दो #Nojoto #nojohindi #viral #poem #Poetry

चापलूसी की दुर्गंध आए तो अखबार बदल दो #nojohindi #viral #poem Poetry #शायरी

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Manjeet Sharma 'Meera'

'मीरा' कहे समीर  से,  फैला  प्रेम  सुगंध। 
अमन, चैन सब छिन गया, आतंकी दुर्गंध।

✍मनजीत शर्मा 'मीरा' #दोहा
'मीरा' कहे समीर  से,  फैला  प्रेम  सुगंध। 
अमन, चैन सब छिन गया, आतंकी दुर्गंध।

✍मनजीत शर्मा 'मीरा'

#दोहा 'मीरा' कहे समीर से, फैला प्रेम सुगंध। अमन, चैन सब छिन गया, आतंकी दुर्गंध। ✍मनजीत शर्मा 'मीरा'

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Anjani Upadhyay

#dardedil कमलनी क्यो न हो सड़ जाए तो दुर्गंध आती है Anshu writer Manoj Bhatt Bhardwaj Only Budana skPathan11891

#dardedil कमलनी क्यो न हो सड़ जाए तो दुर्गंध आती है Anshu writer Manoj Bhatt Bhardwaj Only Budana skPathan11891

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Atul Sharma

📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“3/10/2021”*📝
✨*“रविवार”*🌟

“मनुष्य” के “शरीर” से जो भी निकालता है 
वो “सड़” ही जाता है,उससे “दुर्गंध” आती है,
एक “जुगुप्सा”(घिनन) को जन्म देती है हमारा “रक्त” हो,“अपशिष्ट” हो,“श्वास” आदि इत्यादि हो,
यहां तक कि जब हम “मनुष्य के शरीर” को “त्याग” देते है,
तत्पश्चात ही ये “शरीर” “सड़” ही जाता है,
इससे “दुर्गंध” ही आती है,
बात ये है कि हमारे “वश” में है तो ये ही नहीं ... 
तो हमारे “वश” में तो है क्या ? 
हमारे “वश” में तो है “हमारे कर्म”,“हमारा मन्तव्य”,और “हमारी वाणी” यदि इसे “शुभ” रखोगे
 तो न केवल “स्वयं सुगंधित” रहोगे,
बल्कि “समस्त संसार” को “सुगन्धित” कर दोगे,
कहा जाता है कि “वाणी” से अधिक “बहुमूल्य” और कुछ नहीं इसलिए जब भी कुछ कहो 
तो अपने “शब्दों” को अपने “मन” की “तुला” पर तोलो,
तत्पश्चात उसका “उपयोग” करो,
कभी कभी हो सकता है कि आपके “शब्द” 
किसी के लिए “आशीर्वाद” बनके बरसे 
जिससे उसे “शक्ति” प्राप्त हो,“आशीर्वाद” प्राप्त हो,
ऐसा भी हो सकता है कि आपके “शब्द” 
किसी के “ह्रदय” को ऐसी “ठेस” पहुंचा दे
 कि वो उस से कभी “उभर” ही न पाए,
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“3/10/2021”*📝
✨ *“रविवार”*🌟

#“मनुष्य का शरीर”

#“दुर्गंध”

📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“3/10/2021”*📝 ✨ *“रविवार”*🌟 #“मनुष्य का शरीर” #“दुर्गंध” #“वश” #“स्वयं #“हमारे #“हमारा #“हमारी #“आशीर्वाद” #“या

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Sunil itawadiya

😎कोरोनावाइरस से बचाव के लिये÷}
                 👇
जरूर पढ़े पूरा 😎कोरोनावाइरस से बचाव के लिये *दो कली लहसुन और कच्चा प्याज सुबह शाम खाएं*
 ......हालांकि इससे ...होना जाना कुछ भी नहीं  है ..परंतु....

 *मुँ

😎कोरोनावाइरस से बचाव के लिये *दो कली लहसुन और कच्चा प्याज सुबह शाम खाएं* ......हालांकि इससे ...होना जाना कुछ भी नहीं है ..परंतु.... *मुँ

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अविनाश कुमार

सियासत का नया बेहूदा रंग देख रहा हूँ
बीएचयू की हवाओं में "संघ" देख रहा हूँ बीएचयू में हो रही घटनाओं से मन बहुत दुखी हुआ जा रहा है। मालवीय जी की बगिया में छात्राओं के साथ ये व्यवहार बहुत ही निंदनीय है। मुझे तो इन सभी

बीएचयू में हो रही घटनाओं से मन बहुत दुखी हुआ जा रहा है। मालवीय जी की बगिया में छात्राओं के साथ ये व्यवहार बहुत ही निंदनीय है। मुझे तो इन सभी #yqdidi #बनारस #bhu #1909avinash #UnsafeBHU

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सुसि ग़ाफ़िल

तेरी 
हथेली की रेखाओं को 
मैं छूना चाहता हूं 

मुझे पता है 
है एक मरुस्थल इनमें

जहां है दुर्गंध 
एक अजीब सी
है वहां नफरत 
बारिशों से

मेरे पोरों की नमी से
सुगंधित करना चाहता हूं

मैं 
तेरी हथेली की गलियों से 
नंगे पांव गुजारना चाहता हूं | तेरी 
हथेली की रेखाओं को 
मैं छूना चाहता हूं 

मुझे पता है 
है एक मरुस्थल इनमें

जहां है दुर्गंध

तेरी हथेली की रेखाओं को मैं छूना चाहता हूं मुझे पता है है एक मरुस्थल इनमें जहां है दुर्गंध

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Shwet Kavya Srijan

.......... #TukdeGangSpotted #JNUTerrorAttack #GatewayOfIndia #LeftAttacksJNU #mumbaiprotest #LEFTIST_ARE_TERRORISTS 
सुगंध बनने भेजा था, 
ये दुर्गंध क

#TukdeGangSpotted #JNUTerrorAttack #gatewayofindia #LeftAttacksJNU #mumbaiprotest #LEFTIST_ARE_TERRORISTS सुगंध बनने भेजा था, ये दुर्गंध क #कविता

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Shipra Pandey ''Jagriti'

चुप थे चुप तो हम तब भी थें, 
चुप हम अब भी हैं.., 
वजह बस अलग अलग है
पहले ये उम्मीद थी
शायद वो मेरी ख़ामोशी से सुधार जाए
अब कुछ यूँ चुप हैं कि..., 
पत्थर से कौन  टकराने जाए..! 
वो ना तब सुधर सका 
वो ना अब सुधरेगा..!! 

शिप्रा पाण्डेय 'जागृति'

©Kshipra Pandey इक बेजान रिश्ते के लाश को कुछ यूँ ढो रही हूँ, 
हर वक़्त उसके दुर्गंध से रू ब रू हो रही हूँ, 
कहीं संस्कार तो कहीं परवाह आ जाता है, 
सच कहूँ

इक बेजान रिश्ते के लाश को कुछ यूँ ढो रही हूँ, हर वक़्त उसके दुर्गंध से रू ब रू हो रही हूँ, कहीं संस्कार तो कहीं परवाह आ जाता है, सच कहूँ #PoetInYou

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Ashutosh Mishra

विचार

नदी का पानी मीठा क्यों होता है,
क्योंकि वह पानी दे सकती है।

समुद्र का पानी खारा क्यों होता है,
क्योंकि वह हमेशा लेता है।

नाले का पानी दुर्गंध भरा क्यों होता है,
क्योंकि वह रुका हुआ होता है।

यही जिंदगी है मेरे प्यारे,,,
जब तक दोगे सबको मीठे लगेंगे,
अगर लेते रहोगे तो खारे लगोगे,
और अगर रुक गए तो सबको बेकार लगोगे।
शुभ रात्रि
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻

©Ashutosh Mishra #विचार 
नदी का पानी मीठा क्यों होता है,
क्योंकि वह सब को देता है।
समुद्र का पानी खारा क्यों होता है,
क्योंकि वह सबसे लेता है।
नाली का पानी द

#विचार नदी का पानी मीठा क्यों होता है, क्योंकि वह सब को देता है। समुद्र का पानी खारा क्यों होता है, क्योंकि वह सबसे लेता है। नाली का पानी द

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संगीत कुमार

वेदना भी विषाक्त है। 
जिन्दगानी जड़ीभूत है।। 
चित्त हतप्रभ  है। 
बयार मे दुर्गंध है।। 
वेदना भी विषाक्त है। 

मानुष दुविधा से ग्रस्त है। 
जान तो बेजान है।। 
मन तो अशांत है। 
वेदना  भी विषाक्त है।। 


हयात खिन्न है।
वसुंधरा स्थिर है।। 
मनुज किंकर्तव्यविमूढ है। 
वेदना भी विषाक्त है।।

विधाता एक अनुनय है। 
संताप जग से मिटा दे।। 
सुधा का वर्षा करा दे। 
वेदना भी विषाक्त  है। 

(संगीत कुमार /जबलपुर )।
  ✒️स्व-रचित कविता 🙏🙏 वेदना भी विषाक्त है। 
जिन्दगानी जड़ीभूत है।। 
चित्त हतप्रभ  है। 
बयार मे दुर्गंध है।। 
वेदना भी विषाक्त है। 

मानुष दुविधा से ग्रस्त है। 
जा

वेदना भी विषाक्त है। जिन्दगानी जड़ीभूत है।। चित्त हतप्रभ है। बयार मे दुर्गंध है।। वेदना भी विषाक्त है। मानुष दुविधा से ग्रस्त है। जा

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Sunita D Prasad

निःसंदेह..
सत्य कभी मरता नहीं..
मार दिया जाता है।

(रीड इन कैप्शन)

--सुनीता डी प्रसाद💐💐 

# सत्य मरता नहीं..

सत्य की देह..
दबा दी जाती है
अंधकार में कहीं।
गुज़रने वालों को

# सत्य मरता नहीं.. सत्य की देह.. दबा दी जाती है अंधकार में कहीं। गुज़रने वालों को #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo

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Anamika

 कन्हैया मैं तेरी पतंग....
  हवा में यूं उड़ती जाऊंगी
डोर जो सौंपी है,तेरे हाथों में
 कट गई ,तो भी साथ निभायूंगी। राधा जी और कान्हा जी भी पतंग और
 डोर की तरह प्यार की उन बुलंदियों को छुआ जो हम सब लोगों के लिए एक जीता जागता उदहारण बना है।
●
●
●
●
●
●काग़ज

राधा जी और कान्हा जी भी पतंग और डोर की तरह प्यार की उन बुलंदियों को छुआ जो हम सब लोगों के लिए एक जीता जागता उदहारण बना है। ● ● ● ● ● ●काग़ज #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #राधे_कृष्णा #panku_writer #पतंग_panku

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अशेष_शून्य

~©Anjali Rai
(शेष अनुशीर्षक में ) अंतरिक्ष के दुसरे छोर तक
रखे जाने वाले कदम 
अगर स्त्री के "कौमार्य" की 
चौखट पर आकर 
ठिठक जाए। 

तो यकीन मानो;
इस दुनिया ने सिर्फ़

अंतरिक्ष के दुसरे छोर तक रखे जाने वाले कदम अगर स्त्री के "कौमार्य" की चौखट पर आकर ठिठक जाए। तो यकीन मानो; इस दुनिया ने सिर्फ़ #lifelessons #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #yqaestheticthoughts #अशेष_शून्य

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