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PSarang
मै खुद से रूठ गया हूं तुम्हें मनाते मनाते मै अंदर से टूट गया हूं इश्क़ जताते जताते अब तो बस घुटन सी मेहसूस होने लगी है खुद से ही आँख मिलाते मिलाते ©PSarang मै टूट चुका हूँ
Nilu 😊
आज खुद को गौर से आईने मे देखी तो, एक कमी सी खल गयी सामने से उस प्रतीबम्ब ने बोला ... देख तू किस कदर बदल गयी।। वो चिडियो सी चहचाहने वाली लड़की अब काम से बोलना सिख गयी, अपने मन की कर जाने वाली लड़की दुनिया के हिसाब से चलना सिख गयी, वो पलट कर जवाब देने वाली लड़की अब सुनकर भी चुप होना सिख गयी, छोटी-छोटी बात पर नखरे दिखाने वाली लड़की अब अकेले मे रोना सिख गायी, वो खुद मे गुम रहने वाली लड़की आज गुमनाम होकर रह गयी , हर बात पर खिलखिलाने वाली की हँसी अब मुस्कुराहट मे बदल गयी, इतना सुनते ही मै भी सोच में पड़ गयी क्या सचमुच मै इस कदर बदल गयी।। *Nilu * #मै किस कदर बदल गयी
amrit
किसी को लगा मै तब बदल गयी।, किसी को लगा मै अब बदल गयी, बस लोगो के हिसाब से चलना छोड़ा था, अब कहती हूँ "मै बदल गयी"। नज़रियें बदली, नीयत बदली, आईना वही था, चेहरे बदली, किसको - किसको क्या - क्या बोलूं, अब कहती हूँ "मै बदल गयी। वक्त के साथ - साथ जरुरते बदली, लोग वही थे, फितरते बदली, खैर मिजाज़ देख कर दुनिया के, अब कहती हूँ "मै बदल गयी"।। –Introvertz Beats🍁 ©amrit #मै बदल गयी।🍁 #Joker
Priyanshi
ये कैसी बेबसी है , मै खुद से ही रूठ गई हूं । वो तूफान सा आया , मै कस्ती सी टूट गई हूं । मै कस्ती सी टूट गई हूं
Madhvi Haritas
मैं इस कदर खो गयी हूँ तेरे प्यार में , मैं इस कदर खो गयी हूँ तेरे प्यार में , जीत भाती नहीं अब मुझे प्यार में, जीत भाती नहीं अब मुझे प्यार में, हा आती है शर्मो हया इस कदर , मुझे आती है शर्मो हया इस कदर , लफ्ज़ आते नहीं काम इजहार में , लफ्ज़ आते नहीं काम इजहार में , मैं इस कदर खो गयी हूँ तेरे प्यार में , जीत भाती नहीं अब मुझे प्यार में, जब कभी राहो में मिल जायें अगर, जब कभी राहो में मिल जायें अगर, नजरे उठती नहीं मुझसे इकरार में, नजरे उठती नहीं मुझसे इकरार में, मैं इस कदर खो गयी हूँ तेरे प्यार में , जीत भाती नहीं अब मुझे प्यार में, देखती हूँ जहाँ आते तुम हो नजर, देखती हूँ जहाँ आते तुम हो नजर, फूल दिखते नहीं मुझे बहार में , फूल दिखते नहीं मुझे बहार में , मैं इस कदर खो गयी हूँ तेरे प्यार में , जीत भाती नहीं अब मुझे प्यार में, कैसे बन गयी तेरी नहीं मुझको खबर , कैसे बन गयी तेरी नहीं मुझको खबर , कैसे तुम मिल गये मुझको संसार में , कैसे तुम मिल गये मुझको संसार में , नहीं करती इबादत अब कोई और मैं , नहीं करती इबादत अब कोई और मैं खुदा आता नज़र तेरे दीदार में , खुदा आता नज़र तेरे दीदार में, मैं इस कदर खो गयी हूँ तेरे प्यार में , जीत भाती नहीं अब मुझे प्यार में, नहीं चाहत किसी और जन्नत की अब , नहीं चाहत किसी और जन्नत की अब , मिल गयी सारी जन्नत मुझे हार में , मिल गयी सारी जन्नत मुझे हार में मैं इस कदर खो गयी हूँ तेरे प्यार में , जीत भाती नहीं अब मुझे प्यार में, माधवी हरितस मै इस कदर खो गयी हूँ