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Shyam kumar

निरहुआ उर्फ वीरेंद्र चौहान 😍🥰😍🥰
पहिला निरहुआ एहि हैं

निरहुआ उर्फ वीरेंद्र चौहान 😍🥰😍🥰 पहिला निरहुआ एहि हैं #films

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VICKY JAAT

Duggu Thakur Priyanka rajpur Pragya Rupa सोनी निरहुआ

Duggu Thakur Priyanka rajpur Pragya Rupa सोनी निरहुआ #लव

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Sujeet Bharati

निरहुआ आम्रपाली को बचाने कुदा पुल से नदी में

निरहुआ आम्रपाली को बचाने कुदा पुल से नदी में #Love

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Sh k

निरहुआ के अपने घर बुलाकर चमार के लड़के। को मारा

निरहुआ के अपने घर बुलाकर चमार के लड़के। को मारा #न्यूज़

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Sh k

चमार के एक अटके को निरहुआ घर बुलाकर अधमरा कर दिया है

चमार के एक अटके को निरहुआ घर बुलाकर अधमरा कर दिया है #शायरी

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Kavi Vikas Singh

भोजपुरी फिल्मों के स्टारों से एक मुलाकात दिनेश लाल यादव,निरहुआ, व उनके भाई,विजय लाल यादव,सुपर स्टार नीतू सिंह।

©Kavi Vikas Singh भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार, दिनेश लाल ,निरहुआ, व उनके छोटे भाई ,विजय लाल,स्टार नीतू सिंह, से एक मुलाकात।

भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार, दिनेश लाल ,निरहुआ, व उनके छोटे भाई ,विजय लाल,स्टार नीतू सिंह, से एक मुलाकात। #ज़िन्दगी

7 Love

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Sumit Upadhyay

कंटाप कथा   भाग -1
मास्टर साहब बच्चों को डांट रहे थे "तुम लोगों को जब तक कंटाप नही मिलेगा दिमाग ठिकाने नही आएगा।"
घर में चाचा जी अपनी बात बता रहे थे" हां फिर हमने दिया एक कंटाप ,तब निरहुआ का दिमाग ठिकाने आ गया ।।" ये सब सुनकर 5 साल के चीकू समझ में एक बात आ गयी थी कि हो न हो ये कंटाप कोई गज़ब चीज का नाम है जिसके मिलने से दिमाग तेज हो जाता है। कंटाप कथा भाग -1
मास्टर साहब बच्चों को डांट रहे थे "तुम लोगों को जब तक कंटाप नही मिलेगा दिमाग ठिकाने नही आएगा।"
घर में चाचा जी अपनी बात बता

कंटाप कथा भाग -1 मास्टर साहब बच्चों को डांट रहे थे "तुम लोगों को जब तक कंटाप नही मिलेगा दिमाग ठिकाने नही आएगा।" घर में चाचा जी अपनी बात बता #Quotes

4 Love

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तुषार"आदित्य"

Just imagine
ये नया दौर चला है,543 में एक ही आदमीअकेला लड़ा है
चलो उन चेहरों की जगह ,उसका ही चेहरा लगाते है
और अब उस बाकी किरदारो से नए चित्र बनाते है,अगर बात सही है तो स्टार प्लस वाली बहु भी वही है जो रिश्तों के रूप बदलती थी,मिहिर की याद में रोती बिलखती थी।
फिर तो रिंकिया के पापा भी उसने ही गाया, रिमोट से लहँगा उठाया। निकल गया गड्डी लेके,निरहुआ बनके रिक्शा भी चलाया। वर्ल्ड कप भी खेला उसने,गब्बर के आगे नाच के वीरू को भी बचाया। तड़ीपार भी वही हुआ था,उसने ही गौ मूत्र से कैंसर को हराया। लोगो को श्राप से डराया और अंत मे हटा सावन की घटा गाया।कुछ किरदार छूट गए है आप उन्हें भी imagine कर सकते है। Just imagine
ये नया दौर चला है,543 में एक ही आदमीअकेला लड़ा है
चलो उन चेहरों की जगह ,उसका ही चेहरा लगाते है
और अब उस बाकी किरदारो से नए चित्र

Just imagine ये नया दौर चला है,543 में एक ही आदमीअकेला लड़ा है चलो उन चेहरों की जगह ,उसका ही चेहरा लगाते है और अब उस बाकी किरदारो से नए चित्र #नमो #चौकीदार #Election2019 #चुनाव2019 #justimagine #56inch #चोकीदार

0 Love

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Niranjan Undhad

 #निरजु
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Niranjan Undhad

 #निरजु
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tej bahadur

निरहू

निरहू #शायरी

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Niranjan Undhad

ना कर किसी को इतना खुश रखने की कोशिश।

की वो किसी ओर की खुशी में शामिल हो जाये।

ओर तुम देखते रहजाओ। #निरजु
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Niranjan Undhad

 #निरजु
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Neeti Jha

#SadStorytelling तिरहुत विरहगीत

#SadStorytelling तिरहुत विरहगीत #कविता

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abhisri095

कोई खोट हममे ही रही होगी 
जो ऐसा हुआ
जिस-जिस को चाहा
किसी और का हुआ

कोई शिकायत नही है
बस एक सवाल है
वो सवाल जो अब तक
पूरा न हुआ

क्या सुबह क्या शाम
मानो वक़्त संग सब थम सा गया है
वो वक़्त जो कभी वक़्त पे
मेरा न हुआ

ख़ैर, मुस्कुराओ तुम
जो हमने चाहा नही तुम्हे
वगरना! कहते फिरते
ये सख्श कभी किसी का न हुआ #हुआ, न_हुआ

#हुआ, न_हुआ

11 Love

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Singer Chandradeep Lal Yadav

कईली रोपनिया निहुर निहुर के Acter singer chandradeep lal yadav and अशीष  यादव

कईली रोपनिया निहुर निहुर के Acter singer chandradeep lal yadav and अशीष यादव #लव

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Saurabh Kumar

Happy निहुर# Mani miraj comdey😅😅 video

Happy निहुर# Mani miraj comdey😅😅 video #Comedy

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Singer Chandradeep Lal Yadav

होलिया में लसलसाता निरहू actor singer writer Chandradeep lal Yadav

होलिया में लसलसाता निरहू actor singer writer Chandradeep lal Yadav #Videos

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SONU VERMA

परमेश्वर कबीर साहेब जी का मगहर से सशरीर सतलोक गमन गरीब, नूर नूर निरगुण पद मेला, देखि भये हैराना हो ।

पद ल्यौलीन भये अविनाशी, पाये पिण्ड न प

परमेश्वर कबीर साहेब जी का मगहर से सशरीर सतलोक गमन गरीब, नूर नूर निरगुण पद मेला, देखि भये हैराना हो । पद ल्यौलीन भये अविनाशी, पाये पिण्ड न प #Nature #Trending #Winter #समाज #instagramers #likesforlike #explorepage #faishion #trendingreels #vinter

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प्रशान्त कुमार"पी.के."

"कोरोना मुक्ति चालीसा"

                 दोहा 

"कोरोना" के नाम का, रोना हो जाये बन्द।
केवल इससे बचाव के, कर लो आप प्रबंध।।

                  चौपाई

     जय जय हे कोरोना देवा।
     चीन ने कीन्ही तुम्हरी सेवा।

     समझा निज का तुमको रक्षक।
     बन गये तुम उसके ही भक्षक।।

     चीन ने तुम पर कीन्ह भरोसा।
     पर तुम्हरा मन ना संतोषा।

     जिसने तुमको पाला पोषा।
     उसको तुमने दीन्हा धोखा।।

     कर बेवफाई पैर पसारा।
     पालक जन को तुमने डकारा।।

     भ्रष्टाचार सा अवसर पाकर।
     सब देशन मा घुसि गए जाकर।।

     ध्यान रखो सब बाल वृद्ध जन।
     युवक, युवती अन्य सब परिजन।।

     खांसी जुकाम और दर्द गले मा।
     दिक्कत होय सांस लेवे मा।।

     यहि लक्षण जो कोई मा पावें।
     सदा ही इनसे दूरी बनावें।।

     मास्क लगाई फिरहु तजि डर का।
     बिना काम नही छोड़हु घर का।।

     हाथ मिलाई न, करहु नमस्ते।
     भीड़ भाड़ से नापहु रस्ते।।

     साफ सफाई सब तनि राखहु।
     आस पास कुछ मैल न राखहु।।

     घर पर आई के हाथ मलि धोवहु।
     निर्भय इधर उधर फिर डोलहु।।

     "कोरोना" को तजि फिर रोना।
     जग से मिटि जाय यहि "को-रोना"।

     हम सब जंग लड़ेंगे तुझसे।
     हम सब नही डरेंगें तुझसे।।

    पी.एम. संग हैं हम जनता गण।
    हर पल हर दिन जीवन के हर क्षण।।

    स्वस्थ रहेंगे, स्वच्छ रहेंगे।
    सब निर्भय और मस्त रहेंगे।।

    अफवाहों पर ध्यान न देवें।
    कान सुनी पर ध्यान न देवें।।
  
    पालन कर सरकारी ज़न का।
   रखहु सुरक्षित जीवन धन का।।
 
    "पी.के." ध्यान बात यहि लावै।
     कोस दूर कोरोना भागै।।

                  दोहा

कोरोना बुरी आत्मा, तुम्हरा सत्यानाश।
तुम्हरे बुरे विचार का, होगा महाविनाश।।

विश्व के हम सब एक हो, करेंगे ऐसा उपाय।
जड़ से तू मिट जाय, फिर कबहूँ ना आय।।

           कविपं. प्रशान्त कुमार पी.के.
                साहित्य वीर अलंकृत
                       आशुकवि
                    पाली - हरदोई
                      उत्तर प्रदेश
                  8948892433 #"कोरोना मुक्ति चालीसा"

                 दोहा 

"कोरोना" के नाम का, रोना हो जाये बन्द।
केवल इससे बचाव के, कर लो आप प्रबंध।।

#"कोरोना मुक्ति चालीसा" दोहा "कोरोना" के नाम का, रोना हो जाये बन्द। केवल इससे बचाव के, कर लो आप प्रबंध।।

7 Love

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प्रशान्त कुमार"पी.के."

"कोरोना मुक्ति चालीसा"

"कोरोना" के नाम का, रोना हो जाये बन्द।
केवल इससे बचाव के, कर लो आप प्रबंध।।

जय जय हे कोरोना देवा।
चीन ने कीन्ही तुम

"कोरोना मुक्ति चालीसा" "कोरोना" के नाम का, रोना हो जाये बन्द। केवल इससे बचाव के, कर लो आप प्रबंध।। जय जय हे कोरोना देवा। चीन ने कीन्ही तुम

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Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुन्दरकांड🙏

दोहा – 11

सीताजी मन में सोचने लगती है
जहँ तहँ गईं सकल तब सीता कर मन सोच।
मास दिवस बीतें मोहि मारिहि निसिचर पोच ॥11॥
फिर सब राक्षसियाँ मिलकर जहां तहां चली गयी-तब सीताजी अपने मनमें सोच करने लगी की –एक महिना बितने के बाद यह नीच राक्षस (रावण) मुझे मार डालेगा ॥11॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

सीताजी और त्रिजटा का संवाद
माता सीता, त्रिजटा को, श्रीराम से विरहके दुःख के बारे में बताती है
त्रिजटा सन बोलीं कर जोरी।
मातु बिपति संगिनि तैं मोरी॥
तजौं देह करु बेगि उपाई।
दुसह बिरहु अब नहिं सहि जाई॥
फिर त्रिजटाके पास हाथ जोड़कर सीताजी ने कहा की हे माता-तू मेरी सच्ची विपत्तिकी संगिनी (साथिन) है॥सीताजी कहती है की जल्दी उपाय कर
नहीं तो मै अपना देह तजती हूँ(जल्दी कोई ऐसा उपाय कर जिससे मै शरीर छोड़ सकूँ)क्योंकि अब मुझसे अति दुखद विरहका दुःख सहा नहीं जाता॥

सीताजी का दुःख
आनि काठ रचु चिता बनाई।
मातु अनल पुनि देहि लगाई॥
सत्य करहि मम प्रीति सयानी।
सुनै को श्रवन सूल सम बानी॥
हे माता! अब तू जल्दी काठ ला और
चिता बना कर मुझको जलानेके वास्ते जल्दी उसमे आग लगा दे॥
हे सयानी! तू मेरी प्रीति सत्य कर- रावण की शूल के समान दुःख देने वाली वाणी कानो से कौन सुने?सीता जी के ऐसे शूल के सामान महा भयानाक वचन सुनकर॥

त्रिजटा सीताजी को सांत्वना देती है

सुनत बचन पद गहि समुझाएसि।
प्रभु प्रताप बल सुजसु सुनाएसि॥
निसि न अनल मिल सुनु सुकुमारी।
अस कहि सो निज भवन सिधारी॥
त्रिजटा ने तुरंत सीताजी के चरण पकड़ कर उन्हे समझायाऔर प्रभु रामचन्द्रजी का प्रताप, बल और उनका सुयश सुनाया और  सीताजी से कहा की हे राजपुत्री! हे सुकुमारी!अभी रात्री है, इसलिए अभी आग नहीं मिल सकत ऐसा कहा कर वहा अपने घरको चली गयी॥

सीताजी को प्रभु राम से विरह का दुःख आसमान के तारे

कह सीता बिधि भा प्रतिकूला।
हिमिलि न पावक मिटिहि न सूला॥
देखिअत प्रगट गगन अंगारा।
अवनि न आवत एकउ तारा॥
तब अकेली बैठी बैठी सीताजी कहने लगी की क्या करूँ विधाता ही विपरीत हो गया-अब न तो अग्नि मिले और न मेरा दुःख कोई तरहसे मिट सके॥ऐसे कह तारो को देख कर सीताजी कहती है की ये आकाश के भीतर तो बहुत से अंगारे दिखाई दे रहे है,परंतु पृथ्वी पर पर इनमे से एक भी तारा नहीं आता॥

चन्द्रमा और अशोक वृक्ष
पावकमय ससि स्रवत न आगी।
मानहुँ मोहि जानि हतभागी॥
सुनहि बिनय मम बिटप असोका।
सत्य नाम करु हरु मम सोका॥
सीताजी चन्द्रमा को देखकर कहती है कि यह चन्द्रमा का स्वरुप अग्निमय दिख पड़ता है,पर यह भी मानो मुझको मंदभागिन जानकार आग को नहीं बरसाता॥अशोक के वृक्ष को देखकर उससे प्रार्थना करती है कि -हे अशोक वृक्ष!मेरी विनती सुनकर तू अपना नाम सत्य कर।अर्थात मुझे अशोक अर्थात शोकरहित कर।मेरे शोकको दूर कर (मेरा शोक हर ले)॥

सीताजी को दुखी देखकर हनुमानजी को दुःख होता है

नूतन किसलय अनल समाना।
देहि अगिनि जनि करहि निदाना॥
देखि परम बिरहाकुल सीता।
सो छन कपिहि कलप सम बीता॥
तेरे नए-नए कोमल पत्ते अग्नि के समान है ,तुम मुझको अग्नि देकर मुझको शांत करो॥इस प्रकार सीताजीको विरह से अत्यन्त व्याकुल देखकर हनुमानजी का वह एक क्षण कल्प के समान बीतता गया॥

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 466 से 477 नाम
466 स्ववशः जगत की उत्पत्ति, स्थिति और लय के कारण हैं
467 व्यापी सर्वव्यापी
468 नैकात्मा जो विभिन्न विभूतियों के द्वारा नाना प्रकार से स्थित हैं
469 नैककर्मकृत् जो संसार की उत्पत्ति, उन्नति और विपत्ति आदि अनेक कर्म करते हैं
470 वत्सरः जिनमे सब कुछ बसा हुआ है
471 वत्सलः भक्तों के स्नेही
472 वत्सी वत्सों का पालन करने वाले
473 रत्नगर्भः रत्न जिनके गर्भरूप हैं
474 धनेश्वरः जो धनों के स्वामी हैं
475 धर्मगुब् धर्म का गोपन(रक्षा) करने वाले हैं
476 धर्मकृत् धर्म की मर्यादा के अनुसार आचरण वाले हैं
477 धर्मी धर्मों को धारण करने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड🙏

दोहा – 11

सीताजी मन में सोचने लगती है
जहँ तहँ गईं सकल तब सीता कर मन सोच।
मास दिवस बीतें मोहि मारिहि निसिचर पोच ॥11॥
फिर सब रा

🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 11 सीताजी मन में सोचने लगती है जहँ तहँ गईं सकल तब सीता कर मन सोच। मास दिवस बीतें मोहि मारिहि निसिचर पोच ॥11॥ फिर सब रा #समाज

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अज्ञात

पेज-37
एक ओर मानक की सगाई की धूम दूसरी ओर बिजली के दिल दिमाग में शादी का भूत हुआ सवार... ताऊ जी सब कुछ सहन कर सकते थे मगर बिजली जो कह दे उसे पूरा करने में जान लगा देते थे.. ताऊ जी.. करीब छह फुट लम्बा भीमकाय शरीर किन्तु वृद्धावस्था ने उदर को लम्बोदर कर रख्खा था.. घुटनों तक सोलह हाथ की धोती लपेटे.. हाथ में सरसों तेल में नहाया शारीरिक कद के मुताबिक लट्ठ.. नाक से जबड़े तक गिरती फिर उठकर कानों को छूकर गालों पर दोनों ओर वृत्त निर्मित करती घणी मूछें.. जिन्हें देखते ही अच्छे अच्छों की घिग्घी बंध जाती है.. किसी की ना सुननेवाले ताऊ जी की नकेल केवल हमारे विशाल साहब ने कस रख्खी थी वरना तो मानक की सगाई बाद में पहले बिजली को बादल से मिलाना ही पड़ता.. यहाँ कथाकार ने बिजली को आते
 देख सबको सतर्क करने करना चाहा.. मगर

आगे कैप्शन में..

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी.. 
पेज 37 
शेष भाग. 
कथाकार को कौन सुन पा रहा है सबको तो गेस्टहॉउस जाकर दुल्हनियां के दीदार जो करने थे... कहीं कहीं अन्दर ही

#रत्नाकर कालोनी.. पेज 37 शेष भाग. कथाकार को कौन सुन पा रहा है सबको तो गेस्टहॉउस जाकर दुल्हनियां के दीदार जो करने थे... कहीं कहीं अन्दर ही #प्रेरक

46 Love

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।। 'तुम काश्मीर से स्व #Books

|| श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।। 'तुम काश्मीर से स्व #Books

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत

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