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New ग़ज़ल गण म्प३ Quotes, Status, Photo, Video

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All In One Message & Videos

गण गण गणपतंये नमः

गण गण गणपतंये नमः #Thoughts

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Sant Gajanan Shegaviche

°|| गण गण गणात बोते ||°

°|| गण गण गणात बोते ||° #शिक्षण

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Gajanan Talpate

गण गण गणात बोते

गण गण गणात बोते

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Prashant Karpe

गण गण गणपतेय नमः

गण गण गणपतेय नमः #समाज

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नूर

गण तंत्र दिवस की 
आप सभी को 
हार्दिक शुभकामनाएं।
 #gif गण ...

गण ... #Gif

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Rajni Vijay singla

च#म्पी
#september creator

चम्पी #September creator #ज़िन्दगी

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Rameshwar mehar

जन गण मन...

जन गण मन... #जानकारी

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Er.Mahesh

जाति धर्म से ऊपर उठकर
 स्वतंत्रता की लडी लड़ाई
ऐसे महान पुरुषों को
हम दिल से देते बधाई
हिन्दू, मुस्लिम चाहे
सिक्ख हो या मराठा
सब ने वतन की खातिर
अपनी कीमती जान गंवाई
स्वतंत्र राष्ट्र की सबने थी अंतिम इक्षा जताई
ऐसे महान पुरुषों को, गणतंत्र दिवस की बधाई

©Er.Mahesh
  #गण तंत्र दिवस

#गण तंत्र दिवस

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Snehi Uks

#जन #गण #मन
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Vijay Kumar

मेरा गण कैसा लगा

मेरा गण कैसा लगा #कॉमेडी

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pramod malakar

**!!** आज के नेता गण **!!**
****************
आज  के  नेता  गण  अपने  कुर्सी के  खातिर,
होठों  पर  पतझड़  सा  नकली  मुस्कान लिए,
लाखों  श्रोताओं  के  बीच ऊंचे  बने मचान से,
सुंदर रंग-बिरंगे आसमां के नीचे,
पहले धीमी , फिर........
तेज   और   बुलंद   आवाज   में,
दूसरे  नेताओं  की   करतूतों को,
" सौ " साल पुराने........
सड़े कपड़ों की तरह चिथड़े-चिथड़े करते हुए,
अपने     झूठे    जुबान    से,
वादों   की  लड़ी  लगा  कर,
मूंह  में  सपनों  से  भरी  बंद  गठरी खोल कर,
लाचार  गरीबों  के    सामने,
खुले मैदान में बिखेर देते हैं।
कुर्सी  पाने   के  बाद , सुंदर  सलोने  मचान से,
नेताओं  द्वारा   बिखेरी   गई   खूबसूरत  सपने,
विशाल भवन  के अंदर,बड़ी सी टेबल के पीछे,
पावर  से  भरपूर  कुर्सी..........
वोट और चंदा देने वाले को भूल जाते हैं।
श्रोता गण तो श्रोता गन रहते हैं,
नेता के अपने ‌और नेता सभी बातें भूल जाते हैं।
आज के नेता गण अपने कुर्सी के खातिर,
सारे वादें  भूल जाते हैं।।
************************
प्रमोद मालाकार की कलम से
06.06.1995
**************

©pramod malakar #आज के नेता गण

#आज के नेता गण #कविता

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Supriya Yewale

#IndianRepublic जन गण मन

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Dinesh Nimbawat Mali

जन गण मन #aazadi  #15august

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DR. LAVKESH GANDHI

हिंदी दिवस

 चलो हिंदी दिवस मनाएँ 
 जन-जन की इसे भाषा बनाएं  
 दिलों को दिलों से जोड़ने वाली
 इसे संपूर्ण राष्ट्र की भाषा बनाएं

 जन जन की यह भाषा है
 भारत के बढ़ते चरणों की
 यह अनुपम भाषा है
 बढ़ते भारत की यह राष्ट्रभाषा है

 राष्ट्रभाषा
 जन गण की अभिलाषा

राष्ट्रभाषा जन गण की अभिलाषा

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Ali sir (A+A)

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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Veena Khandelwal

#ग़ज़ल

मुहब्बत जब करें आँखे , इबारत ही नहीं होती।
दिखावे की ज़ताने की,लियाकत ही नहीं होती।

सफीने दिल लिखी मेरे ,इबारत तुम ज़रा पढ़ लो।
उसे इज़हार करने की  , ज़रूरत ही नहीं होती।

नज़ाकत है अदाओं में,नज़ारत से भरा चेहरा।
इशारों से अगर छेड़ूं  , शरारत ही नहीं होती  ।

इबादत इश्क को समझे,शिकायत हो ना इक दूजे।
मुहब्बत में वहां यारों  , सियासत ही नहीं होती।

जहाँ दो प्यार करते दिल,दो तन  इक जान हो जाये 
खुदा जाने बड़ी इससे , इनायत ही नहीं होती।

करी माँ बाप की सेवा, खुशी दामन भरे उनके।
बड़ी इससे कभी कोई  , इबादत ही नहीं होती।

हया आँखों में थोड़ी हो,जरा हो चाल गजनी सी।
लबों मुस्कान हो ऐसी नज़ाकत ही नहीं होती।

मुहब्बत पास इतनी हो,मगर कुछ बंदिशें भी हो।
सम्हाले किस तरह दिल को,हिफ़ाज़त ही नहीं होती।

बिखर जाये मुहब्बत जब,बसा घर भी बिखर जाये।
तमन्ना हो ना जीने की ,कयामत ही नहीं होती।


नज़ारत=ताजगी
लियाकत=योग्यता,शालिनता ग़ज़ल

ग़ज़ल

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के_मीनू_तोष

............. #ग़ज़ल
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Azhar Ali Imroz

ग़ज़ल
आँखे क्यों नम है
सब है तो हम है
हम में भी ग़म है
दुनिया क्यों‌ कम है 
धरती   पे  रन  है 
पीने  को   रम  है
जाती  तेरी  जो 
सब के सब सम है
छाती  में  ले कर 
चलते क्यों बम है
 तेरी जाँ ,जाँ  है
   तूँहीं   रूपम  है
         तुझ में भी क्या है?
       चींटी का दम  है
        जग में परिवर्तन   
       तूँ कैसा लम है
        जो जल,जम जाए 
      तूँ वैसा जम है 
       फिर इस धरती पे
         क्यों  होता धम है

    अज़हर अली इमरोज़
मतलब
रन ----युद्ध/युद्ध का मैदान
रम---विलायती शराब
रूपम___सौंदर्य/सुन्दर /गुनकारी ग़ज़ल

ग़ज़ल

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दुर्गेश निर्झर

मतला, मकता, काफ़िया या रदीफ;
मैं तो तुझे ही अश आर लिखता हूँ॥ 
मैं ग़ज़ल नहीं तेरा प्यार लिखता हूँ॥
      
               ©दुर्गेश पण्डित #ग़ज़ल
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Irfan Abid

ग़ज़ल
غزل
आपको बा-शऊर होना था
दिल तो शीशा है चूर होना था
آپ کو با۔شعور ہونا تھا۔
دل تو شیشہ ہے چور ہونا تھا۔ 
हम मुहब्बत से क्या गिला करते
तुमको मिलना था दूर होना था
ہم محبت سے کیا گلہ کرتے۔
تم کو ملنا تھا دور ہونا تھا۔ 
सारी दुनिया से मुझे फर्क़ नही
तुमको मेरा ज़ुरुर होना था
ساری دنیا سے مجھے فرق نہیں۔
تم کو میرا ضرور ہونا تھا۔
मानता ही नही दिले-नादां
अहले-दिल थे फ़ुतूर होना था
مانتا ہی نہیں دل۔ناداں۔
اہل دل تھے فتور ہونا تھا۔
वो ख़ुदा तो नही ख़ुदा की क़सम
पर हसीं है गुरुर होना था
وہ خدا تو نہیں خدا کی قسم۔
پر حسینی ہیں غرور ہونا تھا۔
क्यूं सज़ा पा रहा है तू आबिद
तुझको तो बे-क़सूर होना था
کیوں سزا پا رہا ہے تو عبد۔
تجھ کو تو بے قصور ہونا تھا۔
عرفان عابد
इरफ़ान आबिद #ग़ज़ल
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Ceat Ltd.

ग़ज़ल

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vivek singh

आपने गायीं ग़ज़लें और हमने सुनी।
दिल ❤️ को ठंडी आहों से यूं भर दिया।
आपकी मुस्कुराहट को हम क्या कहें,
सूना सा मेंरा आंगन हरा कर दिया।
   - विवेक ग़ज़ल

ग़ज़ल

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संजय श्रीवास्तव

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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"Happy Jaunpuri"

ए खुदा क्यों कहर बरपा रहा है।
हर दिन चश्म से अश्क बरसा रहा है।।

बेबाकी से वो हमें खसारे में रख गए।
और जुर्म उसका हम पर ढा रहा है।।

ज़हमतों से घिरा हूं मैं,तेरी रहमत न है।
ऊपर से दीद को उसके जी तरसा रहा है।।

अब तो कुछ नई इब्तिदा करने दे मेरे मौला।
क्यों ज़िन्दगी में ज़ुल्मत बरपा रहा है।।
©"हैपी जौनपुरी"
(चश्म =आंख,।  इब्तिदा=शुरुवात
.ज़ुल्मत=अंधकार) #ग़ज़ल
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डॉ रूपा भावसार

#ग़ज़ल
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Rahul Khan

पूछा था हमसे किसी ने,"तुम्हारी
 गजल अधूरी क्यों रह जाती है"

हमने भी मुस्कुरा कर कह दिया," सच्ची मोहब्बत और
अच्छी ग़ज़ल की खासियत है
 वे अक्सर अधूरी रह जाती हैं" ग़ज़ल

ग़ज़ल #शायरी

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Bhanu pratap singh

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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(तरूण तरंग)तरूण.कोली.विष्ट

कुछ पाने के लिए कुछ तो खोना पडेगा
खुद को  बदलो  नही तो  रोना पडेगा

दर्द तुम्हारा यहाँ कोई नही समझेगा
खुद चुपचाप सहकर चलना पड़ेगा

ये अपने ही तुम्हे तुम्हारे गैर बतायेगे
गमों से सामना तुम्हारा जब पडेगा

जंग में  है धुरंधर ही  सभी यहाँ पर
जीतेगा वही जो अखिरी तक लडेगा

खुदा का नाम बदनाम करते यहां कई
मुक्कामल होगा वही जो नेक राह चलेगा

तैश में आकर तुम पूरा शहर जला बैठै
भूल गये घर तुम्हारा भी इसमे जलेगा

मोहब्बत से बोलना जान हाजिर करूगा
दुश्मनी लेना तरुण से जरा मेहगा पडेगा #ग़ज़ल
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