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दूध नाथ वरुण

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Smita Sapre

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shashank jha

तनी ताका ना बलमुआ हमार ओरीया... #bihari #bihar #bhojpuri #FilmyMeme #bihari_hai #yqdidi #maithili #village

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Style of Bihari
ऐ सुनो....देखो अरे देख भी लो 
अच्छा केकरा की घर की हो हमको पहचानती हो
बियाह हो गया है ?? 
धत् एतना बडका हो गई अभी बियाह नहीं हुआ तनी ताका ना बलमुआ हमार ओरीया... 
#bihari #bihar #bhojpuri #filmymeme #bihari_hai #yqdidi #maithili #village

Hasanand Chhatwani

✍🏻*जैसे हो वैसे ही रहा करो... क्योंकि* *ओरीजनल की कीमत कॉपी से ज्यादा होती है.......* #waiting

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✍🏻*जैसे हो वैसे ही रहा करो...
क्योंकि*
*ओरीजनल की कीमत,,,
कॉपी से ज्यादा होती है.......* ✍🏻*जैसे हो वैसे ही रहा करो... क्योंकि*

*ओरीजनल की कीमत कॉपी से ज्यादा होती है.......*
#waiting

SK Singhania

धरे कटि पे कमोरी चली यमुना की ओरी हरी चूड़ियां कमाल रे बाहें गोरी गोरी रूप लागे है अनूप जैसे शरद की धूप मुख पारिजात सम है चाँद में चकोरी #शायरी #SKG

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धरे कटि पे कमोरी
 चली यमुना की ओरी 
हरी चूड़ियां कमाल रे 
बाहें गोरी गोरी 
रूप लागे है अनूप 
जैसे शरद की धूप 
मुख पारिजात सम है
 चाँद में चकोरी 
बिन्दी माथ पे है 
लाल केश करते कमाल 
रंग साड़ी वाले में 
खोये साधू,अघोरी 
शूल चूम रहा पाँव 
देता  दिल में घाव 
अरु पागल करे आज 
गाँव वाली छोरी

©SK Sihnghaniya धरे कटि पे कमोरी चली यमुना की ओरी 
हरी चूड़ियां कमाल रे बाहें गोरी गोरी 
रूप लागे है अनूप जैसे शरद की धूप 
मुख पारिजात सम है चाँद में चकोरी

Er.Shivampandit

#विज्ञानदिवस इस विज्ञान दिवस पर, ये कविता है अर्पण, विज्ञान के लिए जो दिन-रात होते हैं लगातार मेहनत करते रहते उनको सलाम। नींदों से जब तक आ #Poetry #प्रेम #Banaras #nojotohindi #nojotoapp

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AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #पत्थर.. इक दिन मैंने, ​पत्थर पर इक पौधा उगा देखा, ​उसके सुर्ख रक्तिम फूल, ​चमक रहे थें, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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इक दिन मैंने,
​पत्थर पर इक पौधा उगा देखा,
​उसके सुर्ख रक्तिम फूल,
​चमक रहे थें,
ओस की बूँदों में,
​पेड़ की ओट से झाँकती,
​सुनहरी सिंदूरी किरणों के सहारे,
​
​कौतूहलवश मैंने भी,
​घर के आँगन की मिट्टी खोदी,
​व..उसमे लाकर ​रोप दिए,
​कुछ गोल पत्थर,
​कुछ तिकोने,
​और..
​कुछ अनगढ़ से पत्थर, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

#पत्थर..

इक दिन मैंने,
​पत्थर पर इक पौधा उगा देखा,
​उसके सुर्ख रक्तिम फूल,
​चमक रहे थें,
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