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Ashish Chauhan
मंज़िल तक पहुंचने पर कि ठोकरें आंसूओं में डूबकर अपनों के दूर होने तक क्या अजीब कामयाबी हासिल कि है मैंने खुद से दूर होकर बहुत कुछ खोने तक ये अजीब पकके रिश्ते अपना रंग खो बैठे एक कदम लड़खड़ाया था कभी खाली हथेलियां थी बहुत सुकून मिला इस ज़हन को कुछ नींद से जागकर कुछ इश्क़ में भी ग़ैर होकर ©Ashish Chauhan उड़ते परिंदे #us
Tanha_shayar
हे उड़ते परिंदे कुछ तो दुआ दे खुले आसमान की पिंजरे का दर्द क्या है समझ चुका है इंसान भी md. हे उड़ते परिंदे कुछ तो दुआ दे खुले आसमान की पिंजरे का दर्द क्या है समझ चुका है इंसान भी
Prem Nirala
शहर की हवाओं में उड़ते परिंदे मुझे क्या ख़्वाब दिखाएँगे, आँगन के काले कौवे को देख, माँ बताती थी, कि कोईं आने वाला हैं! prem_nirala_ शहर की हवाओं में उड़ते परिंदे मुझे क्या ख़्वाब दिखाएँगे, आँगन के काले कौवे को देख, माँ बताती थी, कि कोईं आने वाला हैं! #prem_nirala_
Ankit Boss golden heart
आसमान में उड़ा एक परिंदा, जब अपना घोंसला छोड़कर। तो पता चला उसे, कि उड़ गया वो, अपना सुकून छोड़कर।। ~~अंकित ©Ankit Boss golden heart कहानी एक उड़ते परिंदे की #life #Life_experience #birds #human #alone #lonely #Ankitbossgoldenheart #AnkitBoss #reels #Emotional Sm@rty divi
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
सुनता आया था मैं अपने बचपन से, बिना चाहत हम कुछ नहीं पाते हैं; पर इन चाहतों की हद्द कौन तय करे, ये उड़ते परिंदे हैं, बस में कहाँ आते हैं; रास्ते अनेक पर जिंदगी मिली एक हमें, खोने पाने की कश्मकश में पछताते हैं; लेकिन अनुभवी समाज के ये बाशिंदे, सदा सीधा ही चलने में सुख बताते हैं; अंत तक रहेगा ये सवाल 'अंकुर ', ये अनचले टेढ़े मेढ़े रास्ते किधर जाते हैं; ¤¤¤¤अंकुर ¤¤¤¤© सुनता आया था मैं अपने बचपन से, बिना चाहत हम कुछ नहीं पाते हैं; पर इन चाहतों की हद्द कौन तय करे, ये उड़ते परिंदे हैं, बस में कहाँ आते हैं;
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat हम तुम्हे लिखते है। कभी तुम हमें लिखो। तो तुम्हे मानते हम। पन्नों पर उड़ते। परिंदे भी बनाएं। उड़ गए सब। कहां हो तुम। सो गए सब। लिखती बस। लिखूं तुझको। ये तो बता दे अब। देर ना कर। बीते लम्हें। सब। चांद की रोशनीं। पुकारें अब। पूछती हूं तुझसे। याद करते हो अब। इशारों में ही। बता दें, सो गए सब। गरम सांसे थमती है अब। गुस्ताख़ी माफ़ कर। फरमान जरी कर। अब तो बता दे। लिखते है हम। लिखं दें मुझे। सो गए सब। सो गए सब। #words #believe #bestyqhindiquotes #ywbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat हम तुम्हे लिखते है। कभी तुम हमें लिखो। तो त
Rashmi Hule
दिन गुजरने दे ... कुछ ख़ामोश याद आएगी तुझे मेरी ... तब ना आसू निकाल मेरे नाम का एक भी जब खों जाएंगे हम कहीं और तू कहीं एक थीं मंजिल जो अलग हों गई अभीं जुदा है रास्ते अब ना मिलेंगे फिर कभीं दिन गुजरने दे कुछ ख़ामोश . .. अब मिटाया है मैंने अपनी हस्ती को तुमसे दूर बसाया है अपनी बस्ती को बस उड़ते परिंदे दिखते है यहा खुले आसमानों में कैसे उड़ जाऊ मैं , पंख काटें है मेरे अपनों ने दिन गुजरने दे कुछ ख़ामोश ... तु सोचता होगा एक तेरा ही सहारा होगा तेरे बिना ना अब कोई किनारा होगा मेरे अंदर की चिंगारियों को जानता नही तु इक दिन ये आँसमा भी सिर्फ़ मेरा होगा दिन गुजरने दे कुछ खामोश.... #cinemagraph #yqdidi #yqbaba#yqhindi #yqpoetry rashmi... दिन गुजरने दे ... कुछ ख़ामोश याद आएगी तुझे मेरी ... तब ना आसू निकाल मेरे नाम का
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat कागज़ पर लिख कर मुचोड दिया तुझको फिर फटे टुकड़ों से हर दफा जोड़ा था मुझको मिलती वफा क्या ऐसे यहीं सवाल किया था तुझको नाकामी के अंधेरों में क़ैद करके क्या पा सको गे मुझको उड़ते परिंदे की उड़ान भरना बस मिजाज़ मिला तुझको हम रिश्तों की कड़ी में बांधते अरमान मेरे सवाल पूछते मुझको हराम थी वो वक़्त की घड़ी जो जुड़ी थी बेवक्त जुड़ी तुझको ये प्यार है या मतलब या है लाचारी ज़िन्दगी पूछती मुझको तू जी कर अपनी ज़िन्दगी पन्नों में अधुरी कहानी पर अफ़सोस भी होगा तुझको दूर बहुत देर हो जाती खुद की पहचान ही ख़ुद कराती मुझको हम खोज सात्विक विचार में नरम से कठोर ज़िन्दगी करती मुझको #realityoflife #yqbaba #yqtales #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat कागज़ पर लिख कर मुचोड दिया तुझको फिर फटे टुकड़ों से हर दफा जोड
@लेखकRAI
India quotes आज हम सब आज़ाद हैं क्योंकि तिरंगे के रंगों में लिपटा हर एक वो नाम है, जिसके सीने पर सजा योद्धा सम्मान है , बूढ़ी आंखों के जज्बे को सलाम है , जिसने वतन की खातिर किया बेटा कुर्बान है ।। आज हम सब आजाद हैं , क्योंकि रहता वो तत्पर हर दिन हर रात है, जिसकी रगों में उठता देशभक्ति का गुबार है , मरने मिटने को रहता जो हरदम तैयार है , मातृभूमि की खातिर इंकलाब का रुख जो करता इख्तियार है ।। आज हम सब आजाद हैं , क्यूंकि करता वोह त्याग सब ऐशो-आराम है , घायल क़दमों से आगे निरन्तर बढ़ता वो जवान है , भूखे पेट को गच्चा देकर वो लड़ता हर एक सांस है, इच्छा शक्ति को कर बुलंद देता दुश्मन को जवाब है, उड़ते परिंदे को देता वो खुला आसमां है ।। आज हम सब आजाद हैं , क्यूंकि जन जन की रक्षा करता वो ख़ुदा पहरेदार है, ख़ून में सने हाथों से करता तिरंगे को बुलंद कई बार है, हस्ते हस्ते न्योछावर जो करता अपनी सांस हर बार है , अपनों से दूर रहकर जो करता अपनों की हिफाज़त हर बार है ।। आज हम सब आज़ाद हैं, क्यूंकि बाक़ी हम सबमें कहीं देश का सम्मान है, इसलिए ज़िंदा आज हर एक इंसान है, जिसे देख देश का हर जवान कहता मेरा भारत महान है ।। @writerRai #NojotoQuote happy republic day आज हम सब आज़ाद हैं क्योंकि तिरंगे के रंगों में लिपटा हर एक वो नाम है, जिसके सीने पर सजा योद्धा सम्मान है , बूढ़ी आंखों