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Jiyalal Meena ( Official )

- हर हाल में युद्ध विनाशकारी होते हैं. 
वे कुछ तानाशाहों को छोड़ किसी को फायदा नहीं पहुंचाते. पूरी की पूरी बीसवीं सदी इंसानियत ने युद्ध करते

- हर हाल में युद्ध विनाशकारी होते हैं. वे कुछ तानाशाहों को छोड़ किसी को फायदा नहीं पहुंचाते. पूरी की पूरी बीसवीं सदी इंसानियत ने युद्ध करते #Change #Trending #world #today #nojotoofficial #nojotohindi #NojotoFamily #nojototeam #nojotooriginal

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Pankaj μtales

Current Affairs Questions
By Concept Power Academy

प्रश्न:- युद्ध अपराध के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में मुकदमा चलाया जाता है। इस संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नही है?
1. यह न्यायालय केवल ICC के सदस्य देशों के मुकदमों की सुनवाई करती है।
2. गैर सदस्य देशों पर कार्यवाही के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद का अधिदेश आवश्यक होता है। 
3. सुरक्षा परिषद में उंसके खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करवाना आवश्यक है।
4. जब सुरक्षा परिषद के किसी स्थाई अथवा अस्थायी सदस्य देश के विरूद्ध कोई प्रस्ताव विचाराधीन होगा तो वह देश इस प्रक्रिया में भाग नहीं लेगा।

उत्तर:- 4
व्याख्या जानने के लिए मुझे your quote पर फॉलो कीजिये। Current Affairs Questions
By Concept Power Academy

प्रश्न:- युद्ध अपराध के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में मुकदमा चलाया जाता है। इस

Current Affairs Questions By Concept Power Academy प्रश्न:- युद्ध अपराध के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में मुकदमा चलाया जाता है। इस

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Pankaj Sammal

  एक तस्वीर भी एक उपन्यास से कम नहीं..
(आर्टिकल बाय सुशोभित सिंह सक्तावत)

यह विश्वकप की सबसे ख़ूबसूरत तस्वीर है!

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्य

एक तस्वीर भी एक उपन्यास से कम नहीं.. (आर्टिकल बाय सुशोभित सिंह सक्तावत) यह विश्वकप की सबसे ख़ूबसूरत तस्वीर है! फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्य

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || 25 - रूठने की बात कन्हाई कभी-कभी हठ करने लगता है। कभी ऐसी हठ करता है कि किसी की सुनता ही नहीं। कोई इसके सुख की, इसके मन की

|| श्री हरि: || 25 - रूठने की बात कन्हाई कभी-कभी हठ करने लगता है। कभी ऐसी हठ करता है कि किसी की सुनता ही नहीं। कोई इसके सुख की, इसके मन की

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Anil Siwach

।।श्री हरी।। 13 - स्नान 'दादा! स्नान करेगा तू?' कन्हाई अग्रज के समीप दौड़ा-दौड़ा आया और वाम पार्श्व में खड़े होकर दोनों भुजाएँ भाई के कण्ठ #Books

।।श्री हरी।। 13 - स्नान 'दादा! स्नान करेगा तू?' कन्हाई अग्रज के समीप दौड़ा-दौड़ा आया और वाम पार्श्व में खड़े होकर दोनों भुजाएँ भाई के कण्ठ #Books

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || 20 - क्रीड़ा 'दादा! तू बैठ। हम तुझे देवता बनायेंगे।' दाऊ दादा ही इस प्रकार स्थिर बैठ सकता है। यह तो बना बनाया देवता है। ले

|| श्री हरि: || 20 - क्रीड़ा 'दादा! तू बैठ। हम तुझे देवता बनायेंगे।' दाऊ दादा ही इस प्रकार स्थिर बैठ सकता है। यह तो बना बनाया देवता है। ले

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Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 33 - यह अर्चक कभी कोई ऋषि-मुनि वन में भी आ जाते हैं। वैसे नन्द भवन में तो ये आते ही रहते हैं। बाबा, मैया इन लोगों की बडी श्रद

।।श्री हरिः।। 33 - यह अर्चक कभी कोई ऋषि-मुनि वन में भी आ जाते हैं। वैसे नन्द भवन में तो ये आते ही रहते हैं। बाबा, मैया इन लोगों की बडी श्रद

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || 28 - स्पर्धा कन्हाई अतिशय सुकुमार है और सखाओं में सबसे अनेक विषयों में तो तोक से भी दुर्बल है, किन्तु हठी इतना है कि जो धु

|| श्री हरि: || 28 - स्पर्धा कन्हाई अतिशय सुकुमार है और सखाओं में सबसे अनेक विषयों में तो तोक से भी दुर्बल है, किन्तु हठी इतना है कि जो धु

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Anil Siwach

41 - रेणुक्रीड़ा || श्री हरि: || #Books

41 - रेणुक्रीड़ा || श्री हरि: || #Books

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Anil Siwach

47 - मैंने कृपा की || श्री हरि: || #Books

47 - मैंने कृपा की || श्री हरि: || #Books

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Raj Yadav

फैली खेतों में दूर तलक मख़मल की कोमल हरियाली, लिपटीं जिससे रवि की किरणें चाँदी की सी उजली जाली ! तिनकों के हरे हरे तन पर हिल हरित रुधिर ह #Music

फैली खेतों में दूर तलक मख़मल की कोमल हरियाली, लिपटीं जिससे रवि की किरणें चाँदी की सी उजली जाली ! तिनकों के हरे हरे तन पर हिल हरित रुधिर ह #Music

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Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 15 - नहीं करेगा 'तू लाठी चलाना सीख ले।' वरूथप ने कहा। ब्रजराजकुमार को ही लाठी चलाना न आवे, यह कोई अच्छी बात है? गोपबालक को मल #Books

।।श्री हरिः।। 15 - नहीं करेगा 'तू लाठी चलाना सीख ले।' वरूथप ने कहा। ब्रजराजकुमार को ही लाठी चलाना न आवे, यह कोई अच्छी बात है? गोपबालक को मल #Books

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Anil Siwach

।। श्री हरि।। 14 - नवीन परिभाषा कन्हाई नवीन-नवीन परिभाषाएँ बनाता रहता है। यह कब किस शब्द या क्रिया की क्या परिभाषा बना देगा, ब्रह्मा भी #Books

।। श्री हरि।। 14 - नवीन परिभाषा कन्हाई नवीन-नवीन परिभाषाएँ बनाता रहता है। यह कब किस शब्द या क्रिया की क्या परिभाषा बना देगा, ब्रह्मा भी #Books

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Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 17 - शीत में इस शीत ऋतु में गायों, वृषभों, बछड़े-बछड़ियों को सांयकाल गोपगण ऊनी झूल से ढक देते हैं।प्रातः गोचारण के लिए पशुओं

।।श्री हरिः।। 17 - शीत में इस शीत ऋतु में गायों, वृषभों, बछड़े-बछड़ियों को सांयकाल गोपगण ऊनी झूल से ढक देते हैं।प्रातः गोचारण के लिए पशुओं

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || 23 - भूख लगी है 'दादा, मुझे भूख लगी है।' कन्हाई आकर दाऊ के वाम पार्श्व में बैठ गया है। दोनों भुजाएं अग्रज के कंधे पर सिर र

|| श्री हरि: || 23 - भूख लगी है 'दादा, मुझे भूख लगी है।' कन्हाई आकर दाऊ के वाम पार्श्व में बैठ गया है। दोनों भुजाएं अग्रज के कंधे पर सिर र

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Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 1 - तन्मय यह कन्हाई अद्भुत है, जहाँ लगेगा, जिससे लगेगा, उसी में तन्मय हो जायगा और उसे अपने में तन्मय कर लेगा । श्रुति कहती ह #Books

।।श्री हरिः।। 1 - तन्मय यह कन्हाई अद्भुत है, जहाँ लगेगा, जिससे लगेगा, उसी में तन्मय हो जायगा और उसे अपने में तन्मय कर लेगा । श्रुति कहती ह #Books

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 4 - अकाम 'असंकल्पाज्जयेत् कामम्' काम जानामि ते मूलं संकल्पात् सम्भविष्यसि।

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 4 - अकाम 'असंकल्पाज्जयेत् कामम्' काम जानामि ते मूलं संकल्पात् सम्भविष्यसि।

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