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    PopularLatestVideo
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Arora PR

मेरे अंदर भी वे सारे तत्व.
मौजूद है..... जो गौतम और महवीर मे. थे

पर वो ज़मीन मुझे नहीं मिली
जिस पर गौतम और महावीर ने.
तपस्या की और बुधत्व 
 को प्राप्त किया

©Arora PR
   बुद्धत्व

बुद्धत्व #विचार

27 Views

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Balram Bathra

स्वयं में,
स्वयं को.,
पा लेना ही
‘बुद्धत्व’ है..

©Balram Bathra #बुद्धत्व
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Parasram Arora

बुद्ध  तो  है  वहां
नही है जहाँ राग  द्वेष  का धुआँ
बुद्ध  है वहाँ
केवल समता है जहाँ
यदि तुम  देख सको तो
दिखाई देगा  तुम्हे  बुद्ध  वहां

©Parasram Arora बुद्धत्व....

बुद्धत्व.... #जानकारी

11 Love

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Parasram Arora

जहाँ प्यार है  करुंणा है  मैत्री है क्षमा है
अभाव  है क्रोध का   हिंसा का 
घृणा का साम्राज्य  नही है जहाँ
हिंसा  प्रति हिंसा व अहंकार  भी  नही  बुद्ध
यदि तुम देखसको तो
दिखाई देगा  तुम्हे बुद्ध  वहाँ

©Parasram Arora बुद्धत्व.2

बुद्धत्व.2 #जानकारी

10 Love

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Meenakshi Sen

जहां अंतर मन स्वतन्त्र है,
जहां मन निर्द्वन्द है,
जहां मन, वाणी, कर्म समान है, बस
वहीं बुद्ध और बुद्ध का ज्ञान है।

©Meenakshi Sen #BudhhaPurnima बुद्धत्व

#BudhhaPurnima बुद्धत्व #विचार

6 Love

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Parasram Arora

किसी भी  आदमी का आंकलन करने  के लिए  जरूरी नहीं  ये जानना  वो कहा जन्मा  कब जन्मा  किस घर मे जन्मा ...... ... बल्कि  इस बात मे है क़ि  पैदा होते ही वो रोया  था या नहीं. क्योंकि  ऊसे  पैदा होने वाले दिन से  लेकर  मृत्युवाले दिन तक   रोते रहना है ये भी संभव   है  क़ि  ये रूदन  का  सतत  अभ्यास  उसे किसी दिन  बुद्धत्व  के दिव्यलोक तक   पहुंचा दे...... बुद्धत्व  और रूदन

बुद्धत्व और रूदन

3 Love

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Pragya Amrit

ऐ बुद्ध तू पुरुष था,
छोड़ चला सुप्त ही,
शिशु औऱ भार्या को।
ऐ बुद्ध तू होता स्त्री,
छोड़ पाता गृह कही ,
शिशु और पति को।
ऐ बुद्ध तूने ज्ञान पाया,
मोक्ष पाया,यश भी पाया,
आत्मा को कर सका तू उन्नत,
पूछती मैं खुद से
क्यों बुद्ध सिर्फ हो सकता -
तू पुरूष, क्यों न स्त्री?
जीने पाएगी वो बनकर बुद्ध फिर
ये जगत जीने न देगा-
कुत्सित नजर,कटु बाड़ो से
होगी व्यथित,
बन गया तू बुद्ध तो ये न समझ-
स्त्री कई घुट घुट के मरती...
लांघ न पाती है चौखट-
छोड़ शिशु और पति को,
वो मर्यादा का उल्लंघन करती।
तू बुद्ध न बन सोच तू सिद्ध है,
तू बस एक पुरूष।
वरना हर घर में एक स्त्री ,
बुद्ध सी बसती है।
बस दर्द ये वो तेरे जैसे 
कहां निकलती है।। #स्त्री का बुद्धत्व क्यों दफन??

#स्त्री का बुद्धत्व क्यों दफन??

20 Love

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Shravan Goud

बुद्धत्व को प्राप्त होने के लिए आपको सर्व प्रथम 
जीवन के प्रति आपको दृष्टा होना होगा। बुद्धत्व को प्राप्त होने के लिए आपको सर्व प्रथम 
जीवन के प्रति आपको दृष्टा होना होगा।

बुद्धत्व को प्राप्त होने के लिए आपको सर्व प्रथम जीवन के प्रति आपको दृष्टा होना होगा।

0 Love

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Samadhan Navale

#वृद्धत्व
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OM NOSAR BUDDHISM

नमौ बुद्धज्म

नमौ बुद्धज्म #nojotovideo

78 Views

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गौरव देव शर्मा

बुद्ध और बुद्धत्व कृत :- गौरव देव शर्मा

बुद्ध और बुद्धत्व कृत :- गौरव देव शर्मा

30 Views

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'मनु' poetry -ek-khayaal

#बुद्ध #बुद्धत्व 





#thought #Life #Reality #philosophy
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vibrant.writer

स्त्री 
मौन है,
पुरुष चिल्लाता,
दोनों जुड़े प्रेम से, 
तब मौन रह जाता।
पीड़ा सच्चाई नहीं है,
बस है मूर्छित मानसिकता,
ये गहरा सच तब समझ मे आता।
प्रेम से ही बुद्धत्व की यात्रा शुरू होती,
प्रेम जी के; प्रेम बन के कोई संबुद्ध हो जाता। #prem 
#बुद्धत्व
#osho 
#sadhguru 
#stri #purush
#vibrant_writer 
#yqdidi
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अद्वैतवेदान्तसमीक्षा

*हर प्रयत्न में सफलता न मिल पाए शायद*

* लेकिन*

*हर सफलता का कारण प्रयत्न ही होता है !!* प्रयत्न बिना प्राप्ति नहीं।
प्रयत्न से ही प्रत्येक प्राप्ति

प्रयत्न बिना प्राप्ति नहीं। प्रयत्न से ही प्रत्येक प्राप्ति #विचार

5 Love

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Rakhi Yadav

लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए
 समय प्रबंधन और मन स्थिति 
 प्रबंधन ठीक होना चाहिए I

©Rakhi Yadav # लक्ष्य की प्राप्ति

# लक्ष्य की प्राप्ति

5 Love

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Mamta kumari

Heaven  जो बच्चे अपने माता-पिता को ईश्वर मानते हैं
उस बच्चे का खयाल माता-पिता के साथ-साथ ईश्वर भी रखते हैं 
इसलिए बड़े बुजुर्ग कहते जो माता -पिता का सेवा -सत्कार किया है
उन्हे माता -पिता के साथ -साथ ईश्वर का भी आशीर्वाद मिला है ।
और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति भी हुई है । स्वर्ग की प्राप्ति ।

स्वर्ग की प्राप्ति ।

39 Love

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Kamlesh Chaple

ईश्वर की प्राप्ति।।

ईश्वर की प्राप्ति।।

340 Views

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Aklesh Yadav

लक्ष्य की प्राप्ति

लक्ष्य की प्राप्ति #विचार

48 Views

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Bachan Manikpuri

लक्ष्य की प्राप्ति

लक्ष्य की प्राप्ति #प्रेरक

27 Views

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Saurav Dangi

अधिक मूर्खतापूर्ण कार्य कर
 अधिक अनुभव की सहायता से 
अधिक ज्ञान की प्राप्ति की जा सकती है ज्ञान की प्राप्ति

ज्ञान की प्राप्ति

10 Love

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Ek villain

भगवान श्री कृष्ण ने गीता में बताया है कि मनुष्य का काम क्रम में से भी चाहता है जिसके फलस्वरूप यह देवताओं की पूजा करता है माया रुपी संसार में मनुष्य श्रेणी वस्तु तथा संपति हर की सामग्री के लिए हर संभव प्रयास में रहता है परंतु शैक्षणिक सुख देता है

©Ek villain मोक्ष की प्राप्ति

मोक्ष की प्राप्ति #Society

11 Love

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Raj Kumar

#प्राप्त
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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
मोह की चादर ओढ़ बुढ़ापा आ गया
सारे कर्मो का  पाप मेरे सिर आ गया
खाली हाथ तो जाऊँगा
मगर मौत के बाद जहाँ भी जाऊँ
इन पापो को नही दोहराऊंगा
निर्जरा करूंगा कर्मो की
शरीर को ध्यान और तप से
आत्मा को बुद्धत दिलाऊँगा
                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #BuddhaPurnima2021
आत्मा को बुद्धत दिलवाऊंगा

#BuddhaPurnima2021

#BuddhaPurnima2021 आत्मा को बुद्धत दिलवाऊंगा #BuddhaPurnima2021

60 Love

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Ek villain

जड़ जगत की रचना के लिए ईश्वर की जो शक्ति काम करती है उसे प्राकृतिक कहते हैं और चैतन्य जगत की रचना करने वाले शक्ति को जीव कहते हैं जिस प्रकार दोनों हाथ एक ही शरीर के दो भाग हैं उसी प्रकार जी और प्राकृत दोनों ही ईश्वर तत्व के दो उनसे आध्यात्मिक तत्वों के जिज्ञासु ईश्वर की उपासना करते हैं असल में मैं अखिल आधार शक्ति का सतोगुण हमसे मानवीय उन्नति तो शत्रुघ्न को प्राप्त करने से ही हो सकती है तो तत्वों की प्राप्ति करने से ही हो सकती है इसलिए उनको छोड़ो की एक मानसिक प्रतिमा बनाकर उपासना करने का विधान किया गया ईश्वर का सत्व गुण आदर्श रूप से हमारे निकट ही वर्तमान है उसे अधिक मात्रा में प्रेम श्रद्धा विश्वास और ध्यान अभ्यास की आवश्यकता होती है और होगी भी उतना ही आकर्षित होगा अंदर बाहर लेना ही प्रेम श्रद्धा विश्वास और ध्यान की आवश्यकता होती है इन चारों के समवाय को पास में कहा जाता है उपासना की प्राप्ति प्रेम दया करुणा सहानुभूति उदारता त्याग समता और अन्याय आदि सद्गुणों का निष्ठावान जितना अधिक चिंतन किया जाता है उतनी अधिक उनके प्राप्ति होती है उन्नति का करम है हमसे सादगी और चल रहा है जिनसे जितना ही सद्गुण अपने में धारण कर लिया आध्यात्मिक दृष्टि से भी उतना ही उन्नति कहा जाएगा यदि एक भक्त सत्य तत्वों की उपासना करता है तो कोई कारण नहीं कि उस पर प्राप्त ना हो ईश्वर की उपासना का तात्पर्य उसके निर्देशक तत्व की आराधना है श्रद्धा विश्वास प्रेम जब तक ध्यान आदि से जीवन को ईश्वर ईश्वर तत्व में सरोवर मिलता है

©Ek villain #ईश्वर की प्राप्ति

#VantinesDay

#ईश्वर की प्राप्ति #VantinesDay #Society

9 Love

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Sarika Kadam

यश प्राप्ती

यश प्राप्ती

57 Views

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Ek villain

भगवान शिव अनादि अनंत निवासी निर्गुण निराकार ई वही नृत्य संगीत आदि समस्त कलाओं की अध्यक्षता है तांडव नृत्य के समय उन्होंने डमरु निदान से अफसरों की उत्पत्ति हुई यदि शिव को संसार का देवता माना जाता है किंतु उन्हें रोम रोम में शिव तत्व है शिव का अर्थ है कल्याण इसलिए भगवान शिव सृष्टि के कल्याण करता है उनके संसार में भी जीव और जगह दोनों का कल्याण नींद है शिव सृष्टि की आदि भी है अवसान भी है सर जब भी है संहारक भी है उनका संहारक नर्वस अर्जन के लिए है महाशिवरात्रि का महापर्व शिव और पार्वती के मिलने का पर्व है प्रवृत्ति प्राकृतिक स्वरूप है और शिव परब्रह्म परमात्मा महाशिवरात्रि प्रकृति और आदि पुरुष के मिलने का पर्व है तुलसीदास जी शिव और पार्वती को श्रद्धा और विश्वास का मूर्तिमान स्वरूप कहा है यह पर्व श्रद्धा और विश्वास के मिलने का पर्व भी है जो अभीष्ट फल का प्रदाता है जिसका परिणाम शुरू सदा मंगलकारी होता है शिव देवाधिदेव महादेव है किंतु कोई यू नहीं महादेव नहीं बनता इसके लिए लोक कल्याण अर्थ संसार का ग्रिल भी पानी पीना पड़ता है समुद्र मंथन के समय जब अमृत के साथ विष निकला तो अमृत के लिए सभी झगड़ने लगे पर विश्व पान के लिए कोई तैयार नहीं हुआ तब लो रक्षक अर्थ शिव के गरल पान कर उसे कंठ में धारण कर लिया इसी तरह प्रत्येक मानव को महान बनने के लिए संसारी करण पीकर विश्व प्रिय बनना पड़ता

©Ek villain #शिव तत्व की प्राप्ति

#Nofear

#शिव तत्व की प्राप्ति #Nofear #Society

11 Love

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Kamlesh Chaple

सफलता प्राप्त करना।।

सफलता प्राप्त करना।।

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