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Ankit Chauhan
I don't know Ki Zindagi ka safar Kitni tez chal Raha hai... #Ankit_Chauhan उप-17 आला
sasisya vidrohi urf gurudev shastri
बै फुकनी बिलना त वा फेक कहती फिरती का बा का बा। बे फ्री को नमक राशन चाटो फिर बोली अबकी न बाबा। तेलिन नेहा को तेल फिरो अल्टो डरो फुकनी तावा, अब का करिहो काबा काबा, यूपी में 22 में बाबा।। ©sasisya vidrohi उप एलेक्स न #Moon
Owais Nawab
उवैस नवाब उप संपादक(शतरंग टाइम्स) लखनऊ-
Pravesh Kumar singh
आज कैन्ट उप चुनाव के नामांकन मे
Ravindra Singh
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय उप शाखा बड़ाखेड़ा
Veena Khandelwal
#ग़ज़ल मुहब्बत जब करें आँखे , इबारत ही नहीं होती। दिखावे की ज़ताने की,लियाकत ही नहीं होती। सफीने दिल लिखी मेरे ,इबारत तुम ज़रा पढ़ लो। उसे इज़हार करने की , ज़रूरत ही नहीं होती। नज़ाकत है अदाओं में,नज़ारत से भरा चेहरा। इशारों से अगर छेड़ूं , शरारत ही नहीं होती । इबादत इश्क को समझे,शिकायत हो ना इक दूजे। मुहब्बत में वहां यारों , सियासत ही नहीं होती। जहाँ दो प्यार करते दिल,दो तन इक जान हो जाये खुदा जाने बड़ी इससे , इनायत ही नहीं होती। करी माँ बाप की सेवा, खुशी दामन भरे उनके। बड़ी इससे कभी कोई , इबादत ही नहीं होती। हया आँखों में थोड़ी हो,जरा हो चाल गजनी सी। लबों मुस्कान हो ऐसी नज़ाकत ही नहीं होती। मुहब्बत पास इतनी हो,मगर कुछ बंदिशें भी हो। सम्हाले किस तरह दिल को,हिफ़ाज़त ही नहीं होती। बिखर जाये मुहब्बत जब,बसा घर भी बिखर जाये। तमन्ना हो ना जीने की ,कयामत ही नहीं होती। नज़ारत=ताजगी लियाकत=योग्यता,शालिनता ग़ज़ल