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Mokshada mishra

अर्थ का अनर्थ #Morning #विचार

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mohabbat ki ahat ko
aur ishq ki likhawat ko
badal pana aasan nahi hai ae dost

ज़रा सी समझ की फेर में
अर्थ का अनर्थ कर देती हैं ।

कलम 
with mishraji

©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ

#Morning

Jyoti Rajpurohit

ज्योति

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आज का ज्ञान शुभ प्रभात  🙏 ज्योति

Jyoti Agrahari

ज्योति

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एक ज्योति पुंज सी बन जाऊँ ये  नाम अमर अब मेरा हो ,
जग में आएँ तो कुछ करना है वो काम अमर अब मेरा हो। ज्योति

jyoti gurjar

हां हूं में, ज्योति सांवली-सांवली सी
,जरा बावली बावली सी ,

वो रंग पर बड़ा इतराती हैं,
पर हमेशा अपनी मान मर्यादा को खोकर जाती हैं।

समाज का नाम बढ़ाने की जगह,
वो कुल को ही बदनाम कर जाती हैं।

©jyoti gurjar #ज्योति

Jyoti Ray

ज्योति राय

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हाथों में हाथ लेकर कभी ना छोड़ना प्यार की डोर साथिया बांध  के कभी मत तोड़न w good morning

©Jyoti Ray ज्योति राय

आलोक अग्रहरि

तम-ज्योति #Shayari #आलोक_अग्रहरि

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जब किसी भी रिश्ते की सीमा को पार कर जाऊंगा,
मैं अपनी ही मर्यादा का अतिक्रमण कर जाऊँगा।

आलोक,आलोक मानकर संकट में कोई न पुकारेगा तुम्हें,
जब तुम्ही तम-ज्योति बनकर साम्राज्य को डुबोने लगोगे।

                ✍️✍️✍️ #आलोक_अग्रहरि

आलोक का अर्थ प्रकाश और दूसरा अर्थ नाम है
तम का अर्थ अंधकार

©आलोक अग्रहरि तम-ज्योति

HP

अखंड ज्योति

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💐अखंड ज्योति💐
वास्तविक सुख-शाँति केवल ऊपरी दान-पुण्य करते रहने से नहीं मिल सकती। उसके लिये आध्यात्मिक स्थिति का मूलाधार अन्तःकरण को निर्मल एवं शुद्ध करना होगा। ऊपर से दिखाई देने वाले सत्कर्म भी अन्तःकरण की शुद्धता के अभाव में निष्फल चले जाते हैं। दान देते समय यदि यह विचार रहता है कि मैं कोई एक विशेष कार्य कर रहा हूँ और इसके उपलक्ष में हमको सम्मान एवं प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए तो निश्चय ही वह दान-पुण्य के फल से वंचित रह जायेगा। किसी की कुछ भलाई करते समय यदि यह विचार रहता है कि मैं किसी पर आभार कर रहा हूँ तो वह उपकार कार्य परमार्थ की परिधि में नहीं आ सकता। किसी परमार्थ कार्य में निरहंकारिता का समावेश तभी सम्भव हो सकता है जब कि मनुष्य का अन्तःकरण निर्मल एवं शुद्ध होगा। अशुद्ध अन्तःकरण की स्थिति में लोभ, मोह, स्वार्थ एवं अहंकार आदि विकारों का आना स्वाभाविक है। अखंड ज्योति

Paramjit Singh landran

ज्योति #emptystreets

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कलम किसी की आंखों की ज्योति भी बन सकती है कलम सच्चे मोती भी बन सकती है कलम किसी के हृदय की दुआ बूटी भी बन सकती है तो कलम बताती है कि मैं किसी के लिए कसोटी भी बन सकती है  कलम किसी की आंखों की ज्योति भी बन सकती है

©Paramjit Singh landran ज्योति

#emptystreets

दूध नाथ वरुण

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Alka Mishra

ज्योति #rain

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