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विधा:-पत्र लेखन शीर्षक:-नववर्ष 2021 को खत व बीते वर्ष 2020 के विषय मे। सहृदय आभार प्रिय नववर्ष, आपको शतबार सप्रणाम वंदन🙏, प्रिय नववर्ष 2021 #apki_lekhani #apk_lekhani #पत्र_बीतीजिंदगीकेनाम

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विधा:-पत्र लेखन
शीर्षक:-नववर्ष 2021 को खत व बीते वर्ष 2020 के विषय मे।

🙏🙏कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏🙏

✍️Nisha kamwal विधा:-पत्र लेखन
शीर्षक:-नववर्ष 2021 को खत व बीते वर्ष 2020 के विषय मे।

सहृदय आभार प्रिय नववर्ष,
आपको शतबार सप्रणाम वंदन🙏,
प्रिय नववर्ष 2021

Himanshu Gupta (Poetic Engineered Lawyer)

बचपन में दूरदर्शन पे प्रधानमंत्री जी का भाषण और ध्वजा रोहण देख कर आनंदित हुआ करते थे। तब ये सोंचते ही नही थे कि, कभी दिल्ली जाकर स्वयं अपनी #IndependenceDay #celebration #jaihind #PM #proudmoment #myvoice_mylines #speech #Red_fort #72_anniversary

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 बचपन में दूरदर्शन पे प्रधानमंत्री जी का भाषण और ध्वजा रोहण देख कर आनंदित हुआ करते थे।
तब ये सोंचते ही नही थे कि, कभी दिल्ली जाकर स्वयं अपनी

KP EDUCATION HD

एक से पांच अगस्त तक अभ्यर्थियों के आवेदनों की जांच के बाद सीट अप्रूव कर दी जाएगी। 6 अगस्त तक अभ्यर्थी शुल्क जमा करा सकते हैं। डीयू ने कहा है #Knowledge

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©KP STUDY HD एक से पांच अगस्त तक अभ्यर्थियों के आवेदनों की जांच के बाद सीट अप्रूव कर दी जाएगी। 6 अगस्त तक अभ्यर्थी शुल्क जमा करा सकते हैं। डीयू ने कहा है

Ravendra

आसन्न त्यौहारों को सकुशल सम्पन्न कराये जाने के लिये पीस कमेटी की बैठक सम्पन्न बहराइच 11 अप्रैल। जनपद की गंगा जमुनी परम्परा को कायम रखते हु #न्यूज़

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अजय वर्मा

राजनीति : एक व्यंग्य - अजय वर्मा आज एक सज्जन से भेंट हुई जो हमारे साथ वि #Hindi #Pyar #poem #kavita #nojotohindi #शायरी #Aj #shyri #nojotourdu #nojotokavita #rachna #nojotoshyri #kaviajayvarmaaj #sm

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राजनीति : एक व्यंग्य        
                                                            - अजय वर्मा
आज एक सज्जन से भेंट हुई जो हमारे साथ विगत वर्षों में पढ़ते थे ह्रदय प्रफुल्लित हो उठा और गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी वह बोले अजय व्यस्त तो नहीं हो आओ कुछ देर पार्क में बैठकर बतियाते हैं मैंने सोचा काम तो बहुत है जैसे मैच देखना है फेसबुक चलाना है व्हाट्सएप चेक करना है कहीं स्टेटस तो नहीं डाल दिया किसी ने लेकिन यहां महत्वता मित्र की लग रही थी ।मैंने सोचा था - 
बातें होंगी उस दौर की जब हम बच्चे थे
बातें होगी उस दौर की जब हम कुछ ना समझते थे 
बातें होंगी उस दौर की जो सबसे कीमती था
बातें होगी उस दौर की जब हम घंटों बैठकर बतयाते थे 
लेकिन जनाब तो अपनी उपलब्धियां गिना रहे थे और हम गिन भी रहे थे फिर बोले और सुनाओ इस बार कौन जीतेगा मोदी या राहुल मैंने कहा तुमने बताया नहीं भोपाल से मोदी और राहुल लड़ रहे हैं वो बोले मतलब मैंने कहा आप मोदी या राहुल में से किसे जिताएंगे मैंने कहा जवाब मोदी या राहुल को वोट ही नहीं दे सकते तो आप कैसे उनको जिता सकते हो आप तो बस अपने लोकसभा क्षेत्र के अच्छे उम्मीदवार को जताईए वह बोले तुम समझ नहीं रहे हो देश खतरे में है और पाकिस्तान तो यही चाहता है कि कांग्रेस की जीत हो मैंने कहा यह किसने कह दिया पाकिस्तान में बताएं या इमरान खान कहने आए थे कुछ देर चुप रहे और फिर बोले अगर राम मंदिर बनवाना है, धारा 370 और आर्टिकल 35a को खत्म करना है तो मोदी को वोट दो मैंने कहा जनाब आपको मैं पहले ही बता चुका हूं संविधान हमें केवल अपने प्रतिनिधि को वोट देने का अधिकार देता है ये तो राष्ट्रपति व्यवस्था हो गई जो व्यवस्था अमेरिका में है और मोदी को पार्टी है क्या अगर यह कहें बीजेपी को वोट दो कांग्रेस को वोट दो तो भी समझ आता है और सवाल रहा 370 35a का तो क्या गरीबी जिसे मैं भूखमरी कहूं तो गलत नहीं होगा बेरोजगारी, शैक्षणिक बेरोजगारी, शिक्षा का गिरता स्तर, स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत और महिलाओं की स्थिति इत्यादि क्या यह बड़ी समस्या नहीं इनकी जरूरत ज्यादा है यह तो किसी पार्टी के भाषा में नहीं कोई इन मुद्दों पर तो बात नहीं कर रहा यह तो सब बोल रहे हैं कि मोदी को वोट दो नहीं दिया तो आप राष्ट्रभक्त नहीं देशद्रोही । भाई जो यह बोल रहे हैं उनसे पूछना चाहता हूं उन्होंने क्या किया है  देश के लिए । 
तो यह सुनकर जनाब तो चुप हो गए लेकिन मोदी जी की बुराई सुनकर बगल में बैठे सज्जन बोले बोल रफेल का मुद्दा मतलब चौकीदार चोर है मैंने उन सज्जन को कहा कोन चौकीदार, जनता ने प्रधानमंत्री बनाया चौकीदार नहीं और अगर ऐसा है तो आपके राहुल जी क्यों चुप थे जब उच्चतम न्यायालय ने जवाब मांगा था तब क्यों नहीं बताया कि चौकीदार कैसे चोर है फिर क्यों स्पष्टीकरण नहीं दिया अब सज्जन ने उत्तेजित स्वर में कहा कांग्रेस ने कई राज्यों के किसानों के कर्ज माफ कर दी मैंने कहा महानुभाव यह कोई स्थाई समाधान नहीं है इससे अर्थव्यवस्था कमजोर होती इससे राजकोषीय घाटा बढ़ता है और उन गरीबों का क्या जिनके पास जमीन नहीं है केवल मजदूरी करते हैं जिन्हें केवल 5 - 10 हजार कर्ज की आवश्यकता होती है जो वो वहां के स्थानीय साहूकार से ले लेते हैं वह बोले बीजेपी हिंदू मुसलमान को लड़वाती है और हिंदुओं का समर्थन करती है मैंने कहा कांग्रेस कब पीछे रहती है क्या मंदसौर की घटना इतनी जल्दी भूल गए आप और कांग्रेस का मुसलमानों के प्रति झुकाव किसी से छुपा नहीं मैंने कहा अब हमें चलना चाहिए समय बहुत हो गया है लेकिन नहीं वह दोनों सज्जन एक हो चुके थे और दोनों एक स्वर में बोले आप ही बता दीजिए कौन सही है किसको वोट दें मैंने कहा गुस्सा ना हो जनाब बताता हूं प्रधानमंत्री बहुमत दल का नेता होता है और जब उसे हम आप नहीं सुनते बल्कि हमारे द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि सुनते हैं और हां आप बुरे व्यक्ति को जीतते हैं इसलिए पार्टियां बुरे व्यक्ति को टिकट देती है आप पार्टी, व्यक्तित्व को बगल में रखकर अच्छे व्यक्ति को जीताइए पार्टियां अच्छे कर्मठ व्यक्ति को देने लगेगी किसी भी पार्टी को वोट मत दीजिए और ना भक्त बनिए और ना चमचे आप केवल लोकतंत्र की इकाई मतदाता बनिए और पार्टी को वोट देना ही चाहते हैं तो पहले सभी पार्टियों के घोषणापत्र तो पढ़ लीजिए जो यह बताते हैं कि वह अगले 5 सालों में क्या करेंगे और समस्या कुछ और है जो आपको बताई जा रही है उसका कोई अस्तित्व नहीं इसलिए प्रश्न करिए अपने लोकसेवक जिसे आपने चुना है क्या किया आपने जो हम आपको फिर से वोट दे और पूछिए नए उम्मीदवार से क्या करोगे जो हम आप को वोट दें बो  नचा रहे हैं आप चुपचाप नाच रहे हैं वह बता रहे हैं आप कह रहे हैं विचार का तो कोई स्थान नहीं अपने वोट की ताकत को पहचानो और राष्ट्रहित लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपनी आहुति अवश्य दें और ध्यान रहे आहुति करते समय सही मन से, स्वच्छ विचार से, मन में देश के विकास की कामना करते हुए आहुति दें वरना इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा । राजनीति : एक व्यंग्य        
                                                            - अजय वर्मा
आज एक सज्जन से भेंट हुई जो हमारे साथ वि
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