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Dr.Vinay kumar Verma
रजनीश "स्वच्छंद"
मन को देखो टटोलकर।। जीवनकाल के उत्तरार्ध पर, मन को मैं हूँ टटोलता, ज्ञान भिक्षा जो मिली थी, मुख खोल मैं हूँ बोलता। दीर्घकालिक हूँ नहीं मैं, नश्वरता का कुल बोध है, अनुभवों की चाभी भर, बन डुगडुगी हूँ डोलता। ज्ञान का ये दायरा, ना सीमित ना संकुचित हुआ, वाणी को कर शिरोधार्य, ले ज्ञान-तराजू हूँ तोलता। विवेक पर कुमति थी भारी, उदंडता अमरत्व पर, विष मन्थित कंठ धारे, मैं निज को ही हूँ कोसता। सुचितोचित प्रश्नवाचक, चढ़ दुर्ग था ललकारता, विनिमयी इस मेले में, निज त्रास को हूँ मोलता। कंठाग्र जो थी संस्कृति, आंदोलित रही उदगार को, हो कुपित मनोभाव से, संग शुष्म रक्त हूँ खौलता। ह्रस्व था या दीर्घ था, मैं दिन था या दीन हुआ अब, आकंठ क्रंदन-स्वर में डूब, स्याही में नाद हूँ घोलता। ©रजनीश "स्वछंद" मन को देखो टटोलकर।। जीवनकाल के उत्तरार्ध पर, मन को मैं हूँ टटोलता, ज्ञान भिक्षा जो मिली थी, मुख खोल मैं हूँ बोलता। दीर्घकालिक हूँ नहीं मैं
Priyanjali
मुक्त कर मुझे............ के मैं उड़ चलूँ...........! मुक्त गगन में........... पंछियों संग पँख खोलूँ..............!! आज मुक्त कर मुझे.......... थोड़ा खुलकर जी लूँ............! स्वतंत्रता का मय मीठा लागे मोहे.... थोड़ा पी लेने दे मुझे................ पीकर थोड़ा मदहोश हो लूँ...... मत बाँध मुझे................ आज किसी बंधन में.......... पँख फैलाने दे मुझे आज.......... मुक्त आकाश के आंगन में.....!! मुक्त कर मुझे दोषारोपण के पिंजरे से.......... समाज के दृष्टिकोण के परे मुझे जाने दे....... खुदमें ही खुद से मुझे बस खो जाने दे..........🙏🙏🙏 कुछ पल छीन..... कुछ भावपूर्ण.... कुछ भावविभोर...... कुछ भावविहीन...... थोड़ा रो लूँ........ थोड़ा हँस लूँ..... ख़ुदको........ खुद की बाहों में लिपट कर.............. आज मैं किसी की नहीं..... बस खुद की हो लूँ.............. आज सुगंध सी पवन संग क्रीड़ा करूँ..... उलझुँ, सुलझुँ संग मिश्रित हो जाउँ........ कुसुमित, प्रस्फुटित पुष्पों से........ दीर्घकालिक वार्तालाप हो मेरी..... उन वार्तालापों में खो जाउँ....................!! उन पुष्पों की सुगंध में तुम्हें पाऊं............... बस मौन ही बातें करें तुम संग................... मुख से मैं कुछ न बोलूँ.........!! मुक्त कर मुझे............... के मैं उड़ चलूँ..................! मुक्त गगन में.............. पंछियों संग पँख खोलूँ.................!! ©Priyanjali मुक्त कर मुझे............ के मैं उड़ चलूँ...........! मुक्त गगन में........... पंछियों संग पँख खोलूँ..............!
Kedar nath Shukla
DHemant
चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं। हम जीवन में विभिन्न बिंदुओं पर विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं। जबकि कुछ लोग इन चुनौतियों को कुछ नया सीखने के अवसर के रूप में देखते हैं और दूसरों से निराश हो जाते हैं। हम कई नई चीजें सीखते हैं जैसे हम विभिन्न चुनौतियों पर लेते हैं। ये अनुभव हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हम लक्ष्य निर्धारित करके कई चुनौतियों को पार कर सकते हैं। लक्ष्य हमें बाधाओं के बावजूद हासिल करने का दृढ़ संकल्प देते हैं। चुनौतियों से निपटना : चुनौतियों के लिए हमें अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने की आवश्यकता है। इनसे निपटना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि, हमें उनके साथ साहस और दृढ़ता के साथ पेश आना चाहिए। जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं: शांत रहो : कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्थिति क्या है हम इसे शांति से निपटना चाहिए। हम एक समाधान के बारे में सोचने और उस पर कार्य करने में सक्षम होंगे, जब हम शांत रहेंगे। यदि हम इसके बारे में लगातार तनाव लेते हैं तो हम बुद्धिमानी से काम नहीं कर पाएंगे। दृढ़ निश्चयी रहें : स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, कुंजी का दृढ़ रहना और चलते रहना है। हमें आधा रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए। परिवार और दोस्तों से मदद लें : जरूरत पड़ने पर परिवार और दोस्तों से मदद लेने में कोई बुराई नहीं है। हालाँकि, हमें उन पर पूरी तरह निर्भर नहीं होना चाहिए। जीवन को उद्देश्य दो : जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। हमें अपने व्यक्तिगत के साथ-साथ पेशेवर जीवन के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। लक्ष्य हमारे जीवन को उद्देश्य देते हैं। लक्ष्य निर्धारित करने के लिए, हमें पहले समझना चाहिए कि हम जीवन में क्या चाहते हैं और फिर इसे प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं। हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमेशा एक समय सीमा तय करनी चाहिए। निष्कर्ष : जबकि चुनौतियाँ हमें नए अनुभवों के माध्यम से ले जाती हैं और हमें मजबूत बनाती हैं, लक्ष्य हमें केंद्रित रहने में मदद करते हैं। चुनौतियां और लक्ष्य दोनों ही जीवन में महत्वपूर्ण हैं। ©Hemant चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं। हम जीवन में विभिन्न बिंदुओं पर विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं। जबकि कुछ लोग इन चुनौतियों को कुछ नया सी
Aprasil mishra
"नारी अस्मितायें एवं सामाजिक सुरक्षा" एक वीभत्स अपराध के साये में आज हमारा शहर भी जीने को अग्रसर हो रहा है।अशिक्षा एवं बेरोजगारी में उर्ध्वगामी सर
Aprasil mishra
"नारी अस्मितायें एवं सामाजिक सुरक्षा" एक वीभत्स अपराध के साये में आज हमारा शहर भी जीने को अग्रसर हो रहा है।अशिक्षा एवं बेरोजगारी में उर्ध्वगामी सर