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LOL
सारी प्रमेय मैं भूल गया जब इश्क के स्कूल गया.. तेरी निगाहों के झूलों में बिन रस्सी के झूल गया.. उतने ही पास आता रहा तुमसे जितना दूर गया.. तेरी हर इक मुस्कान से बढ़ता मेरा फितूर गया.. तेरे रंग में रंगकर मैं कभी घर ना बदस्तूर गया.. तुमने बख्शी ना मुझे मोहब्बत मैं कहता जी हुजूर गया.. तुम पक्के अय्यार निकले हर पैंतरा मेरा फिजूल गया.. -KaushalAlmora #प्रमेय #yqdidi #अय्यार #yqbaba #फिजूल #love #स्कूल #yq PC : HD wallpaper app
Chaurasiya4386
प्रेम अगर पाईथोगोरस प्रमेय सा कुछ होता, तब दूरियां भी ज्ञात होती, प्रेम का आधार भी 💔 ©Rahul Chaurasiya प्रेम अगर पाईथोगोरस प्रमेय सा कुछ होता, तब दूरियां भी ज्ञात होती, प्रेम का आधार भी 🤟❣ @chaurasiya4386 #chaurasiya4386 #Texture
Anita Saini
पाइथोगोरस के प्रमेय सा है मेरा प्रेम! जिसे सिद्ध करने के लिए तुम्हारा मुझसे जुड़ना ज़रूरी है! पाइथोगोरस के प्रमेय सा है मेरा प्रेम! जिसे सिद्ध करने के लिए तुम्हारा मुझसे जुड़ना ज़रूरी है। OPEN FOR COLLAB✨ #ATtravelbg3 • A Challenge by A
Divyanshu Pathak
वेल्यू की सर्किल से बाहर की चीजें बहुत ख़ास होती हैं। जैसे मेरे हाथ पर बिखरा ये गौर्वी का पहला महंदी संस्करण... तुम और तुम्हारी बातें... मेरे मन की शान्ति और प्रेम का होने वाला व्यतिकरण... फिजिक्स वाले समझते हैं---- कि सबकुछ लिमिट में होता है, मैथ वाले फॉर्मूला और प्रमेय में ही सिद्ध कर लेते हैं। लेकिन पलायन वेग के उसपार वाला पिण्ड..... क्या हम उस स्थिति को प्रेम कह दें वेल्यू की सर्किल से बाहर की चीजें बहुत ख़ास होती हैं। जैसे मेरे हाथ पर बिखरा ये गौर्वी का पहला महंदी संस्करण... तुम और तुम्हारी बातें... मेरे
परवाज़ हाज़िर ........
यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार विल्हेम शिकार्ड ने सन 1642 में किया था और इसे ब्लेज पास्कल का नाम दिया गया था। ©G0V!ND DHAkAD #LifeCalculator भारत में गणित के इतिहास को मुख्यता ५ कालखंडों में बांटा गया है- १. आदि काल (500 इस्वी पूर्व तक)(क) वैदिक काल (१००० इस्व
Anuj Jain
Our starship was floating without power being sucked in the vortex of the black holes as the nuclear fusion reactor of our starship had malfunctioned. Ingenius engineering of our staff saved it from melting down but now we are without power. We can't continue like this for long. Suneeeil had an idea which was still never ever used. He suggested harnessing the power of the gravitational waves emitted by the collision of two black holes that were very near us only half a light year away, sucking us away. With his novel ideas he designed a thruster that used the gravitational waves and amplified them as they ejected the thurster. Amazingly that was such an effective solution and our starship broke away from the pull of the black holes . Next destination will see us getting our reactor repaired. Hello Resties! ❤️ Day 10 of #RzGeDiMo brings to you " Science Fiction Tales " • Write a fictional tale using any scientific theory, charac
Srilatha Gugunta
the milky way in the universe.. has been reflected and cursed.. on the floating planets in its bed.. eternal romance blissfully it shed.. reflecting in number of twinkling stars.. enhancing the matrix revolutions afar.. catching an anxiety of apocalyptic effects.. the notable conquest on space that reflects... Hello Resties! ❤️ Day 10 of #RzGeDiMo brings to you " Science Fiction Tales " • Write a fictional tale using any scientific theory, charac
कवि राहुल पाल 🔵
मैं इधर था पड़ा ,वो उधर थी खड़ी प्रेम में गोले जैसे हम लुढ़कते रहे इश्क की जीवा,प्रेम का आधार बनी उनकी संगामी रचना में हम ढ़लते रहे !१! वो प्रमेय जैसे हमको सताते रहे हर एक बिंदु पर चाप हम लगाते रहे व्यास की आस थी वो त्रिज्या बने , हम परिधि पर बस चक्कर लगाते रहे !२! जब भी सोचा उन्हें संग जोड़ने को वो लगातार हमे खुद से घटाते रहे , जाने कैसे वो दिन प्रतिदिन दूने हुए हम गुणनखण्ड में ही टूट जाते रहे !३! वो न देखे हमारी तरफ अब कभी , साथ हर बिदु का उनसे निभाते रहे, वो थे हमारे हर केंद्र का केंद्र बिंदु , बस हर डगर डग को उनसे मिलाते रहे ..!४! जब मैं न्यून बना,वो अधिकतम बने कोंण सम्भव दशा से दूर जाते रहे विकर्ण थे मेरी इस जिंदगी का जो उनसे खुद को कई बार हम मिलाते रहे !५! वो अंक बने और मैं बना शून्य सा , वो दशमलव को लगा भूल जाते रहे प्यार के ब्याज का जब बंटवारा हुआ लाभ में वो रहे,हानि को खुद पाते रहे !६! तब सरल कोंण सी थी उनसे नजरें मिली आज समकोण से वो नजरें झुकाते रहे .. मैं बिना लक्ष्य की "राहुल "शब्द रेखा बना बस अनन्त यादें अनन्त तक ले जाते रहे !७! ~~((( गणित की विधा में प्रेम )))~~ मैं इधर था पड़ा ,वो उधर थी खड़ी प्रेम में गोले जैसे हम लुढ़कते रहे इश्क की जीवा,प्रेम का आधार बनी उनकी
AK__Alfaaz..
जीवन के, इतने बसंत बीत गयें मेरे, एक रोज, साँझ ढ़ली, कहीं...यह बात चली, सुना मैने, अनपढ़ है माँ, है ज्ञान नही शब्दों का कोई, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #अनपढ़_है_माँ जीवन के, इतने बसंत बीत गयें मेरे, एक रोज, साँझ ढ़ली,