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sunita Raju waman

कवयित्री सौ सुवर्णा लोंढे कविता वाचन सौ सुनिता वामन

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Life Is Nurul

#तुम्हारी #बेटी #मेरे हरामखो लोंडे ने🫢 #कॉमेडी

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Harshita Dawar

#Quote life #yqdidi #yqbaba Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat चुप चाप ना रहना में तुम। वसीयत नहीं की तिज़ोरी में बंद कर लोंगे। अचानक चाभी

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
चुप चाप ना रहना में तुम।
वसीयत नहीं की तिज़ोरी में बंद कर लोंगे।
अचानक चाभी खो जाने के डर से। #quote #life #yqdidi #yqbaba 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
चुप चाप ना रहना में तुम।
वसीयत नहीं की तिज़ोरी में बंद कर लोंगे।
अचानक चाभी

Manish Gupta

वो हस्ती हस्ती क्या जो बदल जाए ।। समस्याओं की धूप में जो झुलस जाए , कपती​ हुई लोंभे भी जो , मुस्कुराते हुए सहन कर जाए । और संकटों के आगे , ब

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वो हस्ती हस्ती क्या जो बदल जाए ।।
समस्याओं की धूप में जो झुलस जाए ,
कपती​ हुई लोंभे भी जो ,
मुस्कुराते हुए सहन कर जाए ।
और संकटों के आगे ,
ब

राजकारण

सोलापूर : राज्याच्या पोलिस महासंचालकांनी १२९ पोलिस निरीक्षकांसह तब्बल २१२ उपनिरीक्षकांच्या बदल्यांचे आदेश काढले आहेत. त्यात सोलापूर शहरातील #मराठीविचार

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Hirenkumar R Gandhi

गगन में लहरता है भगवा हमारा ॥ गगन मे लहरता है भगवा हमारा । घिरे घोर घन दासताँ के भयंकर गवाँ बैठे सर्वस्व आपस में लडकर बुझे दीप घर-घर हुआ शू

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गगन में लहरता है भगवा हमारा ॥

गगन मे लहरता है भगवा हमारा ।
घिरे घोर घन दासताँ के भयंकर
गवाँ बैठे सर्वस्व आपस में लडकर
बुझे दीप घर-घर हुआ शून्य अंबर
निराशा निशा ने जो डेरा जमाया
ये जयचंद के द्रोह का दुष्ट फल है
जो अब तक अंधेरा सबेरा न आया
मगर घोर तम मे पराजय के गम में विजय की विभा ले
अंधेरे गगन में उषा के वसन दुष्मनो के नयन में
चमकता रहा पूज्य भगवा हमारा॥१॥

भगावा है पद्मिनी के जौहर की ज्वाला
मिटाती अमावस लुटाती उजाला
नया एक इतिहास क्या रच न डाला
चिता एक जलने हजारों खडी थी
पुरुष तो मिटे नारियाँ सब हवन की
समिध बन ननल के पगों पर चढी थी
मगर जौहरों में घिरे कोहरो में
धुएँ के घनो में कि बलि के क्षणों में
धधकता रहा पूज्य भगवा हमारा ॥२॥

मिटे देवाता मिट गए शुभ्र मंदिर
लुटी देवियाँ लुट गए सब नगर घर
स्वयं फूट की अग्नि में घर जला कर
पुरस्कार हाथों में लोंहे की कडियाँ
कपूतों की माता खडी आज भी है
भरें अपनी आंखो में आंसू की लडियाँ
मगर दासताँ के भयानक भँवर में पराजय समर में
अखीरी क्षणों तक शुभाशा बंधाता कि इच्छा जगाता
कि सब कुछ लुटाकर ही सब कुछ दिलाने
बुलाता रहा प्राण भगवा हमारा॥३॥

कभी थे अकेले हुए आज इतने
नही तब डरे तो भला अब डरेंगे
विरोधों के सागर में चट्टान है हम
जो टकराएंगे मौत अपनी मरेंगे
लिया हाथ में ध्वज कभी न झुकेगा
कदम बढ रहा है कभी न रुकेगा
न सूरज के सम्मुख अंधेरा टिकेगा
निडर है सभी हम अमर है सभी हम
के सर पर हमारे वरदहस्त करता
गगन में लहरता है भगवा हमारा॥ #NojotoQuote गगन में लहरता है भगवा हमारा ॥

गगन मे लहरता है भगवा हमारा ।
घिरे घोर घन दासताँ के भयंकर
गवाँ बैठे सर्वस्व आपस में लडकर
बुझे दीप घर-घर हुआ शू
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