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kabir pankaj

यानि काले मेघो पर कोई ताज़... #Poet #nojohindi #lovepoem #Reels #Beautiful #loveher #Shayar

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Abhay Bharti

आँख़ों के लफ्ज़, ज़ुल्फ़ का झरना, लबों के चाँद, फिर फ़ूलों का झड़ना, नलियों का गुनगुनाना, मेघो की ख़ूबसूरती, प्रकृति का मुस्कुराना, उन झीलों #शायरी

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आँख़ों के लफ्ज़, ज़ुल्फ़ का झरना, लबों के चाँद, फिर फ़ूलों का झड़ना, नदियों का गुनगुनाना, मेघो की ख़ूबसूरती, प्रकृति का मुस्कुराना, उन झीलों का लहराना, इस खुबसूरत दुनिया का यह गहना है पुराना ।।

--- ABHAY BHARTI --- आँख़ों के लफ्ज़, ज़ुल्फ़ का झरना, लबों के चाँद, फिर फ़ूलों का झड़ना, नलियों का गुनगुनाना, मेघो की ख़ूबसूरती, प्रकृति का मुस्कुराना, उन झीलों

Alok Vishwakarma "आर्ष"

हर किसी को जान कर, फ़िर बात दिल की मान कर । निज आत्मा का भान कर, साक्षात् अमृत पान कर ।। तुम स्वयं को कर सिद्ध हो, अक्षर के लय से ऋद्ध हो । अ #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqdada #yqbhaijan #yqquotes #alokstates

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हर किसी को जान कर, फ़िर बात दिल की मान कर ।
निज आत्मा का भान कर, साक्षात् अमृत पान कर ।।
तुम स्वयं को कर सिद्ध हो, अक्षर के लय से ऋद्ध हो ।
अनुभूतियों में हर्षति, मनुकाव्य अमि वन वर्षति ।।


 हर किसी को जान कर,
फ़िर बात दिल की मान कर ।
निज आत्मा का भान कर,
साक्षात् अमृत पान कर ।।
तुम स्वयं को कर सिद्ध हो,
अक्षर के लय से ऋद्ध हो ।
अ

Pushpvritiya

बयार चल रही हैं, फूल खिल रहे हैं, खुशबूएं फैली हुई हैं..... कि चाँद बोलता हैं, और ये अंबर अपनी बांहों मे #badal #कविता

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कि मेघो ने छूआ है............                                           
कि सौंधा सा मेरा आंचल हुआ है
कि बूंदें प्रेम से
                        तर तर मुझे भिगो रहीं हैं
हां मैं महसूस कर रही हूं...........

                               @पुष्पवृतियां

©Pushpvritiya बयार चल रही हैं,
 फूल खिल रहे हैं, 
           खुशबूएं फैली हुई हैं..... 

कि चाँद बोलता हैं,                 
    और ये अंबर अपनी बांहों मे

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सार छन्द गीत:- पावस की बूँदों में गोरी , कैसे झूम रही है । गोरे-गोरे तन को देखो , केशें चूम रही है ।। पावस की बूँदो में गोरी ... बोल रहे ह #कविता

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सार छन्द गीत:-

पावस की बूँदों में गोरी , कैसे झूम रही है ।
गोरे-गोरे तन को देखो , केशें चूम रही है ।।
पावस की बूँदो में गोरी ...

बोल रहे हैं दादुर भी तो , गोरी की अब बोली ।
मेघो ने अम्बर है घेरा , मन्द पवन फिर डोली ।
खनक रही हाथों की चूड़ी , भीग गई वह चोली ।
इस सावन साजन को पाकर , देखो चहक रही है ।
पावस की बूँदों में गोरी ......

चारो ओर लताए देखो , नव शृंगार किए हैं ।
महका-महका उपवन सारा , शीतल छाँव किए हैं।।
आज प्रकृति के रंगों में , गोरी रमी हुई है ।
जैसे जल की गगरी यारों , भरकर छलक रही है
पावस की बूँदों में गोरी....।

नागिन जैसी जुल्फ़े जिसकी , डसना भूल गई है ।
जैसे कली अधूरी कोई , खिलना भूल गई है ।।
आज उसी के अधरो पर तो , कोमल कमल खिले है ।
पाकर इतनी खुशियों को , झूला झूल रही है ।।
पावस की बूँदों में गोरी.....

पावस की बूँदों में गोरी , कैसे झूम रही है ।
गोरे-गोरे तन को देखो , केशें चूम रही है ।।

२८/०७/२०२३    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सार छन्द गीत:-

पावस की बूँदों में गोरी , कैसे झूम रही है ।
गोरे-गोरे तन को देखो , केशें चूम रही है ।।
पावस की बूँदो में गोरी ...

बोल रहे ह

Anuj gurjar101

आज उसको अचानक मेरे बारे में जानना सुझा हमने शादी करली कि नहीं अचानक से ये सवाल पूछा, उसकी आवाज में बहुत दर्द झलक रहा था मानो जैसे सूखे मेघो

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आज उसको अचानक मेरे बारे में जानना सुझा
हमने शादी करली कि नहीं अचानक से ये सवाल पूछा,
उसकी आवाज में बहुत दर्द झलक रहा था
 मानो जैसे सूखे मेघो से पानी बरस रहा था,
टिमटिमाते तारों की छांव में वो मुझपे बरस रही थी ,
ऐसा लगा जैसे वो वर्षो से मुझसे मिलने को तरस रही थी,
धीरे धीरे उसकी तरफ में भी कदम बढ़ाने लगा
भीगी हुई पलकों से हाल ए दिल उसे बताने लगा,
सुनकर मेरे हालात उसकी आंखों से आंसुओ की धारा बहने लगी
 मैंने बहुत इंतजार किया था तुम्हारा रो रोकर 
मुझसे ये कहने लगी,
कहने लगी कि तुमने इतने दिनो तक एक कॉल तक नहीं की और 
अब कॉल भी की तो तब जब बहुत देर हो गई
कर देना मुझे माफ मोहब्बत तो मैंने भी तुमसे बेइमतिहां की थी पर 
अब मेरी सगाई हो गई,
सुनकर उसकी ये बात मानो कलेजा बाहर आ गया
पैरों के नीचे से जमीं निकल गई आसमां खुद जमीं 
पर आ गया, 
बेबस बिन परों का परिंदा बनकर चुपचाप रह गया
अब करता भी तो क्या बैचेनी घुटन लिए सब कुछ गुमनाम 
अंधेरों में बैठकर सह गया,
दिल ने तो कहा कि जिंदगी खतम कर दूं
फिर एक सहारा मिला  मुझे जीने का
कलम से हर दर्द को कहानी में सीने का
बस अब हर दर्द को हंसकर सी (पी) रहा हूं
हां मैं आज भी उसकी यादों में जी रहा हूं......

©Anuj gurjar101 आज उसको अचानक मेरे बारे में जानना सुझा
हमने शादी करली कि नहीं अचानक से ये सवाल पूछा,
उसकी आवाज में बहुत दर्द झलक रहा था
 मानो जैसे सूखे मेघो
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