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somnath gawade

शालेय जीवनात
"मी मुख्यमंत्री झालो तर"..
हा निबंध नसता तर
आज हा सत्तासंघर्ष
उद्भवलाच नसता. #निबंध
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YOGESH SINGH

निबंध

निबंध #कविता

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हेयर स्टाइल by mv

#diwali पर निबंध#

#Diwali पर निबंध# #मीम

27 Views

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Dev Thakur9758

बात बात पर मुझे मेरी गलतियां 
गिनाने लगा है.....
जबसे मेरा बेटा अब कमाने 
लगा है...... #बापूजी
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नित्यानंद गुप्ता

प्रतिकूलताओं को हटाने व अनुकूलताओं को पाने में लगे ऐ मानवी मन! तू अपनी डिग्रियां पाने, धन इकट्ठा करने, आलीशान मकान बनाकर बाहर से रस पाने की अंतहीन दौड़ को छोड़कर; इसका सौंवा हिस्सा भी प्रभु का सहज, सुलभ व अत्यंत मधुर रस पाने में लगा दे तो तेरी मनमानी भागदौड़ का अंत आ जाए। #बापूजी
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नित्यानंद गुप्ता

ज्ञान की ज्योति जगने दो। इस शरीर की ममता को टूटने दो। शरीर की ममता टूटेगी तो अन्य नाते रिश्ते सब भीतर से ढीले हो जायेंगे। अहंता ममता टूटने पर तुम्हारा व्यवहार प्रभु का व्यवहार हो जाएगा। तुम्हारा बोलना प्रभु का बोलना हो जाएगा। तुम्हारा देखना प्रभु का देखना हो जाएगा।
 #Bapuji #बापूजी
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Bishnu kumar Jha

फूल पर निबंध #Essay

फूल पर निबंध #Essay #जानकारी

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Pradeep

एक ऐसा निबंध है

एक ऐसा निबंध है #Comedy

27 Views

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नित्यानंद गुप्ता

वासना रहित चित्त में ही शान्ति का अनुभव सम्भव है। भगवान शान्त हैं पर उनके भक्त प्रशान्त हैं। भक्त जितेंद्रिय है इसलिए इन्द्रिय सुख की कामनाओं से रहित है और यह अप्राप्त होने पर उन्हें क्रोध नहीं आता।
भक्त अपने योग और क्षेम के लिए निश्चिन्त रहता है।
-पूज्य बापूजी #पूज्य #बापूजी
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Soumitra Goutam

#मैंमोबाईलहूं
#कविता 
#निबंध 
#शायरी 
#मोबाइल
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Shafiqur Rahman

कोरोनावायरस पर हिंदी में निबंध

कोरोनावायरस पर हिंदी में निबंध #हॉरर

96 Views

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पलक यादव

. कुत्ते पर निबंध लिखना चुटकुला

. कुत्ते पर निबंध लिखना चुटकुला #स्पोर्ट्स

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OMG MOTIVATION

#मेरे बाबुजी.....!!!

#OMG MOTIVATION

#बापू जमींदार....!!!

#मेरे बाबुजी.....!!! #OmG MOTIVATION #बापू जमींदार....!!!

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Akhilesh

गाय पर निबंध (Essay on Cow)

गाय पर निबंध (Essay on Cow) #Knowledge

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Shilpi

ह्दय से माने-प्रभु 'श्री राम' को

'त्यौहार'- संस्कृति की विशिष्ट पहचान है।भारत व विदेशों में प्राचिनतम 
समय से चलती आ रही मानवीय संस्कृति व परंपरा का परिचायक है-'त्यौहार'।
हिंदु धर्म व समाज में अनेकों पूजनीय देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य मात्र से नहीं,अपितु पीढ़ियों से चलती आ रही मान्यताओं,श्रद्धा-भक्ती,ईश्वर के प्रति सच्ची आस्था को मानव जीवन से जोड़ने वाले सभी त्यौहार उस पुल के समान हैं,जिनके ढ़हने मात्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती।स्पष्ट रूप से यह कहे कि-
"त्यौहार मानव समाज की आधारभूत शीला है।"
परंतु वैश्विक महामारी के इस दौर में इस माह तक आने वाले सभी त्यौंहारो को निकटता से देखने समझने का व मनोरंजन और आस्था से संबंधित होने वाली सभी क्रियाकलापों को स्थगित किया जा चुका है,और किया जाएगा।परंतु इसका तात्पर्य यह नहीं कि श्रद्धा-भक्ति के ढांचे को किसी भी प्रकार से तोड़ने का प्रयास भारत सरकार अथवा किसी भी विशिष्ट जन समूह द्वारा किया जा रहा है।केवल प्राणी मात्र को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से कुछ समय के लिए हमें शारीरिक क्रियाकलापों को रोकना है,ताकि भविष्य में मानवीय आस्था व संस्कृति को बचाया जा सके।
यहां विचार करने योग्य बात यह है कि मानवीय आस्था केवल शारीरिक क्रियाकलापों से जुडी है?आस्था व श्रद्धा भक्ति 'ह्दय' से निकलने वाली वह सकारात्मक शक्ति है,जो संपूर्ण जगत को ईश्वर से जोडती है।केवल मन ही ईश्वर का दर्पण होता है।मानव नेत्र में वह शक्ति नहीं,जो मन रूपी नेत्र में है।ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ती के फलस्वरूप जो मधुर ध्वनि मानव मन सुन सकता है,उसे सुनने का साहस कर्ण कैसे करेगा?कान तो दिखावा मात्र है।शारीरीक अंग केवल सांसारिक वस्तुओं को आकर्षित करती है,परंतु मन केवल और केवल इश्वर को।
आज संपूर्ण भारत का ह्रदय अयोध्या में अटका पडा है,जहां श्री राम के आगमन के लिए ढेरों तैयारियां चल रही।परंतु सभी देशवासियों को यह स्मरण रखने की आवश्यकता है कि अयोध्या का स्थल इतना तो विशाल नहीं कि संपूर्ण जगत वहां समा जाए,परंतु मन ऐसा अनंत विशाल क्षेत्र है जहां
संपूर्ण जगत के प्रभु श्री राम समा जाए।
अत: श्री राम की भक्ति मन से हो।केवल शारीरीक क्रियाकलाप से नहीं। #एक निबंध....मेरे द्वारा लिखी गई।

#एक निबंध....मेरे द्वारा लिखी गई।

59 Love

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Rajkumar Prasbi

#rkprasbi निबंध - बच्चे - ✏️Rajkumar Prasbi

#RKPrasbi निबंध - बच्चे - ✏️Rajkumar Prasbi #प्रेरक

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Urmeela Raikwar (parihar)

"बाबूजी"

"बाबूजी"

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नित्यानंद गुप्ता

हम इतने बहिर्मुख हो गये है कि भीतर आनन्द का सागर हिलोरे मार रहा है और हम सुख के लिए बाहर कीचड़ कुरेद रहे हैं, कचरा रौंद रहे हैं। वास्तविक आनन्द अपने स्वरूप में है। इसके अलावा कहीं भी आनन्द दिखता हो तो समझ लो कि अभी अपने दुर्भाग्य का अन्त नहीं आया।
 #Bapuji #बापुजी
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Guru kripa Sadhak

#बापुजी
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नित्यानंद गुप्ता

इस दुनिया का बहुत मुश्किल कार्य अगर कोई है तो वह है स्वयं की कमजोरियों को पहचान लेना। आत्म निरीक्षण बड़ा कठिन है। स्वयं के दोषों को दूर करने का काम कोई साहसी ही कर सकता है। सत्संग का यही फल है। अत: ‘करहिं सदा सतसंग’
- सप्रेम हरिस्मरण
#बापुजी #बापुजी
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नित्यानंद गुप्ता

दिन भर के भारी कामों से थका हुआ मनुष्य जैसे नींद की चाह करता है उसी प्रकार समझदार व्यक्ति मृत्यु से भय न रखकर उसे समझपूर्वक आमंत्रित करके आत्मा में आराम पाता है। फकीरी मौत ही असली जीवन है। फकीरी मौत अर्थात् स्वयं के अहं की मृत्यु.... स्वयं के जीवभाव की मृत्यु.....।
 #Bapuji #बापुजी
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Nilam Agarwalla

#बाबूजी
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Akash 24

हप्पू सिंह ने लिखा पिताजी पर निबंध

हप्पू सिंह ने लिखा पिताजी पर निबंध

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Sunita Shanoo

बाबूजी कहते हैं,
"बिगड़े तिमण ठीक नहीं हो सकते" अथार्त जिसप्रकार सड़ी बासी सब्ज़ियों को घी,मसाले डालकर ठीक नहीं किया जा सकता, उसी प्रकार गंदे और बुरी मानसिकता के लोग सुधारे नहीं जा सकते... बाबूजी

बाबूजी

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Vikas Pandey

#बाबूजी
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नित्यानंद गुप्ता

जब आप जान लेंगे कि दूसरों का हित अपना ही हित करने के बराबर है और दूसरों का अहित करना अपना ही अहित करने के बराबर है, तब आपको धर्म के स्वरूप का साक्षात्कार हो जायेगा। आप आत्म-प्रतिष्ठा और ईर्ष्या को सदा के लिए छोड़ दो। संसार आपके कदमों में न्योछावर होने का इंतजार कर रहा है।
 #Bapuji #बापुजी
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Hetal Joshi

 गाय पर निंबध...

गाय पर निंबध... #nojotophoto #કલા

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Bhomu Daukiya

हमारा भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यहाँ सारे तीज त्यौहार को सभी जाति धर्म के लोग मिल जुलकर बड़े धूमधाम से मनाते है. राखी, दिवाली, दशहरा, ईद, क्रिसमस और भी अनेको त्यौहार को सभी लोग साथ में मनाते है. भारत देश में त्योहारों की कमी नहीं है, धर्म जाति के हिसाब से सबके अलग अलग त्यौहार है. लेकिन कुछ ऐसे भी त्यौहार है, जो किसी जाति विशेष के नहीं है, बल्कि हमारे राष्ट्र के है, जिसे हम राष्ट्री पर्व कहते है.

©Bhomu Daukiya
  #लेख #निबंध  Rajesh rajak UnknownWriter raushan singh aman6.1

#लेख #निबंध Rajesh rajak UnknownWriter raushan singh aman6.1 #जानकारी

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