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Ajay Chaurasiya
थक गया हूं यूँ मुस्कुरा मुस्कुरा के, अब खुल के रोना चाहता हूँ, बोहोत हो लिया दुसरो का, अब खुद का होना चाहता हूँ.... -अजय चौरसिया #खुद का होना चाहता हूँ
Arora PR
तुम्हारी ये लम्बी चुप्पी मौन सन्देश दें रही कि तुम्हे मेरी बात मान लेने मे कोई एतराज़ नहीं हैँ फिर भी मै चाहुँगा कि तुम्हारे इस मौन का भावार्थ समझने की चेष्टा अवश्य करके देखु कि कही तुम इस धैर्य धारण के कवच से अपने ह्रदय को आहत तो नहीं कर रहे हो? ©Arora PR मौन का भावार्थ
Abhishek Rajhans
दर्द मुझे कितनो ने दिया सब भूल जाना चाहता हूँ दर्द को सीने से लगा कर दर्द को जी लेना चाहता हूँ कब किसने सीने पर वार किया कब किसने पीठ पर खंजर भोंका सब भूल जाना चाहता हूँ दर्द को जी लेना चाहता हूँ थी भूल मेरी ये गैरो को अपना बनाने की अपनों ने भी बेरुखी ऐसी की की सब अब राख कर देना चाहता हूँ मैं अब और कुछ नहीं जज्बातो के जंजाल से रिहाई चाहता हूँ नींद अगर मौत आने से आये तो मैं अब मौत चाहता हूँ दर्द को सीने से लगा कर दर्द को अपना बना कर सब भूल जाना चाहता हूँ दर्द को जी लेना चाहता हूँ —अभिषेक राजहंस मेरी कविता --"दर्द को जी लेना चाहता हूँ"
pradeep gautam
तेरी यादो की तन्हाई मे लिपट के ना मे अब रोना चाहता हूँ जिन नींदो के सपनो मे तू ना आए मे एसी नींद सोना चाहता हूँ तूझे भुलाने की एसी ज़िद पकड़ी ह मेने ना चाहते हुए भी मे किसी का होना चाहता हूँ -प्रदीप किसी का होना चाहता हूँ ❤️
Kundan Singhania
चाहता हूँ, बहुत चाहता हूँ, ये बात तूझे भी मालूम होगी लेकिन जब कोई पूछेगा मेरी जबाब "नही " होंगी ©Kundan Singhania चाहता हूँ,बहुत चाहता हूँ#Love #alone
Parasram Arora
मेरे मौन शब्दों का अर्थ जानना निरर्थक सिद्ध हो सकता है यधपि उनका भावार्थ समझा जा सकता है.... क्योंकि भाव की कोई भाषा नहीं होती वहा तो केवल अनुभूति का अस्तित्व होता है वो तो वैसा ही है जैसे चन्द्रमा की मौन चांदनी की स्निग्धता का सुखद अहसास जैसे वक्ष की ऊँची शाखाओं पर हवाओं क़ि हलचल से उपजि..हुई खड़खड़ाहट और सरसराहट पत्तों की ©Parasram Arora मौन शब्दों का भावार्थ.......
Vishal rahi sirf rahi
कुछ इस तरह से मेरी कहानी कि सुरुआत है । ए सिर्फ लब्ज़ ही नहीं मेरे दिल के जज़्बात है । जब भी उसे देखता हूँ मानो सब कुछ ठहर सा जाता है । चारो तरफ सन्नाटा होता मन सहन सा जाता है । रातो को कुछ ऐसे ख्याल आते हैं उसके मै सोना नही चाहता मै चाहता तो हूँ उसे पर रोना नहीं चाहता । चाहता हूँ
Ajay Chaurasiya
मैं तुम्हे कुछ बताना चाहता हूँ, तुम्हे फिर अपना बनाना चाहता हूँ, कब तक सवारूँ तुम्हे कल्पनाओं में, मै तुम्हे हकीकत बनाना चाहता हूँ, तुम मेरा सच हो कोई ख्याल नही, यही तो मैं तुम्हे समझाना चाहता हूँ, मुझे बारिशें पसंद है बोहोत समझी ना, मैं बस तुम्हारे साथ भीग जाना चाहता हूँ, अब नही उठाया जाता ये यादो का बोझ मुझसे, लौट आओ मै फिर जी जाना चाहता हूँ... ©Ajay Chaurasiya #चाहता हूँ...