Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बिचित्र Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बिचित्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बिचित्र.

    PopularLatestVideo

Divyanshu Pathak

Dear जिंदगी😊☕🍨🍨🍨 तू बड़ी बिचित्र है।

read more
सामान्य व्यवहार :
कुछ लोग अच्छे लगते है कुछ बहुत अच्छे लगते है लेकिन कोई एक होता है जो सबसे ज्यादा अच्छा लगता है।
ऐसा कैसे हो जाता है ?
:
विशिष्ट व्यवहार
: उसके अलावा कोई अच्छा ही नहीं लगता
:
अति विशिष्ट व्यवहार
: जिसे कोई विशिष्ट नहीं लगता 
किया है कभी मिले हो ऐसे इंसान से
😊☕💐🍇🍨 Dear
जिंदगी😊☕🍨🍨🍨
तू बड़ी बिचित्र है।

Divyanshu Pathak

मैं अधूरा सा हो जाता हूँ तुम बिन .... Dear जिंदगी तुम हो कहाँ ?☺💐💐 #YourQuoteAndMine Collaborating with Divyansu Pathak Collaborating with

read more
मेरा आईना तो आपका दिल है जी ....  मैं अधूरा सा हो जाता हूँ तुम बिन ....
Dear
जिंदगी 
तुम हो कहाँ ?☺💐💐 #YourQuoteAndMine
Collaborating with Divyansu Pathak
Collaborating with

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुंदरकांड🙏 लंका नगरी और उसके सुवर्ण कोट का वर्णन अति उतंग जलनिधि चहु पासा। कनक कोट कर परम प्रकासा॥6॥ पहले तो वह बहुत ऊँची है,फिर उसके चारो #समाज

read more
🙏सुंदरकांड🙏
लंका नगरी और उसके सुवर्ण कोट का वर्णन
अति उतंग जलनिधि चहु पासा।
कनक कोट कर परम प्रकासा॥6॥
पहले तो वह बहुत ऊँची है,फिर उसके चारो ओर समुद्र की खाई -उस पर भी सोने के परकोटे (चार दीवारी) का तेज प्रकाश कि जिससे नेत्र चकाचौंध हो जाए॥

                छन्द 1
लंका नगरी और उसके महाबली राक्षसों का वर्णन
कनक कोटि बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना।
चउहट्ट हट्ट सुबट्ट बीथीं चारु पुर बहु बिधि बना॥
गज बाजि खच्चर निकर पदचर रथ बरूथन्हि को गनै।
बहुरूप निसिचर जूथ अतिबल सेन बरनत नहिं बनै॥
उस नगरी का रत्नों से जड़ा हुआ सुवर्ण का कोट,अतिव सुन्दर बना हुआ है-चौहटे, दुकाने व सुन्दर गलियों के बहार, उस सुन्दर नगरी के अन्दर बनी है-जहा हाथी, घोड़े, खच्चर, पैदल व रथो की गिनती कोई नहीं कर सकता और जहा महाबली, अद्भुत रूपवाले राक्षसो के सेना के झुंड इतने है कि जिसका वर्णन किया नहीं जा सकता॥

                    छन्द 2

लंका के बाग-बगीचों का वर्णन
बन बाग उपबन बाटिका सर कूप बापीं सोहहीं।
नर नाग सुर गंधर्ब कन्या रूप मुनि मन मोहहीं॥
कहुँ माल देह बिसाल सैल समान अतिबल गर्जहीं।
नाना अखारेन्ह भिरहिं बहुबिधि एक एकन्ह तर्जहीं॥
जहा वन, बाग़, बागीचे, बावडिया, तालाब, कुएँ, बावलिया शोभायमान हो रही है।
जहां मनुष्य कन्या, नागकन्या, देवकन्या और गन्धर्वकन्याये विराजमान हो रही है – जिनका रूप देखकर, मुनि लोगोका मन मोहित हुआ जाता है॥कही पर्वत के समान बड़े विशाल देहवाले महाबलिष्ट, मल्ल गर्जना करते है और अनेक अखाड़ों में अनेक प्रकारसे भिड रहे है और एक एक को आपस में पटक पटक कर गर्जना कर रहे है॥

                छन्द 3

लंका के राक्षसों का बुरा आचरण
करि जतन भट कोटिन्ह बिकट तन नगर चहुँ दिसि रच्छहीं।
कहुँ महिष मानुष धेनु खर अज खल निसाचर भच्छहीं॥
एहि लागि तुलसीदास इन्ह की कथा कछु एक है कही।
रघुबीर सर तीरथ सरीरन्हि त्यागि गति पैहहिं सही॥
जहां कही विकट शरीर वाले करोडो भट,चारो तरफ से नगरकी रक्षा करते है और कही वे राक्षस लोग, भैंसे, मनुष्य, गौ, गधे,बकरे और पक्षीयों को खा रहे है॥राक्षस लोगो का आचरण बहुत बुरा है।इसीलिए तुलसीदासजी कहते है कि मैंने इनकी कथा बहुत संक्षेपसे कही है।ये महादुष्ट है, परन्तु रामचन्द्रजीके बानरूप पवित्र तीर्थ नदी के अन्दर अपना शरीर त्याग कर, गति अर्थात मोक्षको प्राप्त होंगे॥

...निरंतर मंगलवार को...,

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 100 से 110 नाम 🙏🌹

100 अच्युतः अपनी स्वरुप शक्ति से च्युत न होने वाले
101 वृषाकपिः वृष (धर्म) रूप और कपि (वराह) रूप
102 अमेयात्मा जिनके आत्मा का माप परिच्छेद न किया जा सके
103 सर्वयोगविनिसृतः सम्पूर्ण संबंधों से रहित
104 वसुः जो सब भूतों में बसते हैं और जिनमे सब भूत बसते हैं
105 वसुमनाः जिनका मन प्रशस्त (श्रेष्ठ) है
106 सत्यः सत्य स्वरुप
107 समात्मा जो राग द्वेषादि से दूर हैं
108 सम्मितः समस्त पदार्थों से परिच्छिन्न
109 समः सदा समस्त विकारों से रहित
110 अमोघः जो स्मरण किये जाने पर सदा फल देते हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुंदरकांड🙏
लंका नगरी और उसके सुवर्ण कोट का वर्णन
अति उतंग जलनिधि चहु पासा।
कनक कोट कर परम प्रकासा॥6॥
पहले तो वह बहुत ऊँची है,फिर उसके चारो

Vikas Sharma Shivaaya'

Atama namaste divine souls. Its a beautiful new sunrise of the 1 St day of New year. Set ur resolution for this year. May all be blessed wit #समाज

read more
Atama namaste divine souls. Its a beautiful new sunrise of the 1 St day of New year. Set ur resolution for this year.
May all be blessed with divine 🙏🏵️😇❤️💫🔥

सुन्दरकाण्ड
दोहा – 4
थोड़े समय का सत्संग – स्वर्ग के सुख से बढ़कर है
तात स्वर्ग अपबर्ग सुख धरिअ तुला एक अंग।
तूल न ताहि सकल मिलि जो सुख लव सतसंग ॥4॥
हे तात!, स्वर्ग और मोक्ष के सब सुखों को तराजू के एक पलड़े में रखा जाए तो भी वे सब मिलकर(दूसरे पलड़े पर रखे हुए)उस सुख के बराबर नहीं हो सकते,जो क्षण मात्र के सत्संग से होता है ॥4॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

प्रभु श्रीराम को निरंतर स्मरण करने के फायदे
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।
हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई।
गोपद सिंधु अनल सितलाई॥1॥
अयोध्यापुरी के राजा रघुनाथ को हृदय में रखे हुए नगर में प्रवेश करके सब काम कीजिए॥उसके लिए, अर्थात, जिसके मन में श्री राम का स्मरण रहता है,विष अमृत हो जाता है,शत्रु मित्रता करने लगते हैं,समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है,अग्नि में शीतलता आ जाती है॥

हनुमानजी का लंका में प्रवेश
हनुमानजी, छोटा सा रूप धरकर, लंका में प्रवेश करते है
गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही।
राम कृपा करि चितवा जाही॥
अति लघु रूप धरेउ हनुमाना।
पैठा नगर सुमिरि भगवाना॥2॥
और हे गरूड़जी! जिसे राम ने एक बार कृपा करके देख लिया,उसके लिए सुमेरु पर्वत रज के समान हो जाता है॥
तब हनुमानजी ने बहुत ही छोटा रूप धारण किया,और भगवान का स्मरण करके नगर में प्रवेश किया॥

हनुमानजी, रावण के महल तक पहुंचे
मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा।
देखे जहँ तहँ अगनित जोधा॥
गयउ दसानन मंदिर माहीं।
अति बिचित्र कहि जात सो नाहीं॥3॥
उन्होंने एक-एक (प्रत्येक) महल की खोज की।जहाँ-तहाँ असंख्य योद्धा देखे॥फिर वे रावण के महल में गए।
वह अत्यंत विचित्र था, जिसका वर्णन नहीं हो सकता॥

हनुमानजी, सीताजी की खोज करते करते, विभीषण के महल तक पहुंचे
सयन किएँ देखा कपि तेही।
मंदिर महुँ न दीखि बैदेही॥
भवन एक पुनि दीख सुहावा।
हरि मंदिर तहँ भिन्न बनावा॥4॥
हनुमानजी ने, महल में रावण को सोया हुआ देखा।वहां भी हनुमानजी ने सीताजी की खोज की,परन्तु सीताजी उस महल में कही भी दिखाई नहीं दीं॥
फिर उन्हें एक सुंदर महल दिखाई दिया।उस महल में भगवान का एक मंदिर बना हुआ था॥

शाबर शनि मंत्र:-

llओम गुरूजी थावर वार.थावर आसन थरहरो. पॉंच तत्व की विद्या करो पॉंच तत्व का साधो करो विचार.तो गुरू पावूं थावर
वार शनिवार कश्यप गोत्र कृष्ण वर्ण तेईस
हजार जाप सोरठ देश पश्चिम स्थान धनुषाकार मंडल,तीन अंगुल़,मकर कुम्भ राशि के गुरू को नमस्कार.सत फिरे तो वाचा फिरे,पान फूल वासना सिंहासन धरे.तो इतरो काम थावर जी महाराज करे. ओम फट् स्वाहा ll

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज से नाम
177 अनिर्देश्यवपुः जिसे बताया न जा सके
178 श्रीमान् जिनमे श्री है
179 अमेयात्मा जिनकी आत्मा समस्त प्राणियों से अमेय(अनुमान न की जा सकने योग्य) है
180 महाद्रिधृक् मंदराचल और गोवर्धन पर्वतों को धारण करने वाले
181 महेष्वासः जिनका धनुष महान है
182 महीभर्ता प्रलयकालीन जल में डूबी हुई पृथ्वी को धारण करने वाले
183 श्रीनिवासः श्री के निवास स्थान
184 सतां गतिः संतजनों के पुरुषार्थसाधन हेतु
185 अनिरुद्धः प्रादुर्भाव के समय किसी से निरुद्ध न होने वाले
186 सुरानन्दः सुरों (देवताओं) को आनंदित करने वाले
187 गोविन्दः वाणी (गौ) को प्राप्त कराने वाले

👆बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' Atama namaste divine souls. Its a beautiful new sunrise of the 1 St day of New year. Set ur resolution for this year.
May all be blessed wit

atrisheartfeelings

#Sundarkand #Sunderkand #ananttripathi #atrisheartfeelings #Devotional #GoodMorning प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ गरल

read more
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।
हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई।
गोपद सिंधु अनल सितलाई॥
 गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही।
राम कृपा करि चितवा जाही॥
अति लघु रूप धरेउ हनुमाना।
 पैठा नगर सुमिरि भगवाना॥
मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा।
देखे जहँ तहँ अगनित जोधा॥
गयउ दसानन मंदिर माहीं। 
अति बिचित्र कहि जात सो नाहीं॥
सयन किएँ देखा कपि तेही।
मंदिर महुँ न दीखि बैदेही॥
भवन एक पुनि दीख सुहावा।
हरि मंदिर तहँ भिन्न बनावा॥ #sundarkand #sunderkand #ananttripathi #atrisheartfeelings #devotional #goodmorning 

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥
गरल

आदरणीय चित्र विचित्र जी #समाज

read more
mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile