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Abhijeet

#Nojoto #Holi #colorfulholi ~ साँवरिया रंग मोहे भावे ~ सांवला रंग मोहे भावे रंगरसिया। मन मलंग पे गुलाल मल जावे ।। मोहे रूप निहारत, बरजोर #Poetry

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#nojoto #holi #colorfulholi

 ~ साँवरिया रंग मोहे भावे ~

सांवला रंग मोहे भावे रंगरसिया।
मन मलंग पे  गुलाल मल जावे ।।
मोहे रूप निहारत, बरजोर

RITU

भटकते हुए जिंदगी निकल जायेगी
किनारों से टकरा लहरे थक जायेगी
क्या पता था कि आंखे तरस जायेगी 
 दरस ना हुए तेरे मौत भी लौट जायेगी

©RITU #mountain 
,#दरस
#आंखे
#तरस 
#दीदार 
#मौत

Ashraf Ali

कबीर दास के दोहे,,,

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1,,,,,
कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर।।
नाही काहू से दोस्ती, नाही काहू से बैर ।।
2,,,,
बड़ हुओ तो का हुओ । जैसे पेड़ खजूर।।
पंछी को छाया नाही । फल लगे अति दूर ।।
3,,,,
कबीर दास के उल्टा बाणी ।
बरसे कंबल भीगे पानी ।।

©Ashraf Ali कबीर दास के दोहे,,,

Abhshek

कबीर दास जी के दोहे।

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कहतें हैं कि कबीर दास जी अपने जमाने के दोहाकर और रचनात्मक कवि थे। जितने दोहे उन्होंने लिखे सब सत्यता पर अधारित है।
उनके दो दोहे मुझे बहोत ही पसंद है।
1  बुरा जो देखन मैं चला बुरा मिलिया कोई,
जो दिल खोजा अपनो मुझसे बुरा ना कोई।
2  यह तन कांचा कुंभ है लिया फिरऐ था साथ, ढबका लागे फूट गयो कुछ ना आया हाथ।

©shayar Abhshek कबीर दास जी के दोहे।

Sunita Shanoo

रहीम दास जी के दोहे

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बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय. रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय.
अर्थ : मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा.
 रहीम दास जी के दोहे

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

#mनिर्झरा वैभव विलास सब सोहत तोहे श्याम तोर रूप लुभावत मोहे द्वि कर पंकज मुरली लुभावती कान्हा तोरी प्रीत नचावति मोहे.! मोर हिय लेत हिलोर #Krishna #प्रेम #yqhindi #yqquotes #भक्ति #राधे_कृष्णा #yqbesthindiquotes

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वैभव विलास सब सोहत तोहे
श्याम तोर रूप लुभावत मोहे
द्वि कर पंकज मुरली साजती
कान्हा तोरी प्रीत नचावति मोहे.!


मोर हिय लेत हिलोर पल छन
जागत सोवत सपन दिखत मोहे
बियोग जोग रोग मोहू लागत है
मनोहर तोरी प्रीत बौरावत मोहे.!


दस दिसी सूरत दिखत तोही
काहे तू जग बिसरावत मोहे
कानन कुंज भटकत चाह तोहि
मुरलीधर काहे बिसराये तू मोहे!


मन कुमुद कुमलाये सोचत तोहे
हिय पीर  बढ़त ज्यों  चांद  मोहे
आवहु गिरधारी देर भली अब होय
थामहु छाँडि चलि सांस अब मोहे!
🌹
Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा 
वैभव विलास सब सोहत तोहे
श्याम तोर रूप लुभावत मोहे
द्वि कर पंकज मुरली लुभावती
कान्हा तोरी प्रीत नचावति मोहे.!


मोर हिय लेत हिलोर
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