#समीकरण
प्रेम में पड़ी लडक़ी
नहीं देखना चाहती जीवन में
किसी तरह की विषमता।
ज़िन्दगी को जीना चाहती है
कविताओं के समीकरण से।
भागती हैं दूर गणित #yqdidi#yqhindi#yqpoem
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Vedantika
प्रविष्टि-४
शाम ढलने को थी लेकिन उसका मन नहीं किया घर लौटने का। वो समुद्र की लहरों में अपने मन की हलचल को दबाने की नाकाम कोशिश कर रही थी। अ
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Anil Siwach
|| श्री हरि: ||
65 - आँधी आयी
'हम्मा।' गायों ने कान खड़े का दिए हैं। चरना बंद करके वे स्वयं एकत्र हो गयी हैं झुण्ड की झुण्ड और अब लगता है कि #Books