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पूर्वार्थ

नए शहर आया हूँ नया मुक़ाम ढूढ़ने।
ज़िंदगी में जो खोया वो सुकूँन नाम ढूढ़ने।
देखते है ये शहर कितना अपनाता है।
हम तो बस चले आये है,खुद में खोया इंसान ढूढ़ने

©पूर्वार्थ #नया_शहर

Rajesh rajak

नवांकुर

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हम क्या कर रहे हैं,रोज जीने की आस में तिल तिल मर रहे हैं,
आओ कुछ नया करें,हम भी क्यों जिएं मरने के लिए,
जीने के लिए तो सभी  मर रहे हैं,
बो कर जाएं कुछ बीज अच्छाइयों,केजिनसे निकलें,नवांकुर के फूल नफ़रत तो सभी बो रहे हैं,, नवांकुर

डॉ रवि शाक्या

नवांकुर #कविता

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डॉ रवि शाक्या

नवांकुर "अक्षत" #शायरी

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Mohan Sardarshahari

फूटते हैं नवांकुर #ज़िन्दगी

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प्रदीप बानवंशी

प्रदीप कुमार बा नवांशी #ज़िन्दगी

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Bilal Aabid

#नवांकुर साहित्य में प्रकाशित मेरी ग़ज़ल

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मो. बेलाल सारनी #नवांकुर साहित्य में प्रकाशित मेरी ग़ज़ल

😘__Bhura420

नवांकुर हाई स्कूल देवरी रायसेन #मध्यप्रदेश #वृक्षारोपण_मनाते_हुए #Navankur_high_school_deori #nojotophoto

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 नवांकुर हाई स्कूल देवरी  रायसेन 
#मध्यप्रदेश 
 #वृक्षारोपण_मनाते_हुए

#Navankur_high_school_deori

Rajesh rajak

बीज को जमीन में दफन हुए बगैर,नवांकुर नहीं मिलता,

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जिंदगी हौंसले का नाम है,
तभी तो चलती है,बेझिझक तमाम उम्र मौत के साथ,
जीवन है तो मृत्यु है, गर मृत्यु नहीं तो नव जीवन
कैसा?

©Rajesh rajak बीज को जमीन में
दफन हुए बगैर,नवांकुर
नहीं मिलता,

vinay vishwasi

काव्य संग्रह "नवांकुर" में संकलित (कृपया like के साथ follow भी करें)

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         आज की संसद

संसद तो अब दिख रही है जंग का मैदान,
संसद में छिड़ गया है युद्ध घमासान।


बाहर-भीतर  चल रहा  है  उठा-पटक  का  दौर,
एक दूसरे को पस्त करने की है कोशिश पुरजोर।


शोरगुल  से  गूँज  उठा  है  पूरा  आसमान,
कोई किसी से कम नहीं, कैसे हो समाधान?


देश की अखण्डता, सम्प्रभुता के लिए लेते हैं शपथ,
संसद में पहुँचते ही करते हैं खूब छल-कपट।


कार्यवाही बाधित कर करते संसद का अपमान,
ऐसा ही चलता रहे फिर देश कैसे बने महान?


क्षेत्र  भ्रमण  करते  नहीं  फिर  भी  लेते  हैं  भत्ते,
निज वेतन गर हो बढ़ाना, बिल पास कराएँ हँसते-हँसते।


आरोप-प्रत्यारोप लगाकर भटका रहे जनता का ध्यान,
जनता  को गुमराह  करने  का  ये  है  तरीका आसान।

©विनय कुशवाहा 'विश्वासी'
 काव्य संग्रह "नवांकुर" में संकलित
(कृपया like के साथ follow भी करें)
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