Find the Latest Status about ए मेरे हमसफर सीरियल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ए मेरे हमसफर सीरियल.
Shyamveer
वो जो हमसे नफरत करते हैं, हम तो आज भी सिर्फ़ उन पर मरते हैं, नफ़रत है तो क्या हुआ यारों, कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं। ©Shyamveer ए मेरे हमसफर
@Niharika_@Sah
ऐ मेरे हमसफर मुझे तेरी रफ्तार से चलना नही आया ना तेरी दलीलें कम है.... ना हमारे मसले ©@Niharika_@Sah #ए #मेरे#हमसफर
rakesh
जिंदगी एक सफर है तो तुम हमसफर बन जाओ राहें मुश्किल हो तो क्या तेरी राहों के कांटो को हम फूलो से भर देंगे ©rakesh हमसफ़र #hugday #हमसफर
Suresh khare
जब हो गई बहुत लम्बी जुदाई हो जब बन गए हालात ए तन्हाई हों फिर आंखें पल पल रोती हैं तब एक हम सफर की जरुरत होती है।। जब सुनसान सफर पे जाना हो जब दिखाई देता ना कोई ठिकाना हो फिर मायूस दिखती सूरत होती है तब एक हमसफर की जरुरत होती है।। जब कोई जिंदगी की गाड़ी चलाना चाहे जब घर कोई अपना बसाना चाहे फिर सपनो में शुरू आनी मूरत होती है तब एक हमसफर की जरुरत होती है।। ✍️ सुरेश खरे ©Suresh khare हमसफ़र #हमसफर👫
Kalpana sagar(GK)
तेरे बीना ये जिन्दगी कितनी अधुरी है तेरे इश्क की तस्वीर आज भी न सुनी है कभी साथ चलते थे हम दोनो आज दोनो के बीच सैकड़ो मीलो की दूरी है मेरा हमसफर # मेरी राहे#
kavious
इस कदर है कि अब मुझपर होता नहीं किसी का बसर है मेरी तन्हाई ही अब मेरी हमसफर है !! ©kavious मेरी तन्हाई मेरा हमसफर !!
Saket Ranjan Shukla
ऐ हमसफ़र मेरे सफ़र में मेरे साथ चलना तुम्हें भी होगा, मेरे ही साथ साथ बदलना तुम्हें भी होगा, साथ बिखरने की बात सब करते हैं अब, मेरे कदमों के सहारे सँभलना तुम्हें भी होगा, हमसफ़र तुम मेरे, कैसे आगे बढूँ तुम्हारे बिना, कामयाबी की सीढ़ियाँ ये, कैसे चढ़ूँ तुम्हारे बिना, साथ चलने की बात हुई थी, बहाने मैं सुनूँगा नहीं, साथ में सपने संजोए थे, कैसे पूरे करूँ तुम्हारे बिना, नाउम्मीदी के साए से, साथ निकलना तुम्हें भी होगा, हमसफ़र मानते हो मुझे तो साथ चलना तुम्हें भी होगा। IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla हमसफ़र मेरे...! #हमसफर #love #always_and_forever #soulmate #स्याहीकार #my_pen_my_strength #Love #soulmate
Geeta Sharma pranay
हमसफर =========== बहुत बार देखा, जिंदगी में, बचपन और यौवनकाल तो सरलता से व्यतीत हो जाता हैं हस्ते-खेलते परिवार के साथ | पर! जीवन के अंतिम पड़ाव(वृद्धावस्था) पर जिंदगी में वास्तविकता से परिचय होता हैं, कि कौन कितना अपना हैं, यदि हमसफर है तो जिंदगी का ये वक्त भी सरलता से व्यतीत हो जाता हैं और नहीं हो तो,,,???? एक महिला को अपने मन की बात किसी को भी कह कर हलका कर लेती हैं, पर! एक पुरूष अपने स्वभाव वश किसी को कहना तो दूर, आँसू भी नहीं बहा सकता,,, ये वक्त ही जटीलताओं से परिपूर्ण होता हैं,, शायद! उस वक्त महसूस होता हैं,, कि एक साथी,, एक हमसफर का जिंदगी में होना कितना अनिवार्य हैं, शायद !वह आँखों की रोशनी, जीवन की लाठी, और जीने का सहारा होता हैं, जिंदगी में इस वक्त के लिए ही एक हमसफर की जरूरत होती हैं, जिसके पास नहीं हैं वो शायद! इस कमीं को अच्छी तरह महसूस कर सकता हैं..... तब एक ही शब्द निकलता है... "मेरे हमसफर" गीता शर्मा प्रणय मेरे हमसफर