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Smita Sapre
मेरी साइकिल सा चले, सबके जीवन चक्र का पहिया इसकी कहानी सुनो भैया सुख दुःख के पहिए इसमें आगे पीछे जोड़ दिए। खुशी या गम मिले दिल दिमाग़ का बैलेंस न कभी बिगड़े। कुछ भी हो अंत तक पेडल चलाना याने कार्य करते है जाना। कभी राह आसान कभी कठिन होगी। मुस्कराकर होले होले चलो मुश्किल कभी न होगी। ©Smita Sapre #साइकिलयाजीवन #WorldBicycleDay2021
#साइकिलयाजीवन #WorldBicycleDay2021 #कोट्स
read moreRohit Kahar
मेरी साइकिल जब मैं छोटा था करीब 5 साल का तब मेने साइकिल अपने चाचा को, बड़े भाई को साइकिल चलाते देखा।तब फिर मेने भी उनसे कहा की मुझे भी साइकिल चलाना है तब फिर उन्होंने कहा कि गिर जायेगा लग जायेगी। मैं बोला की नहीं मुझे चलनी है मैं चलाऊगा।उन्होंने मना किया मैं फिर शाम को अपने दादा जी से 2 रूपये लेकर किराए की एक छोटी से साइकिल आधा घंटे के लिए ले आया और उनको मेने बताया कि मैं भी साइकिल लेकर आया हूं तुम लोग मुझे चलाना सीखा दो । बो बोले की ठीक है मैं बहुत खुश हुआ फिर क्या वो लोग मुझे पीछे बिठा के खुद साइकिल चलाते थे। कम से कम 2हफ्तो तक ऐसा हुआ।फिर एक दिन मैं बोला की मुझे साइकिल चलाना है फेरी (घूमना) नही कराना है।फिर उन्होंने कहा गिर जायेगा लग जायेगी।फिर अगले दिन मैं साइकिल फिर से लेकर आया और मैने अपने पड़ोस वाले चाचा से कहा उन्होंने मुझे साइकिल पे बैठा के बोले की सामने देखना नीचे मत देखना ,मुझे डर लग रहा था कही गिर न जाऊ वो मेरी साइकिल को पीछे से पकड़ के मुझे उस पर बिठा कर कुछ दूर तक ले जाते और छोड़ देते थे मै नीचे देखता था तो गिर जाता था और फिर कुछ दिनों बाद मैं साइकिल अपने पैर टेक टेक कर उनकी मदद से चलने लगा ।एक बार उन्होने मुझे साइकिल पर बिठाया और मै चला रहा था वो पीछे पकड़े हुए थे । मैं कुछ दूर तक गया और उन्होंने मुझे बिना बताए साइकिल को छोड़ दिया हर बार की तरह मैं गिर गया अगली बार क्या हुआ मैं साइकिल से चलाना तो सीख गया लेकिन मोड़ना nhi सीख पाया और आगे जाकर एक दीवार के पिलर से टक्कर मार दी और में गिर पढ़ा।। करीब करीब 2 hafto तक मैने साइकिल दीवार पर मारी ।तब जाके में साइकिल चलाना सिखा। शायद आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा t। ©Rohit Kahar #साइकिल_वाली_कहानी #मेरी_साइकिल #मेरा_बचपन_मेरी_साइकिल #WorldBicycleDay2021
vishwas
मेरी साइकिल मेरी पहली साइकिल की कहानी ऐसी है, कि वो थोड़ी उधारी ही है। वैसे तो मेरे लिए कभी साइकिल खरीदी ही नहीं गई। लेकिन चलाई मैंने खूब है। हाँ बचपन में बड़ी इच्छा थी कि मेरी भी एक साइकिल हो, लेकिन हो नहीं पाई। खेर बात करते है मेरी साईकल पर तो, मैंने तो साइकिल किराए पर लेकर सीखी थी। वो मेरी पहली साइकिल थी और साइकिल यात्रा भी। तब एक रुपये में आधा घंटा और दो रुपये में पूरा घंटा चलाने को मिलती थी। बाद मुश्किल से एक रुपये जोड़ तो लिए, लेकिन साइकिल चलाने की इच्छा पूरी हो तो कैसे हो आती तो थी नही। उस समय उम्र के हिसाब से छोटी ही मिलती थी बच्चो वाली। लेकिन सीखना तो उसे भी था। साइकिल का मालिक शुरू शुरू में एक पार्क में चलाने की अनुमति देता था। हमने भी जोश में हैंडल पकड़ लिया और पैडल जबतक मारते तब तक गिर पड़े। कई बार ऐसा हुआ, फिर साइकिल का मालिक बोला, इसके पीछे से कोई धक्का लगाओ और इसे पकड़ पकड़कर सिखाओ। इस तरह से हमने गिरते पड़ते पहली साईकल चलाई। तो जनाब जेब खर्ची साइकिल सीखने में ही खर्च हो जाती थी। जिस दिन पैसा नहीं होता था, उस दिन किसी को पीछे से धक्का लगाकर, बदले में 5-10 मिनट चलाने को मिल जाती थी। फिर जैसे जैसे बड़े होते रहे, कभी कोई रिश्तेदार आता तो उसकी साइकिल चलाने के लिए उत्सुकता भरी रहती। चोरी छुपे क्रंची चलाकर बड़ी साईकल पर भी हाथ साफ कर ही लिया। लेकिन अपनी बड़े होते होते भी नहीं हो पाई। ©vishwas #साइकिल_दिवस #मेरे_शब्दांश #nojotohindi #WorldBicycleDay2021
Dushyant Yadav Akshay
#OpenPoetry तुम आज साइकिल चलाना.. मैं सांसे सुनुगा.. साइकिल
साइकिल #शायरी #OpenPoetry
read moreLalitPurohit
#WorldBicycleDay #SpecialDay पहले साइकिल की सवारी मेने की मेरे दादाजी के साथ फिर की बहुत मगर मजा तब आया कि सुपके से सीखता था और गिरता था और सब से मजे की बात की उसके अस्थि पंजर बेच के में मूंगफली खा लेता था सच्ची हकीकत lalitpurohit28 #gif साइकिल
साइकिल #Gif #specialday #WorldBicycleDay
read moreRavi chauhan
वो साइकिल की दिवानी मैं उसका दिवाना, फिर क्या था साइकिल दे कर बन गया उसका दिवाना।। साइकिल
साइकिल
read moreShahab
अमीरी दिल की हो तो लोग साइकिल पर भी खुशी मनाते हैं , नहीं तो हमने कारों में भी लोगों को रोते देखा है ! ©Shahab #साइकिल
Sandhya Jha
मेरी पहली साइकिल जो मेरे पापा ने मुझे गिफ्ट की थी। जिसे चलाना सीखते वक्त न जाने में कितनी बार गिरी थी । फिर पापा के एक इशारे पर फिर उठ कर साइकिल चलाने की कोशिशों में लगी थी। उनका ही हौसला ही था जो मेरी साईकिल जमी पर चलते चलते हवा में भी उड़ी थी। मेरी पहली साइकिल जो मुझे मेरे पापा ने गिफ्ट की थी। ©Sandhya Jha (साइकिल) #Health