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वो SabnamKhatoon

जीवन पर कविता #कामुकता

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Poem and Motivation with Divyanshu

आपके जीवन पर कविता । धन्यवाद। #foryou #yourpoem #Mypoem #thought

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मंजिल
              -----------

हारा नहीं मैं ना ही जीता हूं,
मैं तो केवल जिंदगी के खेल से अछुता हूं‌,
मंजिल की राहों में कंकड़ों से टकराता हूं,
थक कर भी मैं पीठ ना दिखाता हूं।

रुका नहीं मैं ना ही दौड़ता हूं,
मैं तो केवल अपनों से टुटा हूं,
पथिक बनकर चलता रहता हूं,
भय को मिटाकर निर्भय बन जाता हूं।
            
धन्यवाद।                            दिव्यांशु राय आपके जीवन पर कविता ।
धन्यवाद।
#foryou #yourpoem #mypoem

Poonam Suyal

आज के #rapidfire में अपने जीवन पर कविता लिखें। #rzजीवनपरकविता #restzone #yqrestzone #rzhindi #collabwithrestzone #yqdidi #YourQuoteAndMine

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दुख में 
खुश रहे
हम निरंतर चलते रहे 




 आज के #rapidfire में अपने जीवन पर कविता लिखें। 

#rzजीवनपरकविता #restzone #yqrestzone #rzhindi #collabwithrestzone #yqdidi #YourQuoteAndMine

Rajveer Salvi

#alone मेरी पहली कविता मेरे जीवन पर...

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Alone  दासता–ए–बेरोजगार

चार बायीं छ: फ़ीट के बन्द कमरे में, बैठ स्कूल लेक्चरार की तैयारी में,
जुटा है एक किशोर|

कुछ बनने की ख्वाहिश लेकर चन्द सालों पहले अपना घर छोड़,
कई मिलों दूर चला आया है,
एक किशोर|

बीते साल रीट में कुछ पॉइंट से रह गया था वो,
 इस अवसाद के साथ एक अनसुलझी,
 ख़ामोश ज़िन्दगी से बहुत कुछ ना कहते हुए भी,
 बहुत कुछ कह रहा है,
एक किशोर|

रोज़ इस फ़िराक से की कही पीछे ना छूट जाऊ मंझिल की राहों से,
इस कम्पा देने वाली सर्दी में भी जल्दी उठ जाता है,
एक किशोर|

रुपयों की अहमियत और मेहनत की
 कमाई से जोड़ें पैसों की क़द्र समझ,
 कई किलोमीटर दूर कोचिंग तक पैदल अपने हौसले भरे पैरों से बढ़ा जा रहा है ,
एक किशोर|

सर्दी आ रही है, मम्मी ने अपने हाथों की गर्म नरमाहट, प्यार और आशीर्वाद से भेजें स्वेटर को पहनकर,
 इस ढलती शाम में भागते वाहनों को चीरते हुए,
अपने कमरे की ओर बढ़ रहा है,
 एक किशोर|

पापा कह रहे थे, बेटा इस बार फसल अच्छी हो जाए तो,
 कुछ पैसे ज्यादा भेजूँगा,
तू एक अच्छा नया स्वेटर ले लेना और पाव भर दूध भी लाकर पी  लेना, 
बीते महीने तू आया था तो बड़ा कमज़ोर दिख रहा था,
पापा के दुलार को बढ़ाने में दिन रात जुटा हुआ है,
एक किशोर |

पर यह क्या था , इस बार तो बारिश बहुत हुई पक्क चुकी फसलें पानी से भर गई चारों ओर खेत में पानी ही पानी था ,
पापा के इस दुःख पर अपनी ज़िंदगी से कई शिकायतों के सवालों,
 के सैलाब से जूझ रहा है,
एक किशोर |

छुटकी बोल रही थी, फ़ोन पे भैया महीनों हो गये आपको देखे,
दीवाली भी  आ रही है,
आओगे ना आप  इस बार ,
ना जाने बदलतीं सरकारें और सत्ता पाकर बेसुध हुए दो-दो शहनशाहो का,
 कब परीक्षा फ़रमान जारी हो जाये इस डर से इस बार दीवाली पर जाने से कुछ नरवश सा हो गया है,
 एक किशोर |

बदलती सरकारों और बदलतें फैसलों महँगाई के चंगुल तथा शिक्षामंत्री जी की,
 चिड़िया उड़ कोवा उड़ खेल में बुरी तरह फंस चुका है, 
आज का हर एक किशोर |

इस उम्मीद से की एक दिन नई सुबह आएगी उसकी जिंदगी में यही सोच रूखी सुखी रोटी खा कर चंद बिस्तर लिपटकर सो रहा है,
एक किशोर |


            लेखक – कैलाश चंद्र सालवी #alone मेरी पहली कविता मेरे जीवन पर...

"kamal uniyal"

#जीवन (कविता) #poem

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Abhishek Trehan

जो कहते है उन्हें किसी का खौफ़ नहीं,
आखों में उनकी भी डर का मंज़र छिपा रहता है,
मुमकिन है किनारों को पता भी न चले,
ठहरे पानी में भी एक बवंडर छिपा रहता है।

कोई माने न माने पर हकीक़त है यही,
रिश्तों का मकसद तो मतलब के अंदर छिपा रहता है,
लोग ढूढ़ते हैं खु़दा को पत्थरों में कहीं,
असली ख़ुदा तो दिल के अंदर छिपा रहता है... #कविता #शायरी #जीवन

Parasram Arora

जीवन और कविता

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जीवन कठोर  धरातल की उपज हैँ....        ज़ब   भी जन्मा  बहा  और युगो तक चलता रहा
लेकिन कविता  एक कमज़ोर मन की. तरल अभिव्यंजना हैँ
कि ज़ब भी जन्म लेती . सांस पूरी ले भी नहीं पाती कि
मर जाती हैँ
जीवन गंध हैँ  चिठ्ठा हैँ जो इतिहास क़ो रचता हैँ  लेकिन
कविता  कोमल भावनाओं की उहापोह का रसायन हैँ 

जीवन गति हैँ कभी तीव्र कभी धीमी पर हैँ वो इस पार की
कविता उड़ान भरती  और उस पार तक ले जातीहैँ
जीवन संगम हैँ स्त्रेण और पुरुष चित्त का पऱ कविता हैँ 
स्त्रेण चित की भावनात्मक मनोदशा
कविता अकेलेपन की लाठी बनने की क्षमता रखती हैँ
जबकि जीवन परिवारों और भीड़  का चहेता बना रहता हैँ
जीवन हैँ खुली आँखों से  देखा गया सपना जबकि कविता.
कल्पनाओ  कि अवशेषों का मात्र एक झरना हैँ.

©Parasram Arora जीवन और कविता

Abhishek Trehan

 #जीवन #कविता #शायरी

Brajesh Kumar Bebak

कविता जीवन अंतर्द्वंद

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Radhe Chandan jha

पहेली जीवन कविता

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