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Pawan Kashyap

शकुंतला

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Abhilasha Dixit

शकुंतला स्मरण

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सखी सुन रही! कोकिला गीत,
लिया है !उसने उर कोजीत
जो स्वभाव से ही स्नेहिल है,
जीवो से रहती घुल मिल है।
मन में लहराता प्रेम तरल है,
मादक स्वर में जो ओझल है।
‌ कैसे,? अनजानी हो सकती.
उसकी विह्वल प्रीति पुनीत।
सखी सुन रही कोकिला गीत।।

शकुंतला स्मरण

©Abhilasha Dixit शकुंतला स्मरण

pearls of shayari

ज़िंदगी का गीत ओ मेरे मन-मीत सुनो!
मेरी जिंदगी का गीत सुनो।।
हवाओं में भेजी मेरी प्रीत सुनो।
तुम बन चुके हो मेरी रीत सुनो।।
मौत से नहीं मैं भयभीत सुनो।
जिंदगी हार दूँ, तुम हो मेरी जीत सुनो।।
ओ मेरे मन-मीत सुनो!
मेरी जिंदगी का गीत सुनो।। #जिंदगी #गीत #जिंदगीकागीत #प्रीत #मनमीत #रीत #भयभीत #जीत

अनंत महेन्द्र

पुत्री के जन्म पर उमड़े भाव गीत के रूप में.. #Poetry #गीत #कविता

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पुत्री के जन्म पर:
थी निशा काली अमावस की, नूरानी हो गयी है।
तुम जो आए ख़ूबसूरत, जिन्दगानी हो गयी है।

शुष्क मरुथल में अचानक बूँद स्वाति की पड़ी हो।
मन के वीरां वन में उजली सी सड़क जैसे मुड़ी हो।
तम के सागर में कोई उम्मीद की नैया खड़ी हो।
इस धरा से उस गगन के मध्य भी कोई कड़ी हो।

यूँ कि हरसिंगार से चितवन सुहानी हो गयी है।
तुम जो आए ख़ूबसूरत, जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली..

जाने कैसे इतना सुंदर मुस्कुराना जानती हो।
हाथ से उंगली मेरी तुम झट से कैसे थामती हो।
कौन सी जादूगरी आती है तुमको मैं न जानूँ।
बन्द नयनों से भी आहट को मेरी पहचानती हो।

थे अधूरे पृष्ठ में पूरी कहानी हो गयी है।
तुम जो आये ख़ूबसूरत जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली..

कोकिला के स्वर से भी सुन्दर तेरी किलकारियाँ है।
तुझ में आजी, दादी, माँ की सुनहली परछाइयाँ है।
तुमने कद मेरा बढ़ाकर कर दिया आकाश भर का।
अब मुझे प्यारी मेरी कंधों पे जिम्मेदारियाँ है।

नवपिता बन स्वप्न धारा आसमानी हो गयी है।
तुम जो आये ख़ूबसूरत जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली.. पुत्री के जन्म पर उमड़े भाव गीत के रूप में..
#poetry #गीत

anil.gangwar.1994000

गीत के गीत

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Abhilasha Dixit

शकुंतला और दुष्यंत विवाह

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तप विश्वामित्र का, ययाति चंद्रवंश तेज
शकुंतला और दुष्यंत बन आए थे।
गुणों के महा पुंज में सुरम्यसे निकुंज में
भारत के वैभव का अनंत बन आए थे।
रुप और तेज दोनों वर में प्रखर थे
फूल के सिंगारमें लता सी थी लतायनी
कोटि अनंगप्रिया संग थे  लजारहे ।
नील घनश्याम बीचजैसे कोई दामिनी।

©Abhilasha Dixit शकुंतला और दुष्यंत विवाह
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