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aher

फिरवली जरी पाठ साऱ्या जगाने इथे शब्द माझा फलंदाज आहे. #nojotophoto

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 फिरवली जरी पाठ साऱ्या जगाने 
इथे शब्द माझा फलंदाज आहे.

i am Voiceofdehati

अर्थ 👉👇 विश्वं विश्वेश्वरेशं च विश्वेशं विश्वकारणम्। विश्वाधारं च विश्वस्तं विश्वकारणकारणम्।। विश्वरक्षाकारणं च विश्वघ्नं विश्वजं परम्। #yqdidi #yqquotes #Srikrishna #सनातन #सत्य_सनातन #yqsnatni #yqsnatnididi

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विश्वं विश्वेश्वरेशं च विश्वेशं विश्वकारणम्।

विश्वाधारं च विश्वस्तं विश्वकारणकारणम्।।

 विश्वरक्षाकारणं च विश्वघ्नं विश्वजं परम्।

 फलबीजं फलाधारं फलं च तत्फलप्रदम्।। अर्थ 👉👇
विश्वं विश्वेश्वरेशं च विश्वेशं विश्वकारणम्।

विश्वाधारं च विश्वस्तं विश्वकारणकारणम्।।

 विश्वरक्षाकारणं च विश्वघ्नं विश्वजं परम्।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 17 - सात्विक त्याग कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेर्जुन। संगत्यक्त्वा फलं चैव स

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
17 - सात्विक त्याग

कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेर्जुन।
संगत्यक्त्वा फलं चैव स

Diwan G

फलक तक। #फलक #रास्ते

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रास्ते यहाँ लोग फलक तक,
साथ चलने की बात करते हैं।
चार कदम साथ चलके,
वो रास्ते ही बदल लेते हैं।।

           Diwan G फलक तक।
#फलक #रास्ते

Rahul Tripathi

फलक से फलक तक....... #InternationalTeaDay

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सुनो! तुम्हे तो याद होगा वो चाय की झोपड़ी से शुरू हुआ प्रेम इश्क़ के रास्ते अंधेरो में खो गया था।

©Rahul Tripathi फलक से फलक तक.......

#InternationalTeaDay

kapil rawat

दिन में काम का रात में तन्हाइयों का कब्जा है..


मिलोगे तो अब फलक पर मिलना इस जमीं में मिलना मुश्किल है.. #फलक

deewana ajeet ke alfaj

फलक

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में तो फलक का मोती हूँ खुदा,,

अब दिल नही लग रहा दुनिया में।

deewana ajeet फलक

Shivesh Tripathi

खुद ही मर जाऊंगा अपने वक्त पर ऐ इश्क,,
तू क्यों मेरी जान का दुश्मन बना बैठा है!! #फलक

हरीश कंडवाल

फलक #कविता

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"फलक"

(पति पत्नी से )
चलो कुछ पल साथ बिता लेते हैं
आज फिर चोरी से मुस्करा लेते हैं
जिंदगी सिर्फ जिम्मेदारीयो के लिए नहीं
चलो कुछ देर के लिए पहले जैसे हो लेते हैं।

(पत्नी पति से)
कुछ पल के लिए क्यो हमेशा साथ रहते हैं
चोरी से क्यो खुलकर मुस्करा लेते हैं
हम तो जिम्मेदारी के साथ मोहब्बत कर लेते है
फिर से हमेशा के लिये पहले जैसे हो लेते हैं। 

(पति पत्नी से)
कह तो सही रहे हो तुम फिर वही दोस्त बन लेते हैं
जो भी गिला शिकवा है खत में लिख लेते हैं
छोड़ दो कुछ पल के लिये यह फोन
साथ मे बैठकर अंताक्षरी खेल लेते हैं। 

(पत्नी पति से)
आज चलो खुलकर हँस लेते हैं
कुछ नहीं तो पुरानी यादें ताजा कर लेते हैं
फलक तक साथ चलने का वादा किया है
चलो मिलकर वादे को फिर से फलक पर लिख लेते हैं। 
"फलक"

(पति पत्नी से )
चलो कुछ पल साथ बिता लेते हैं
आज फिर चोरी से मुस्करा लेते हैं
जिंदगी सिर्फ जिम्मेदारीयो के लिए नहीं
चलो कुछ देर के लिए पहले जैसे हो लेते हैं।

(पत्नी पति से)
कुछ पल के लिए क्यो हमेशा साथ रहते हैं
चोरी से क्यो खुलकर मुस्करा लेते हैं
हम तो जिम्मेदारी के साथ मोहब्बत कर लेते है
फिर से हमेशा के लिये पहले जैसे हो लेते हैं। 

(पति पत्नी से)
कह तो सही रहे हो तुम फिर वही दोस्त बन लेते हैं
जो भी गिला शिकवा है खत में लिख लेते हैं
छोड़ दो कुछ पल के लिये यह फोन
साथ मे बैठकर अंताक्षरी खेल लेते हैं। 

(पत्नी पति से)
आज चलो खुलकर हँस लेते हैं
कुछ नहीं तो पुरानी यादें ताजा कर लेते हैं
फलक तक साथ चलने का वादा किया है
चलो मिलकर वादे को फिर से फलक पर लिख लेते हैं। 

(पति पत्नी दोनों एक साथ) 
जीवन में प्यार का गीत है गुनगुनायेंगे
लाख तूफान है, उम्मीद का दिया जलायेंगे
हाथ में हाथ पकड़कर जीवन का जश्न मनाएंगे
चलो फलक तक नहीं ताउम्र साथ निभायेंगे।

©®@ हरीश कंडवाल "मनखी" की कलम से। ✒📝📝✒।  14/12/2019
(पति पत्नी दोनों एक साथ) 
जीवन में प्यार का गीत है गुनगुनायेंगे
लाख तूफान है, उम्मीद का दिया जलायेंगे
हाथ में हाथ पकड़कर जीवन का जश्न मनाएंगे
चलो फलक तक नहीं ताउम्र साथ निभायेंगे।

©®@ हरीश कंडवाल "मनखी" की कलम से। ✒📝📝✒।  14/12/2019 फलक

बुद्धराज गवळी

# सलं बाकी

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काय बाकी

लुटलो असा लुटण्यात काय बाकी
हरलो नित्य असा जिंकण्यात काय बाकी....

दुःख बरसले धुवाधार पूर नयनाला आला
स्वप्न गेले वाहून यादेत काय बाकी....

जाता जाता तू प्रेम बदनाम माझे केलं
नाव बदनाम झाले माझे नावात काय बाकी......

ह्रदय भग्न अवशेष झाला देह 
देह झाले माती मातीत काय बाकी....

झुकलो नव्हतो मी " त्या "दगडापुढे कधीच
मनच दगड झाले " दगडात "काय बाकी.....

ना विचारवी खुशाली आता ना माझी
" राजन "होता शून्य शून्यात काय बाकी....

बुद्धराज अर्जुन गवळी
(राजन)
कल्याण
०८/०९/२०१७ # सलं बाकी
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