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somnath gawade

वसा संघर्षाचा असला तरी
 प्रश्न मस्तकाच्या मशागतीचा आहे.
सुपीक मस्तकेच उद्याची हिरवी स्वप्नं घेऊन येतील.
संघर्षाच्या लाल रंगा पेक्षा माझ्यासाठी 
शाश्वत हिरवी स्वप्नं महत्वाची आहेत. #पुस्तकें

J P Lodhi.

पुस्तकें ।।

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किताबें  किताबों कुछ कहना चाहती है हम से,।
प्रारम्भ से अंत  और  भूत से लेकर भविष्य के बारे में।
सत्य के बारे में,झूठ के बारे में,भलाई और बुराई के बारे
दया,धर्म,धैर्य के बारे में,धोखे और फरेब के बारे में।
प्रथ्वी,आकाश , पाताल और सूर्य,चन्द्र, तारो के बारे में।
गणित,विज्ञान,साहित्य,भूगोल और इतिहास के बारे में।
सागर,नदियां,पर्वत ,घाटी और झीलों के बारे में।
मर्यादा,सभ्यता,संस्कृति और चरित्र के बारे में।
पशु पक्षी,जीव जंतु,और प्रकृति के बारे में।
प्यार,मोहब्बत और नफरत घृणा के बारे में।
इंसानियत,अहिंसा,उपकार के बारे में।
 हमारे पास रहकर,
 सब कुछ सीखाना चाहती है।
 हमारे पास रहना चाहती है। पुस्तकें ।।

Author Harsh Ranjan

पूजनीय पुस्तकें

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किताबें वरदान हैं,
ये मानता हूँ मैं।
फिर किसी ने मुझे टोका,
कहा, किताबें भगवान हैं।
मैं थम गया।
किताबें इंसानों को नाप चुकी।
किताबें सब कुछ भांप चुकी।
मैंने हामी भरी,
किताबों की पूजा होनी चाहिए!
नहीं। उसने मेरे गले पर
चाकू लगाया, सिर्फ मेरी किताब।
इसलिए कि वो ज्यादा मोटी है?
तेरी चमड़ी मोटी है!
उसने मुझे दो टुकड़े किया
और मजहबी नारा लगाता चला गया।
मैं सोच रहा हूँ कि
किताब में कुछ व्याकरणीय, 
कुछ शाब्दिक, कुछ सैद्धांतिक
अशुद्धियां अक्सर मिलती हैं।
क्योंकि किताबों की स्याही मिटती नहीं,
प्रकाशक नए संस्करण लाते हैं।
कई पुस्तकें जिल्द में पूरी नहीं पड़ती,
लेखक अगली कहानी को
अगली जिल्द में पिरो डालते हैं।
दुनिया की कोई भी किताब,
मैंने समझा है, अकेली नहीं होती,
उसके पहले अनगिनत जिल्दों
का इतिहास और बाद नए जिल्दों के 
स्वरूप की पहेली होती है। पूजनीय पुस्तकें

Author Harsh Ranjan

पूजनीय पुस्तकें

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किताबें वरदान हैं,
ये मानता हूँ मैं।
फिर किसी ने मुझे टोका,
कहा, किताबें भगवान हैं।
मैं थम गया।
किताबें इंसानों को नाप चुकी।
किताबें सब कुछ भांप चुकी।
मैंने हामी भरी,
किताबों की पूजा होनी चाहिए!
नहीं। उसने मेरे गले पर
चाकू लगाया, सिर्फ मेरी किताब।
इसलिए कि वो ज्यादा मोटी है?
तेरी चमड़ी मोटी है!
उसने मुझे दो टुकड़े किया
और मजहबी नारा लगाता चला गया।
मैं सोच रहा हूँ कि
किताब में कुछ व्याकरणीय, 
कुछ शाब्दिक, कुछ सैद्धांतिक
अशुद्धियां अक्सर मिलती हैं।
क्योंकि किताबों की स्याही मिटती नहीं,
प्रकाशक नए संस्करण लाते हैं।
कई पुस्तकें जिल्द में पूरी नहीं पड़ती,
लेखक अगली कहानी को
अगली जिल्द में पिरो डालते हैं।
दुनिया की कोई भी किताब,
मैंने समझा है, अकेली नहीं होती,
उसके पहले अनगिनत जिल्दों
का इतिहास और बाद नए जिल्दों के 
स्वरूप की पहेली होती है। पूजनीय पुस्तकें

Nand lal suthar

पुस्तकें #Rose #कविता

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पुस्तकें

थकावट में राहत का खजाना होती है पुस्तकें
अज्ञान में ज्ञान का प्रकाश होती है पुस्तकें
ग्रीष्म में शीतल हवा सा अहसास होती है पुस्तकें
शीत में सुहाना सा ताप होती है पुस्तकें
और जो दिल को सुकून दे, निराशा में जुनून दे
ऐसी ही कुछ वरदान होती है पुस्तकें।।

नन्दलाल सुथार

©Nand lal suthar पुस्तकें
#Rose

Ganesh Din Pal

पुस्तकें #MereKhayaal

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🌹😢😢😢😢😢🌹
जब किताबें खुली सड़कों पर बिकने लगे और जूते चप्पल शीशे के अंदर तो इससे दुर्भाग्य की बात और क्या होगी? मैं इलाहाबाद गया और वहां रास्ते में जाते समय मैंने देखा कि तमाम झंझावातों को झेलते हुए ,दुनिया भर के निशान अपने शरीर पर धारण किए हुए जीर्ण-शीर्ण पुस्तकें मुंह खोलें आने जाने वालों की तरफ बड़ी मासूमियत और व्याकुलता से निहार रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे वह कह रही हो क्या अब मैं इसी लायक रह गई हूं। सच बताऊं उनका इस तरह से निहारना दिल को झकझोरने वाला था। मेरे भी आंखों से आंसुओं की एक लड़ी निकल पड़ी। मैंने कुछ पुस्तकें देखी उनमें क्या जज्बात लिखे हुए थे। मैंने सीने से लगा लिया और सोचने लगा इस कौम का क्या होगा जो इस तरह से पुस्तकों की इज्जत की धज्जियां उड़ा रहा है। यही पुस्तकें हमें जीवन की उन  ऊंचाइयों को पहुंचाती हैं, जहां से जब हम नीचे देखते हैं  तब हम अपने को पहचानने में भी भूल कर जाते हैं।
🌹😢😢😢🌹
जी डी पाल
🌹🌹🌹

©Ganesh Din Pal पुस्तकें

#MereKhayaal
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