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Swati kashyap
जीवन जब तक है तब तक अंत नहीं केवल अध्याय बदलते हैं प्रतिदिन सुबह के साथ एक आरंभ रात्रि के साथ एक अंत होता है परंतु इति नहीं.... ©Swati kashyap #अध्याय
Poonam
जिंदगी की किताब में कुछ ऐसे भी अध्याय जुड़ते हैं जिन्हे पढ़ा भी नही जा सकता और छोड़ा भी नहीं जा सकता ©Poonam #जिंदगी_की_किताब #अध्याय
gk writes
यह कुछ २० साल पुरानी कहानी की शुरआत २६ जनवरी १९९९ से शूरू हो गयी इस ही तारीख को उस छोटे से बच्चे का इस दुनिया जन्म हुआ ओर वह बच्चा जन्म से ही बिमार रहेता था! इस लिये उस बच्चे के मा-बाप को शुरू से बहुत सी समस्याओ का सामना करना पडा! 🙏आगे की कहानी के लिये आपको Comments करना पडेगा🙏 ©gk writes अध्याय पहिला ✍️ #HeartBook
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। आविः सन्निहितं गुहाचरं नाम महत् पदमत्रैतत् समर्पितम्। एजत् प्राणन्निमिषच्च यदेतज्जानथ सदस-द्वरेण्यं परं विज्ञानाद्यद्वरिष्ठं प्रजानाम् ॥ स्वयं आविर्भूत परम तत्त्व यहाँ सन्निहित है, यह हृद्गुहा में विचरने वाला महान् पद है, इसमें ही यह सब समर्पित है जो गतिमान् है, प्राणवान् है तथा जो दृष्टिमान् है। यह जो यही महान् पद है, उसको ही 'सत्' तथा 'असत्' जानो, जो परम वरेण्य है, महत्तम एवं 'सर्वोच्च' (वरिष्ठ) है, तथा जो प्राणियों (प्रजाओं) के ज्ञान से परे है। Manifested, it is here set close within, moving in the secret heart, this is the mighty foundation and into it is consigned all that moves and breathes and sees. This that is that great foundation here, know, as the Is and Is not, the supremely desirable, greatest and the Most High, beyond the knowledge of creatures. ( मुण्डकोपनिषद् २.२.१ ) #मुण्डकोपनिषद #mundakopanishad #उपनिषद #द्वितीय #अध्याय