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New झण्डू के हरयाणवी चुटकुले Quotes, Status, Photo, Video

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धाकड़ है हरियाणा

#हंसी के रंग - रंगारंग हरियाणा के संग
#रंगारंग हरियाणा
#कांता देवी के चुटकले
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#हरियाणवी मखोल

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BANDHETIYA OFFICIAL

चल चुलबुली बातों से चुटकुला तैयार करें,
दबी जुबां न,खुले लबों बौछार करें,
खुश हो जाये खुदाई, हंसी का हार करें,
हार वहीं किसी की न हो, वो करार करें।

©BANDHETIYA OFFICIAL चुलबुले चुटकुले !

#walkingalone

चुलबुले चुटकुले ! #walkingalone #ज़िन्दगी

17 Love

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FT India

आदमी शराब पी कर गाड़ी चला रहा था!

अचानक गाड़ी एक खम्बे से टकरा गयी!

पुलिस :- बाहर निकल साले

आदमी :- माफ़ कर दो दरोगा जी

पुलिस :- साले दारू पी के गाड़ी चलाता है

मुँह खोल

आदमी :- अरे नहीं साब!

पहले से खूब पी रखी है और कितना पिलाओगे! ? ?

©FT India दारू के चुटकुले

दारू के चुटकुले #हॉरर

6 Love

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Aman Toppo

पति जब काम से घर आया-
ओ भूत !

"भूत नहीं तुम्हारी बीवी हूं"!!

©Aman Toppo
  हंसी के चुटकुले

हंसी के चुटकुले #कॉमेडी

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pappu

#कपिल शर्मा के चुटकुले

#कपिल शर्मा के चुटकुले #कॉमेडी

27 Views

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BRSpal

चुहोँ कि गेँग तलवार लेकर भाग रही थी..
शेर ने पुछा: क्या हुआ,
तुम लोग इतने गुस्से से कैसे भाग रहे हो..?
चुहा: हाथी कि बेटी को किसी ने
प्रपोज किया है, नाम हमारा आ रहा है.
लाशेँ बिछा देँगे.. लाशेँ!

©BRSpal हंसी मजाक के चुटकुले

हंसी मजाक के चुटकुले #जानकारी

10 Love

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Bhim Raj 88

जिंदगी में सिर्फ ‘पाना’ ही सबकुछ नहीं होता, उसके साथ नट-बोल्ट भी चाहिए । – राजभर भीम मिस्त्री

©Bhim Raj 88
  चुटकुले चुटकुले

चुटकुले चुटकुले #कॉमेडी

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Anand Kumar Ashodhiya

खेतड़

मैं खेतड़ तूँ मेम साहब, याहड़े जुगत लगे ना तेरी।
तेरे सिम्पल बाणे नै, छोरे ज्यान काढ़ ली मेरी।।

मैं सरकारी में पढ़ रहया, तेरे कॉलेज का रंग चढ़ रहया।
मेरा रंग भी काला पड़ रहया, तूँ भूरी भक्क सुनेहरी।।

बस तेरे तै प्यार करूँगी, ना कुँए जोहड़ पडूँगी
बिन आई मौत मरुँगी जै बात सुणे ना मेरी।।

म्हारे घर मे छप्पर ढारा, तेरे खड्या महल चौबारा
मैं सोनीपत ते आ रहया, तूँ दिल्ली के रँग ले रही।।

आनन्द तेरी बात सुणुगी , तेरे आँगन बीच रहूँगी।
तेरी गेल्या कष्ट सहूँगी, तूँ सुणले बिनती मेरी।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया

©Anand Kumar Ashodhiya हरयाणवी

#हरयाणवी

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Triveni Nath Upadhyay

{होली}
किसने कैसे होली खेली

वकील की होली- मै शपथ लेता हूँ कि सिर्फ रंग डालूंगा।

अध्यापक की होली- जो-जो बच्चे अपने ऊपर रंग डलवाना चाहते है, वे बच्चे अपना हाथ उठायें।

ट्राफिक पुलिस की होली- मेरे लाल रंग डालने पर रूकिए, पीला रंग डालने पर तैयार हो जाइए,हरा रंग डालने पर भाग जाइए।

नेता जी की होली- मै आश्वासन देता हूँ कि मैं अगली बार सादे पानी की जगह रंग मिले पानी से होली खेलूँगा।

सेल्समैन की होली- बहन जी!हमारी कम्पनी नं 1 रंग डालो कम्पनी है।हमारे पास एक से एक लाजवाब रंग हैं जो आप कहेंगी, वह रंग फेकूंगा।आपकी पड़ोसन ने लाल रंग डलवाया है।आप मेरी मानिए तो काला रंग आपके रंग से खूब मैच करेगा।

भिखारी की होली- थोड़ा सा मुझ पर डाल दो,
बाबू जी!आप जिन्दगी भर-रंग डलवाते रहेंगे।

दूरदर्शन की होली- हमें खेद है कि अचानक रंग खत्म हो जाने के कारण हम आप पर 10 बजकर 8 मिनट से लेकर 11 बजे तक रंग न डाल सके।💐💐

©Triveni Nath Upadhyay
  ||  हसीं के चुटकुलें  ||

|| हसीं के चुटकुलें || #कॉमेडी

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BRSpal

अभी नई-नई शादी के बाद पत्नी के हाथ का खाना पति ने पहली बार खाया।
मिर्च अधिक तेज थी फिर भी वह बात बिगाड़ना नहीं चाहता था।
पति : खाना बहुत अच्छा बना है।
पत्नी : लेकिन, पतिदेव आप रो क्यों रहे हैं?
पति : खुशी के कारण।
पत्नी : और दूं ?
पति : नहीं, मैं ज्यादा खुशी बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा।

©BRSpal हंसी मजाक के चुटकुले

#Love

हंसी मजाक के चुटकुले Love #लव

3 Love

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Dinesh Sharma Dinesh

हरियाणवी कविता 

हरयाणे का रंग 
 - दिनेश शर्मा दिनेश

हरियाणवी कविता हरयाणे का रंग - दिनेश शर्मा दिनेश

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Monu dalal

हरयाणवी शायरी #हरयाणवी# 

#mohabbatein

हरयाणवी शायरी #हरयाणवी# #mohabbatein

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dhanraj solanki

मारवाड़ी चुटकुले के अंदाज अनोखा है

मारवाड़ी चुटकुले के अंदाज अनोखा है #हॉरर

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Anand Kumar Ashodhiya

किस्सा रसकपूर
तर्ज : यह पर्दा हटा दो, ज़रा मुखड़ा दिखा दो

ओ नसीबन बाई, तू महफ़िल में गाणे आई
तनै अक्कल कोन्या आई, कैसा गाणा चाहिए ।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

गुरु मानसिंह नेत्रहीन थे, ज्ञान का पेडा लागे
उसकी मेवा तोड़ तोड़ कै, बड़े बड़े साँगी खागे
ना छाप काटके गाइए, रंग नया छाँट के ल्याईए
कोए ऐसा राग सुनाइये के रंग छाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

गीत भजन और राग रागणी, नाटक या नौटंकी
जितनी कर दयूं, उतनी ए थोड़ी, प्रशंसा लख्मीचंद की
ढंग की लय भी ठाई जा सै, बेसुरी बुरी बताई जा सै
इज्जत की खाई जा सै, ना के पाप कमाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

मायने के महँ श्री दयाचन्द नए नए छंद बणावे 
नई रागनी, नई तर्ज, इसी लय सुर में वो गावै 
चाहवै सै सारा जमाना, प्रसिद्ध कर दिया जग में मायना
इसा मारे तीर रक्काना, के मन भाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

करके याद गुरु अपणे ने, नई रागणी त्यार करै
मांगेराम पाणची आळा, लय सुर की इसी मार करै
पार करै गंगा जी माई, वार करी ना कथा बणाई, 
इसी शब्दाँ की करी घड़ाई, मन हर्षाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

जाट मेहरसिंह फौज में होके, देश के ऊपर मरग्या
देशभक्ति और वीर रस ने, नस नस के महँ भरग्या
करग्या ऊँचा नाम बरोणा, दुश्मन ते कदे डरो ना
बिन आई मौत मरो ना, हँगा लाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

आज बाजे भक्त और धनपत सिंह ना चन्दरबादी साथ में
श्री राजकिशन गए शीश निवा, ब्राहमण जगननाथ ने
बात ने गलत नहीँ बोलेगा, आनन्द नरजे में तोलेगा
इन्हकी चरण रज ले लेगा, शीश निवाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए
ओ नसीबन बाई.....

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

भात  - हरयाणवी रागनी

हे रै चाची ताई अगड पड़ोसन शुभ गीत गवावण लागी 
सासु ननद दौरानी जिठाणी सब भाती  लिवावण  लागी 

मेरे भतीजे चाँद सितारे, सूरज सा मेरा भाई 
तोरण ऊपर खड़ी  बराबर मेरी माँ की जाई 
आगे आगे बैंड बाजता, नाचे लोग लुगाई 
टैम पे आग्या माँ का जाया, मेरी होगी मान बड़ाई 
धो के बारणा चौक पूर  दिया फेर पटड़ा बिछावण लागी 

गज की छाती करके भाई, पटड़े ऊपर खड्या हुया 
लोटे नेग गेरने नै वो मेरी नणदी तै भिड़्या हुया 
मेरे सर पै  चुन्दड़, गल में माला, सोने का कंठा  घड्या हूया 
तोरण ऊपर धर दिया चुन्दड, हीरे मोती जडया हुया 
नणदी प्यारी लड़ लड़ कै  नै, नेग धरावण लागी 

माथे चावल लाती जा, मेरा थर थर हिरदा हिलता 
देख देख कै  भाई भतीजे मेरा मन आनन्द में खिलता 
बिन मांगे जब सब मिल ज्यावे, ना मांगे कुछ भी मिलता 
धी बेटी तै दान करा हुआ दूगना चुगणा फलता 
बड़ी बूढी सब कट्ठी हो के दान का धर्म बतावण लागी 

देइ मान बराबर दौराणी जिठाणी, मेरी ऊँची गर्दन करदी 
हज़ार, पाँच सौ, सौ दो सौ के नोटों ते थाली भर दी 
सबके गल में हार घाल दिए सर पे चूंदड़ धर दी 
आनन्द का यो देख नज़ारा मेरी झर झर अँखियाँ झरती 
खाण्ड  कसार और घी बूरा ते फेर भाती जिमावण लागी 

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

किस्सा भगत पूरणमल - रागनी 6
वृत्तांत : सुंदरा दे की अर्ज गुरु गोरखनाथ से

गुरु गोरख मैं तेरी शरण में, कहया मानल्यो मेरा ।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ।।

मैं सतमासी, निरणाबासी, पूरणमासी आज सै
ब्राह्मण न्यौतु, व्रत करूँ, धर्म पुन्न का काज सै
सारा डेरा, आवै तेरा, भोजन मेरे घर आज सै
सारे बाबा, ल्यावै छाबा, भिक्षा खातिर नाज सै
मैं ब्रह्मकुमारी, अर्ज लगारही, चढ़ता आवै सवेरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा | |

जितने साधु, सारे न्यौतूं, त्यार धरे हैं सत पकवान
कल की बरती, भक्ति करती, मेरा रखल्यो आदर मान
गाणा बजाणा, न्हाणा खाणा, और साथ में हो जलपान
सूती ताणा, भगवाँ बाणा, सबतै बाँटूँ, एक एक थान
व्रत मैं खोलूँ, खुशी में डोलूं, देखकै उसका चेहरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ||

करल्यो तावळ, मीठे चावळ, ठण्डी होती थाळी
गरम मसाले, सारे डाले, लाल मिर्च और काळी
नमकीन पापड़, बढिया सापड़, दही आगरे आळी
घी-बूरा और मोतीचूरा, लाडुवाँ की अदा निराळी
जल्दी चालो, भोजन खाल्यो, चिन्ता में जी मेरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ||

नौकर चाकर, दास और दासी सारे सेवा में तैयार
पैर पकड़ती, अर्ज मै करती, सेवा में खड़ी ताबेदार
बारम्बार, करूँ गुहार, मेरी सुणल्यो अर्ज पुकार
मैं राधा वो कान्हा सादा, दर्शन दे दो कृष्ण मुरार
आनन्द शाहपूर वाले नै किसा रुप का जादू फेरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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राहुल जाटू

 हरयाणवी

हरयाणवी #nojotophoto

0 Love

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Manish Choudhary

कोए मन्दिर की सीढिया प घिसड़दा 
रहया 

किसी न वो बिना मांगे मिलगी 😟
(वाह र ऊपरआले 👍
#मनीष #हरयाणवी
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Champak

स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के ऑफिस के बाहर राजू केले बेच रहा था।

बिजली विभाग के एक बड़े  अधिकारी न पूछा : " केले कैसे दिए" ?

राजू :  केले किस लिए खरीद रहे हैं साहब ?

अधिकारी :-  मतलब ?? 

राजू :-  मतलब ये साहब कि,

मंदिर के प्रसाद के लिए ले रहे हैं तो 10 रुपए दर्जन। 

वृद्धाश्रम में देने हों तो 15 रुपए दर्जन। 

बच्चों के टिफिन में रखने हों तो 20 रुपए दर्जन। 

घर में खाने के लिए ले जा रहे हों तो, 25 रुपए दर्जन 

और अगर *पिकनिक* के लिए खरीद रहे हों तो 30 रुपए दर्जन।

अधिकारी : - ये क्या बेवकूफी है ? अरे भई, जब सारे केले एक जैसे ही हैं तो,भाव अलग अलग क्यों बता रहे हो ??

राजू : - ये तो पैसे वसूली का, आप ही का स्टाइल है साहब। 

1 से 100 रीडिंग का रेट अलग, 
100 से 200 का अलग, 
200 से 300 का अलग। 

आप भी तो एक ही खंभे से बिजली देते हो। 

तो फिर घर के लिए अलग रेट, 
दूकान के लिए अलग रेट, 
कारखाने के लिए अलग रेट, 
फिर इंधन भार, विज आकार.....

और हाँ, एक बात और साहब, 
मीटर का भाड़ा।
मीटर क्या अमेरिका से आयात किया है ? 25 सालों से उसका भाड़ा भर रहा हूँ। आखिर उसकी कीमत है कितनी ?? आप ये तो बता दो मुझे एक बार।

      जागो ग्राहक जागो
        
 बिजली बिल से पीड़ित एक आम नागरिक की व्यथा !
 आगे सेंड कर रहा हूँ, और अगर आपको अच्छी लगे तो...😊👍🏼

©Champak 
  चुटकुले

चुटकुले #Life

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Banwari Singh

चुटकुले

चुटकुले #कॉमेडी

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Er. Nishant Saxena "Aahaan"

चुटकुले

चुटकुले #Comedy

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U shivan rajauria

isko bhi dukh hai बाबू भाई : ऐ राजू इसको भी पिला।  
राजू :  बाबू भाई इसे क्या हुआ।       
   बाबू भाई : इसे भी दुख है। रे               
   राजू : हां भाई लंबू तुझे क्या दुख है      
           बाबू भाई :ए राजू ये क्या बोलेगा मैं बताता हूं  
         बाबू भाई : इसकी डॉगी थी ना मिली जिसने 
 तेरे को काटा था। मेरी लुंगी पड़ी थी।  
राजू : हां,मर गई क्या।                   
     बाबू भाई : अरे नहीं रे बाबा वो हमारे      
        जैसे आवारा कुत्तों के साथ भाग गई रे        
 राजू :😂😂😂😂😂😂 ले लंबू।  
  तू पी रे 🍺🍺🍺🍾🍾 हा हा हा हा
              बाबू भाई : 😂😂😂😂😂😂।                
            इसको भी दुख है रे। हा हा ह...                  
राजू : हां हां हां।

©U shivan rajauria हंसी के चुटकुले बाबू भाई के साथ

#HBDPareshRawal

हंसी के चुटकुले बाबू भाई के साथ #HBDPareshRawal

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Manish Choudhary

इस 8 घण्टे की रात मै 

ऐकला होकै पल -पल मरणा के होवै है यो मेरे तैं "आपनै" सिखाया 😊
#मनीष #हरयाणवी
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Manish Choudhary

किस्मत नै क्यूँ दोष द्यो हो 

ज्यब थारी खुद की पाटी पड़ी है हालाता नै देख कै 😒
#मनीष #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

लव सव

तेरे लव सव का मन्ने बेरा कोन्या, इस लव ते दूर रहूँगी।
तेरी नस नस में छल भरया पड़ा, इस छल ते दूर रहूँगी।।

कदे बाबू कदे जानू शोना, तू दिन देखै ना रात जले।
जब भी बाजे फोन की घण्टी, आज्या सै मेरी स्यात जले।।
तने के करणी से बात जले, तेरी कॉल तै दूर रहूँगी

खेत गली घर गितवाड़े में, मेरे पाछे पाछे आए जा।
पठ्यां के मह हाथ फेर, आँख्यां की कोर नचाए जा।।
तूं मन में लहोर मचाए जा इस, आनन्द तै दूर रहूँगी।

तू  ढ़बियाँ गेल्या करै मसखरी, ले ले के नै नाम मेरा।
थारे घरां उल्हाणा भेजूंगी मैं, जब बुझूंगी गाम तेरा।।
बँधवा कै इन्तजाम तेरा फेर, चैन की सांस लेऊँगी।

मेरे भाईयाँ नै जाण पाटज्या, तूं अपणे हाड़ तुड़ा लेगा।
जै फँसग्या तूँ आनन्द कै तन्ने उसते कुण छुड़ा लेगा।।
तेरे पड़ते हे हाथ जुड़ा लेगा, जै उसते जा कह दूँगी।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

धोखा चीन का

मेरी माँ ने शेर जणया सै, ना उसका दूध लजाऊँगा।
रणभूमि में वीर लड्या करैं, ना पाछै कदम हटाऊंगा।।

भारत माँ का मैं वीर सिपाही, दयूं बॉर्डर ऊपर पहरा।
चौकी ऊपर खड़या तिरंगा, फर फर फर फर फहरा।
चौकस रहियो, चौकस रहियो, मेरा कमाण्डर कह रहा।
धोखेबाज लुटेरे चीनी, घात करैं घणा गहरा
सलूट मारके, अटेंशन होग्या, न पलक ताही झपकाउंगा।।

इतनी कहके सी ओ साहब, दौरा करने चल्या गया।
करके वायदा चीन भूलग्या, याद कराने चल्या गया।
बिन हथियारां बात करी पर, धोखे के मंह छल्या गया।
तू तू मै मै धक्कामुक्की, झगड़े में निहत्था दल्या गया।
बीस तीस चीनी कट्ठे आग्ये, एकला ए सबक सिखाऊंगा।।

भारत माँ के बीस लाड़ले, चीनीयां गेल्या भिड़गे।
बिन हथियारां टूट पड़े, फिर दुश्मन स्यामही अडगे।
चीनी ले रहे लाठी डंडे, हम ताल ठोंक के बड़गे।
भर भर कौली नाड़ तोड़ दी, चीनी ठंडे पड़गे।
कुछ मारे, कुछ नदी में गेरे, एक एक ने मजा चखाऊंगा।।

दहशत फैल गई चीनीयां में, छोरियाँ की ज्यूँ रोवें।
शव पे शव और टूटी गर्दन, रो रो मुंह ल्हकोवें।
हम बीस शेर हुए खेत देश पे, वे चालीस का शव ढोवें।
इब देख के शक्ल हम वीरों की, वे धरती में सिर गोवें।
करके देश सुरक्षित आनन्द, चिर निद्रा सो जाऊँगा।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया

©Anand Kumar Ashodhiya #धोखाचीनका

#हरयाणवी
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Manish Choudhary

हरकते ही नही...मेरी हर बात रूहानी थी

इश्क़ इज्जत आळा था....ना कोई जिस्म की मनमानी थी..😞

#मनीष #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

असली दर्द

तूँ छोड़ के गई मन्ने, कोए गम ना था।
तूँ बोलती भी कोन्या, यो भी कम ना था।
पर असली दर्द मेरे इस,बात का हुआ।
जब देखके भी मन्ने तू, इग्नोर मारगी।।

मैं रोवता रहया, जंग झोवता रहया।
चैन खोवता रहया, तनै टोहवता रहया।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब फोन पे भी आपां ने, ब्लॉक मारगी।।

मन मार भी लिया, तन हार भी लिया।
तेरे प्यार का यो भूत सिर तै, तार भी लिया।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब यारां की तूँ म्हारे स्यामही, बोर मारगी।।

मन रूठ भी गया, दिल टूट भी गया।
तेरे प्यार आळा भांडा इब, फ़ूट भी गया।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब गैरां के रूपया की तूँ, मरोड़ मारगी।।

गैरां की बाँहयां में तूँ, झूल भी गई।
आनन्द के प्यार ने तूँ, भूल भी गई।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब गले में लपेट सांप, मोर मारगी।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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